ई-टेंडरिंग को लेकर मुख्यमंत्री और सरपंचों की होने वाली तीसरे दौर की मीटिंग फिलहाल नहीं हो सकी। CM पूर्व प्रस्तावित कार्यक्रम के लिए सरपंचों से बिना मिले ही करनाल रवाना हो गए। हालांकि सरपंच एसोसिएशन के प्रधान रणबीर सिंह समैण ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री का पहले से करनाल का प्रोग्राम था।
फिलहाल हम चंडीगढ़ में ही रहेंगे कहीं नहीं जा रहे हैं। समैण ने बताया कि जब सहमति बनेगी तब हम समय बताएंगे।
CM का इंतजार करेंगे सरपंच
सरपंच एसोसिएशन के प्रधान समैण ने कहा कि हमें विश्वास है कि हमारी मांगों को लेकर सहमति बन जाएगी। हम मुख्यमंत्री का यही इंतजार करेंगे। उन्होंने कहा कि देर रात हुई दो दौर की मीटिंग में कई मांगों पर सहमति बन गई है, कुछ मांगों पर सहमति बननी अभी बाकी है। सीएम के साथ होने वाली मीटिंग में जल्द ही कोई हल निकल आएगा।
5 घंटे मंथन पर भी निकला हल
हरियाणा में ई-टेंडरिंग पर मुख्यमंत्री और सरपंचों के बीच 5 घंटे मंथन हुआ। शाम 6 बजे शुरू हुआ बातचीत का दौर रात लगभग 11 बजे तक चलता रहा। इस दौरान दो दौर की सीएम के साथ सरपंचों की मीटिंग हुई, लेकिन इसके बाद भी बात नहीं बन पाई। हालांकि मुख्यमंत्री ने कहा है कि सरपंचों के साथ बढ़िया बातचीत हुई है। फिर से चर्चा होगी, संभवत: आज सब ठीक हो जाएगा।
रात 11.15 बजे तक चली बैठक
हरियाणा निवास में गत दिवस शाम छह बजे से रात करीब सवा 11 बजे तक चली बैठकों के दो दौर के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल और सरपंच एसोसिएशन के पदाधिकारी संतुष्ट नजर आए। बैठक के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि 5 घंटे चली वार्ता सकारात्मक रही है। अधिकतर मांगों पर सहमति बन गई है। शुक्रवार सुबह दोनों पक्षों में एक बार फिर बैठक होगी और उम्मीद है कि 10 मिनट में ही कोई खुशखबरी मिल जाएगी।
DIG से हुई पहले बैठक
मुख्यमंत्री से मुलाकात से पूर्व सरपंचों का 25 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल पंचकूला के सेक्टर छह स्थित पुलिस मुख्यालय पहुंचा। यहां पर DIG ओपी नरवाल के साथ उनकी बैठक हुई। प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें विश्वास दिलाया कि सरपंच अपनी मांगों को विस्तार पूर्वक एवं शांतिप्रिय ढंग से मुख्यमंत्री के समक्ष रखेंगे। इसके बाद प्रतिनिधिमंडल चंडीगढ़ रवाना हो गया।
अफसरों के साथ CM ने की चर्चा
हरियाणा निवास में शाम छह बजे बैठक शुरू हुई। पहला दौर रात सवा नौ बजे तक चला, जिसमें सकारात्मक बातचीत हुई। करीब सवा तीन घंटे की मैराथन बैठक में मांगों पर लंबी चर्चा हुई। फिर आधे घंटे के लिए बैठक स्थगित कर दी गई। इस दौरान जहां सरपंच एसोसिएशन के पदाधिकारियों को भोजन कराया गया, वहीं मुख्यमंत्री ने अफसरों के साथ मांगों पर विस्तार से चर्चा की।
सरपंचों ने रखी 16 मांगें
1. 73वें संशोधन की 12वीं सूची के 29 अधिकारों को पूर्ण रूप से लागू किया जाए।
2. ई टेंडरिंग प्रणाली का विरोध नहीं कर रहे, लेकिन इसकी लिमिट 20 लाख से बढ़ाकर 50 लाख किया जाए।
3. ग्राम पंचायतों में कार्यरत सभी विभागों के कर्मचारियों की एसीआर लिखने का अधिकार सरपंच को दिया जाए या वह कर्मचारी सरपंच के अधीन किया जाए।
4. गांव में कराए जाने वाले विकास कार्यों में कमी पाए जाने पर कार्यवाही संबंधित अधिकारी के खिलाफ की जाए ना कि सरपंच के खिलाफ क्योंकि सरपंच टेक्निकल नहीं होता।
5. टोल टैक्स सरपंच के लिए माफ होना चाहिए।
6. ग्राम पंचायत की जमीन की रजिस्ट्री का 1% पैसा पंचायत खाते में दिया जाए।
7. ग्राम पंचायतों में घरेलू बिजली के बिलों का 2% पैसा पंचायत खाते में दिया जाए।
8. ग्राम पंचायतों में सरकार द्वारा करवाए जाने वाले सभी कार्यों में गुणवत्ता कार्य पूर्ण होने का प्रमाण पत्र सरपंच से लेना अनिवार्य किया जाए व सभी कार्यों में सरपंच की भूमिका होनी चाहिए।
9. सरपंचों का वेतन 3 हजार है इससे बड़ा कर 30 हजार किया जाए और पंचों का वेतन एक हजार रुपए से 5000 किया जाए।
10. राइट टू रिकॉल कानून पहले विधायक व सांसदों पर लागू किया जाए उसके बाद स्थानीय निकाय संस्था पर लागू किया जाए।
11. पंचायत सचिवालय में कॉमन सर्विस सेंटर में ऑपरेटर अलग से स्थापित किए जाएं ताकि आमजन को सुविधा का लाभ मिल सके।
12. पूर्व सरपंच की पेंशन अब रुपए 1 हजार है, उसे बढ़ाया जाए।
13. मनरेगा की पेमेंट 3 महीने के अंदर अंदर होने चाहिए तथा इसको ब्लॉक लेवल पर किया जाए और उसकी दैनिक मजदूरी अब 321 रुपए से बढ़ाकर 600 रुपए की जाए ओर मनरेगा की ऑनलाइन हाजरी बंद की जाए क्योंकि कई बार बाहर गांव में इंटरनेट काम नहीं कर रहा होता और वह गैर हाजिर हो जाते हैं।
14. आंदोलन के दौरान जो भी केस किए गए हैं वह वापस लिया जाए।
15. गांव के अंदर पंचायत जमीन पर जो नाजायज कब्जा कर रखा है उसको तुरंत प्रभाव से हटाया जाए, जिससे पंचायत की आमदन ई-मेल इजाफा हो। 16-पी आर आई की बाकी बकाया राशि पंचायतों में जारी हो।