कानपुर देहात में एक झोपड़ी में आग लगने से माता-पिता और तीन बच्चों की जिंदा जलकर मौत हो गई। 7 लोगों के परिवार के 5 लोग झोपड़ी के अंदर सो रहे थे, तभी झोपड़ी में आग लगी गई। छप्पर गिरने की वजह से बाहर से लोग उन्हें बचाने अंदर नहीं घुस पाए।
मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने जब तक आग पर काबू पाया, तब तक पांचों लोग और पूरी गृहस्थी जल गई। थाना प्रभारी, सीओ और एसपी देर रात मौके पर पहुंचे और जांच-पड़ताल के बाद शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। घटना रूरा थाना क्षेत्र के हारामऊ गांव में बंजारों की बड़ी बस्ती की है।
शॉर्ट सर्किट से आग लगने की आशंका
गांव के लोगों को आशंका है कि शॉर्ट सर्किट की वजह से झोपड़ी में आग लगी है। रात में जब सब सो रहे थे तभी शॉर्ट सर्किट हुआ और झोपड़ी में आग गई। वहीं, पुलिस भी इसी बात को आग लगने का कारण बता रही है।
बंजारा डेरा में सैकड़ों परिवार झोपड़ी में रहते हैं
रूरा के हारामऊ गांव में एक बंजारा डेरा है। डेरा में सैकड़ों परिवार झोपड़ी बनाकर रहते हैं। इस डेरे में प्रकाश अपनी पत्नी रेशम, बेटे सतीश, बहू काजल व दो पोता, एक पोती के साथ झोपड़ी में रहते हैं। प्रकाश व सतीश मजदूरी करते थे। कल भी वह रोजाना की तरह मजदूरी कर घर लौटे। घर पर पत्नी, बहू व बच्चों के साथ खाना खाया। इसके बाद पूरा परिवार झोपड़ी के अंदर सोने चला गया।
झोपड़ी के बाहर सो रहा था बुजुर्ग दंपती
झोपड़ी के बाहर दरवाजे पर ही एक चारपाई डालकर प्रकाश व पत्नी रेशम सोए थे। जब देर रात झोपड़ी से आग लगी, तो सबसे पहले माता-पिता ही जगे। आग की लपटें देख गांव में हो-हल्ला मचने लगा। लेकिन जब तक डेरे के लोग आग बुझाने की कोशिश करते, तब तक छप्पर गिरने से पांचों जिंदगियां खत्म हो गईं।
बच्चा चिल्लाया- पापा बचा लो…
मृतक सतीश के पिता प्रकाश ने रोते हुए बताया, ‘एक कोने से उठी आग ने एक मिनट में पूरी झोपड़ी को अपनी चपेट में ले लिया। बच्चे की आवाज सुनाई दी… पापा बचा लो। आग की वजह से मुख्य दरवाजे से अंदर नहीं घुस सका। दूसरी ओर से परिवार को निकालने की कोशिश की। लेकिन, नहीं निकाल सका। पांच मिनट में मेरा पूरा परिवार खत्म हो गया। आग कैसे लगी, ये मैं नहीं जानता।’
आग की ऊंची-ऊंची लपटें देखकर डर गया
प्रत्यक्षदर्शी श्रीपाल के मुताबिक, “आधी रात में हो-हल्ला मचने लगा। मेरा घर 8 खेतों की दूरी पर है। शोर सुनकर मैं घटनास्थल पर गया। वहां पर झोपड़ी में पूरी तरह से आग लग चुकी थी। ऊंची-ऊंची लपटें उठ रही थीं। रेशम झोपड़ी के दरवाजे पर माथा पटकते हुए चिल्ला रही थी। अंदर से कुंडी बंद थी। दरवाजे के पास ही छप्पर था, पहले आग दरवाजे के तरफ से बढ़ी, उसके बाद पूरी झोपड़ी को चपेट में ले लिया। छप्पर टूटकर गिरा तो सभी फंस गए।”
उन्होंने बताया कि कल ही गांव से एक बारात दूसरे गांव गई थी। बारात में गांव के ज्यादातर लोग भी चले गए थे। इस वजह से आग बुझा नहीं सके। गांव में पानी भी कम ही था, पानी की व्यवस्था नहीं होने से आग पर काबू नहीं पाया जा सका।
हत्या या हादसे की जांच में जुटी पुलिस और फोरेंसिक
SP कानपुर देहात BBGTS मूर्ति ने बताया, ‘शनिवार देर रात झोपड़ी में आग लग गई थी। हादसा में दंपती सतीश (30) और काजल (26) के साथ तीन बच्चे सनी (6), संदीप (5), गुड़िया (3) की जलकर मौत हो गई। चीख-पुकार सुन बस्ती के लोग दौड़े और बाल्टी से पानी डालकर आग पर काबू करने का प्रयास किया। लेकिन, तब तक पांचों की जलकर मौत हो गई। आग बुझाने में मृतक सतीश की मां गंभीर रूप से झुलस गईं। सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाया।’
पुलिस ने बताया कि गंभीर रूप से झुलसी महिला को जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। आग झोपड़ी में कैसे लगी इसकी जांच की जा रही है। जांच के दौरान कुछ भी संदिग्ध मिला तो आरोपियों को छोड़ा नहीं जाएगा।
फोरेंसिक, डॉग स्क्वॉड और पुलिस जांच में जुटी
आग लगने के बाद एसपी के साथ ही फोरेंसिक टीम, डॉग स्क्वॉड और पुलिस अफसर मौके पर जांच करने पहुंचे। फोरेंसिक टीम ने मौके से कई अहम सबूत जुटाए। बस्ती में मौजूद लोगों से पूछताछ और बयान भी दर्ज किए गए हैं।
मृतकों के परिजनों को दी जाएगी सहायता राशि
घटना की जानकारी मिलने पर डीएम नेहा जैन भी मौके पर पहुंचीं। उन्होंने बताया, ‘झोपड़ी में आग लगने से माता-पिता व तीन बच्चे जिंदा जल गए हैं। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, शॉर्ट सर्किट से आग लगने की बात सामने आ रही है। फिलहाल ये जांच का विषय है। इसमें मृतकों के परिजनों की हर संभव आर्थिक मदद की जाएगी।’
वहीं हादसे पर सीएम योगी ने दुख जताया है। सीएम ने घायलों को सही उपचार देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की है।