गाजियाबाद में शनिवार को गंगनहर किनारे इनकम टैक्स असिस्टेंट रनपाल सिंह और पत्नी रेखा देवी की लाश मिली। मृतक के परिवार वालों को शक है कि दोनों की हत्या हुई है। जबकि पुलिस का मानना है कि रनपाल ने ही रेखा की गला दबाकर हत्या की, फिर खुद फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया।
पुलिस ने जांच के दौरान 40 किलोमीटर तक के CCTV फुटेज देखें हैं। इसमें उनको कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। पुलिस की बात सही मानें तो ऐसा करने की वजह क्या है? इस पर ग्रामीण बताते हैं कि रनपाल पर काफी कर्ज था। वह अपनी पैतृक संपत्ति बेच चुका था। संभवत: इसी को लेकर वो तनाव में था और फिर ऐसा किया।
रनपाल को जानने वालों का कहना है कि शेयर मार्केट में काफी पैसा लगाया था, जोकि डूब गया। हालांकि, परिजन इन बातों को सिरे से नकार रहे हैं। फिलहाल गाजियाबाद और बुलंदशहर जिले की पुलिस इस केस की तहकीकात में जुटी हुई है।
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8 मार्च को बुलंदशहर से गाजियाबाद के लिए निकले थे
बुलंदशहर जिले में बीबीनगर थाना क्षेत्र के गांव तिबड़ा निवासी रनपाल सिंह (42) पत्नी रेखा देवी के साथ 8 मार्च की दोपहर 3 बजे बाइक से गाजियाबाद के लिए रवाना हुए। रनपाल गाजियाबाद के वैशाली सेक्टर-4 स्थित शिप्रा टॉवर में दो बच्चों सहित रहते थे। शाम 5 बजे के आस-पास उनका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया।
9 मार्च को भाई ने मिसिंग की लिखाई रिपोर्ट
चचेरे भाई रतिपाल सिंह ने 9 मार्च को बीबीनगर थाने पर पहुंचकर दोनों की मिसिंग रिपोर्ट दर्ज कराई। 11 मार्च की दोपहर दोनों के शव गाजियाबाद के मुरादनगर थाना क्षेत्र में मिलने की खबर आई। चितौड़ा-मसूरी मार्ग पर गंगनहर पटरी के किनारे रनपाल की लाश पेड़ पर फांसी से लटकी हुई थी, जबकि रेखा की लाश चंद कदम दूर खेत में पड़ी थी। गला दबाने के भी निशान थे।
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जहां लाश मिली, वहां पर नहीं है कोई कैमरा
गांव तिबड़ा से घटनास्थल तक क्या-क्या हुआ, ये जानने के लिए पुलिस ने पूरे रास्ते की CCTV फुटेज चेक की। दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर हापुड़ जिले में छिजारसी टोल प्लाजा है। पुलिस ने यहां की फुटेज देखी तो दंपती बाइक पर गाजियाबाद की तरफ जाते दिखे। टोल प्लाजा से आगे कस्बा मसूरी से एक रास्ता गंगनहर पटरी के लिए मुड़ता है।
इस मोड़ पर लगे CCTV में पति-पत्नी बाइक पर मुड़ते हुए दिखे। इससे कुछ दूर आगे नहर पटरी पर नाहल पुलिस चौकी है। चौकी पर लगे CCTV कैमरे में भी पति-पत्नी दिखे हैं। यानी यहां तक सब-कुछ ठीक-ठाक था। इस चौकी से कुछ किलोमीटर आगे ही दोनों की लाश बरामद हुई है। घटनास्थल के आसपास कोई कैमरा नहीं था।
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थानाध्यक्ष बोले- हत्या की होती तो हत्यारा ज्वेलरी ले जाता
बीबीनगर थानाध्यक्ष पटनीश कुमार ने बताया कि घटनास्थल से कुछ दूरी पर एक सीसीटीवी कैमरे में रनपाल सिंह बाइक पर अकेला दिखा है। इससे ये बात जाहिर होती है कि वो तब तक पत्नी की हत्या कर चुका था और फिर अकेला कहीं जा रहा था। लेकिन उसके मन में फिर कुछ ख्याल आया होगा और वापस जाकर उसने भी खुदकुशी कर ली होगी।
हो सकता है कि दोनों की हत्या हुई हो? इस सवाल पर थानाध्यक्ष पटनीश कुमार बताते हैं कि रेखा के शरीर पर मंगलसूत्र, सोने की चेन, कुंडल, पायजेब सहित अन्य ज्वेलरी थी। अगर कोई तीसरा व्यक्ति मर्डर करता तो ज्वेलरी लूटकर ले जा सकता था।
खुद ही बाइक से सुनसान जगह पर मुड़ता हुआ दिखा
इस केस में कोई तीसरा व्यक्ति इन्वॉल्व नहीं है, इस बात को मजबूत करते हुए थानाध्यक्ष बताते हैं, ”जिस रास्ते पर डेडबॉडी मिली हैं, वो रास्ता बुलंदशहर से गाजियाबाद जाने के लिए सीधा था ही नहीं। रनपाल ने खुद कस्बा मसूरी से नहर जाने वाले रास्ते पर बाइक मोड़ी है, ऐसा CCTV में भी दिख रहा है। यानी वो खुद ही घटनास्थल तक आया था। पुलिस अब ये मान रही है कि दंपती के बीच रास्ते में बाइक पर ही कोई विवाद हुआ होगा।”
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17 बीघा जमीन, मेरठ का मकान बेचने की चर्चाएं
इनकम टैक्स कर्मचारी रनपाल ने ऐसा क्यों किया? बीबीनगर थाने की पुलिस ने इस बात की तफ्तीश पैतृक गांव तिबड़ा में जाकर की। कुछ लोगों ने बताया कि रनपाल सिंह पहले फौजी था। फौज से रिटायरमेंट होने के बाद वो इनकम टैक्स मुख्यालय (ITO) दिल्ली में टैक्स असिस्टेंट (TA) के पद पर तैनात हो गया। इनकम टैक्स की तरफ से गाजियाबाद के वैशाली सेक्टर-4 में उसे एक सरकारी क्वार्टर दिया गया। इस मकान में रनपाल अपनी पत्नी रेखा और 2 बच्चों संग रहता था।
ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि रनपाल को ससुराल से 8 बीघा जमीन मिली थी, वो बेच दी। इसके बाद रनपाल ने अपनी पैतृक 9 बीघा जमीन भी बेच डाली। मेरठ में एक मकान था, वो भी बेचने की चर्चाएं हैं। ऐसी भी चर्चाएं हैं कि वो शेयर मार्केट से जुड़ा था, जिसमें पैसा डूब गया और इस वजह से भारी कर्ज भी हो चुका था। इस बात को लेकर अक्सर पति-पत्नी में विवाद होता था। हालांकि रनपाल के परिजन इन सब बातों को सिरे से नकार रहे हैं।
चचेरे भाई बोले- कोई विवाद नहीं हुआ, ये सीधे हत्या है
मृतक के चचेरे भाई रतिपाल सिंह कहते हैं, ‘भाई होली मनाने घर पर आए थे। सब कुछ अच्छा था। उन्होंने होली धूमधाम से मनाई। किसी तरह की कोई लड़ाई नहीं थी। वो सिर्फ त्योहार पर गांव आते थे और एक-दो दिन रुककर वापस गाजियाबाद चले जाते थे। 8 मार्च की दोपहर भी गाजियाबाद जाते वक्त उनके चेहरे पर कोई तनाव नहीं था। इसलिए हम इसको खुदकुशी नहीं मानते। मुझे लगता है कि ये कोई प्री-प्लांड मर्डर है। पुलिस को इस केस की तह तक जाना चाहिए।’
रतिपाल भारतीय सेना में जवान हैं और वर्तमान में पंजाब के कपूरथला में तैनात हैं। ये भी होली मनाने के लिए पैतृक गांव तिबड़ा में आए हुए थे। होली के अगले दिन रतिपाल को ड्यूटी पर निकलना था, लेकिन भैया-भाभी के अचानक गायब होने के चलते रतिपाल को छुट्टियां बढ़वानी पड़ीं। फिलहाल, पुलिस सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए आगे की छानबीन में जुटी हुई है।