मैं 2005 से विधायक हूं..मैंने तो वह दृश्य भी देखा है जब स्पीकर की कुर्सी पर लोग चढ़ गए थे। उनकी फाइल को फाड़ दिया… जूता भी फेंकते हुए देखा हूं.. लोगों को धक्का-मुक्की करते हुए देखा हूं..ये कहना है बीजेपी विधायक अरुण सिन्हा का। अरुण सिन्हा 23 मार्च 2021 की घटना को याद करते हुए कहते हैं कि उससे ज्यादा अमर्यादित घटना नहीं हो सकती है। इसके बावजूद विपक्ष को समझा कर शांत किया गया।
5 विधायकों को मिली है चेतावनी
यह बात इसलिए उठी है क्योंकि शुक्रवार को सदन स्थगित होने से पहले स्पीकर अवध बिहारी चौधरी ने बीजेपी के 5 विधायकों का नाम लेते हुए यह चेतावनी दी कि आइंदा वह हंगामा करेंगे तो उन्हें निष्कासित कर दिया जाएगा। वह पांच बीजेपी विधायक थे, संजय सिंह, जीवेश मिश्रा, प्रमोद कुमार, जनक सिंह और लखेंद्र पासवान। इन पर आरोप था कि इन पांचों विधायक ने विधानसभा शुरू होने से पहले विधानसभा के बाहर तमिलनाडु की घटना पर प्रदर्शन किया।
विधानसभा शुरू होने पर उन्होंने वेल में आकर जमकर तमिलनाडु की घटना पर नारेबाजी की। रिपोर्टर टेबल को पटका और सभा को बाधित करने की कोशिश की। इसके बाद सदन की कार्यवाही समाप्त हो रही थी। इससे पहले स्पीकर अवध बिहारी चौधरी ने इन पांचों विधायकों को चेतावनी दी है कि आइंदा इस तरह की घटना हुई तो उन्हें निष्कासित कर दिया जाएगा। इस घटना के बाद राजनीति तेज हो गई।
विपक्षी पार्टियों ने शैडो विधानसभा तैयार किया था
अब 23 मार्च 2021 में हुई घटना को लोग याद करने लगे। उस समय स्पीकर विजय कुमार सिन्हा थे। विपक्ष में तेजस्वी यादव सहित कांग्रेस और लेफ्ट के विधायक थे। सभी ने जमकर बवाल काटा था। बिहार में पुलिस बिल को लेकर हंगामा किया था। यहां तक उस समय विपक्ष में आरजेडी विधायक आसन तक पहुंच गए थे। विजय कुमार सिन्हा को वहां से हटना पड़ा था। इसके बाद आरजेडी विधायकों ने शैडो विधानसभा तैयार किया था। जिसके स्पीकर बनाए गए थे वर्तमान स्पीकर अवध बिहारी चौधरी।
आरोपी विधायकों के खिलाफ प्रतिवेदन तैयार किया गया था
घटना को याद करते हुए विजय कुमार सिन्हा कहते हैं कि जब विधानसभा के तरफ से आरोपी विधायकों का प्रतिवेदन तैयार कर लिया गया था उसे सभा पटल पर रखना था। तो सरकार बदल गई थी विजय कुमार सिन्हा को मौका नहीं मिल पाया कि उस प्रतिवेदन को सभा पटल पर रखते।
एनडीए सरकार में आरोपी विधायकों के खिलाफ जो प्रतिवेदन तैयार किए गए थे। उस फाइल को समाप्त कर दिया गया है। अब उन विधायकों पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। विजय सिन्हा ने कहा कि पहले उस प्रतिवेदन को विधानसभा अध्यक्ष सभा पटल पर रखे।
सत्तारूढ़ दल के दूसरे विधायक प्रतिवेदन की चर्चा न करते हुए अपने आप को आप पाक साफ कहते हैं। सीपीआईएम के अमरजीत कुशवाहा कहते है कि विजय चौधरी पहले जब स्पीकर थे तो अनुशासन की बात करते थे। लेकिन खुद ये ये लोग अनुशासनहीन हो गए है।