“मेरी दीदी गांव के ही दूसरी बिरादरी के लड़के से बात करती थी। वह उससे शादी करना चाहती थी। भाई उसकी शादी कहीं और करना चाह रहा था। दोनों के अफेयर के चर्चे गांव में होने लगे थे। इससे हम लोगों की बदनामी हो रही थी। बड़ी बहन को देखकर कहीं मैं न बिगड़ जाऊं, इसकी चिंता भी भाई को सता रही थी। कुछ दिन पहले उसका प्रेमी मेरठ से लौटा था, तो मना करने के बाद भी दीदी उससे मिलने गई थी। ये बात भाई अरुण को अंदर ही अंदर खाए जा रही थी, इसलिए उसने आधी रात को मीनाक्षी की उसकी ही चुन्नी से गला घोंटकर हत्या कर दी। उसके बाद हम लोगों ने रात में ही उसके शव को जला दिया।”
पुलिस के सामने ये कबूलनामा 19 साल की सोनी का है। उसने बहन की हत्या में बड़े भाई का साथ दिया था। हापुड़ में हुई ऑनर किलिंग में छोटी बहन, चचेरा भाई और चाचा की गिरफ्तारी हो चुकी है, तीनों जेल में हैं। लेकिन मुख्य आरोपी सगा भाई अरुण अभी फरार है। उसकी तलाश में पुलिस की कई टीमें दबिश दे रही हैं।
पहले जानते हैं क्या है पूरा मामला
हापुड़ के हाफिजपुर थाना क्षेत्र के गांव रामपुर में गुरुवार यानी 3 मार्च की रात अरुण ने अपनी सगी बहन मीनाक्षी (23) की गला घोंटकर हत्या कर दी। वारदात के बाद छोटी बहन सोनी और चचेरे भाई अनुज की मदद से शव को चादर में लपेटा। इसके बाद बाइक पर शव लादकर गांव के बाहर श्मशान घाट ले गए। यहां कंडों और लकड़ी में रखकर शव जला दिया।
किसी को शक न हो, इसलिए गांव वालों से कह दिया कि बहन किसी के साथ भाग गई है। लेकिन गांव के युवक ने शक होने पर पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस श्मशान पहुंची तो वहां मौके से राख का ढेर और कुछ अस्थियां मिली हैं। जिन्हें फोरेंसिक टीम ने एकत्र कर जांच के लिए लैब भेजा है।
छोटी बहन के सामने हुआ पूरा हत्याकांड
हापुड़ SP अभिषेक वर्मा ने बताया, ”पकड़े गए तीन आरोपियों में चचेरा भाई अनुज, चाचा धीरू और मृतका की सगी बहन सोनी (19) ने हत्याकांड को कबूल कर लिया है। सोनी ने पुलिस पूछताछ में बताया कि माता-पिता की 15 साल पहले मौत हो गई थी। बड़े भाई अरुण ने ही उसे और उसकी दीदी मीनाक्षी को पाला।
मृतका मीनाक्षी बीए सेकेंड ईयर में शहर के निजी कॉलेज में पढ़ती थी। कॉलेज आते जाते समय गांव के लड़के से उसका अफेयर हो गया था। वह लड़का जब भी गांव आता, तो फोन करके मीनाक्षी को मिलने बुलाता था। मीनाक्षी भी उससे मिलने जाती थी। ये सब करीब 2 साल से चल रहा था। बड़ा भाई अरुण मीनाक्षी को रोकता था, लेकिन वह खुद के बालिग होने का हवाला देकर मर्जी से शादी करने की बात करने लगती थी। लेकिन भाई उसकी शादी कहीं और करना चाह रहा था। ”
पंचायत का फैसला भी नहीं दूर कर सका
सोनी ने पुलिस को बताया कि दीदी के अफेयर की चर्चा गांव में होने लगी थी। इससे भाई दीदी से खफा रहने लगा था। जनवरी में वह लड़का मेरठ से अपने घर आया तो दीदी को मिलने के लिए बुलाया। दीदी मिलने गई तो भाई ने गुस्सा किया था। भाई ने दीदी को मारा पीटा था। उसका मोबाइल भी तोड़ दिया था।मामला गांव के प्रधान तक पहुंचा तो पंचायत बिठाई गई। इसमें फैसला हुआ था कि अब दोनों एक दूसरे से नहीं मिलेंगे। इसके बाद वह लड़का मेरठ अपनी ड्यूटी पर चला गया था। लेकिन दीदी अपने टूटे फोन को ठीक कराकर उससे फिर बात करने लगी थी। एक हफ्ते पहले लड़का गांव आया तो दीदी उससे मिलने गई थी। लौटी तो रात को भाई ने डांटा था। घर में काफी हंगामा भी हुआ था। पड़ोस में रहने वाले चाचा ने दोनों को शांत कराया था।
भाई कहता था- वो दूसरी बिरादरी का है, बदनामी होगी
सोनी के मुताबिक, गुरुवार को दीदी बिना किसी को बताए हापुड़ गई थी। ये बात भाई को पता चल गई तो उसने दीदी से कहा था कि उसका प्रेमी दूसरी बिरादरी का है, तू उससे शादी करेगी तो हम लोगों की गांव में कोई इज्जत नहीं करेगा। बदनामी होगी तो छोटी बहन की शादी कैसे होगी। हम लोग कैसे घर से निकलेंगे। लेकिन दीदी उसकी बात सुनने को राजी नहीं थी। वह कह रही थी कि शादी अपनी मर्जी से ही करेगी। ये सुनने के बाद भाई ने दीदी को चाटे मारे और घर से चला गया। शाम को उसने चचेरे भाई अनुज और चाचा धीरू से मिलकर दीदी की हत्या की प्लानिंग की।
चाचा ने मुंह दबाया, भाई ने चुन्नी से गला घोंट दिया
दीदी मेरे पास ही सोती थी इसलिये तीनों ने मुझे भी हत्याकांड में शामिल किया। रात को सभी ने खाना खाया और दीदी सोने चली गई। प्लानिंग के अनुसार रात करीब 12 बजे भाई चाचा, अनुज और एक रिश्तेदार छतरू को बुलाकर लाया। मैंने कमरे का दरवाजा खोला और चारों अंदर आ गए। मैं दरवाजे के पास खड़ी हाे गई। अनुज ने दीदी के पैर चारपाई पर बांध दिये, चाचा ने उसका मुंह दबाया और छतरू ने उसके हाथ पकड़ लिये। इसके बाद अरुण ने दीदी का गला उसी की चुन्नी से घोंटकर हत्या कर दी।
इसके बाद दीदी की चारपाई पर बिछी चादर में ही शव को लपेटा और बाइक पर शव लादकर रात को ही गांव के बाहर श्मशान घाट ले गए। रात करीब डेढ़ बजे कंडों और लकड़ी पर शव रखकर जला दिया और सभी घर चले आए।
गांव के लोगों को बताया, बहन भाग गई
सोनी ने बताया, “जब गांव के लोगों ने मीनाक्षी के बारे में पूछा तो बोल दिया कि वह किसी के साथ भाग गई है, लेकिन रात को अंतिम संस्कार की बात पर गांव के लोगों को शक होने लगा था। इसी बीच किसी ने पुलिस को सूचना दे दी।
दिनेश बोला- गोलमोल जवाब दे रहा था अरुण
गांव में ही रहने वाले दिनेश ने बताया “मैंने कई बार अरुण से मीनाक्षी के बारे में पूछा तो उसने गोलमोल जवाब दिया। कभी कहा उसे नहीं पता, कभी कहा कि वह किसी लड़के के साथ भाग गई है। जब मैंने रात काे श्मशान घाट जाने के बारे में पूछा तो हड़बड़ा गया और बिना कुछ बताए चला गया। मुझे शक हो गया था कि इन लोगों ने मीनाक्षी को मार दिया है और शव को भी ठिकाने लगा दिया है।
SP बोले- मुख्य आरोपी फरार, जल्द होगी गिरफ्तारी
एसपी अभिषेक वर्मा ने बताया, “हत्या में इस्तेमाल दुपट्टा, बेडशीट और छात्रा का टूटा हुआ मोबाइल फोन बरामद कर लिया गया है। मुख्य आरोपी बड़ा भाई अरुण और रिश्तेदार छतरू फरार हैं। जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उनकी गिरफ्तारी को दबिश दी जा रही है।”