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रांची में खुलेगा एक और मेडिकल कॉलेज, रिम्स का लोड कम होगा

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झारखंड सरकार ने शुक्रवार को वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया। हर वर्ष बजट में रांची के इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया जाता था, लेकिन इस बार रांचीवासियों की सेहत सुधारने पर जोर दिया गया है। वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने रांची में एक और नए मेडिकल कॉलेज की सौगात देने की घोषणा की है। नया मेडिकल कॉलेज खुलने से जहां रिम्स का लोड कम होगा, वहीं रांची सहित राज्यभर के मरीजों को इलाज कराने में सहूलियत बढ़ेगी। फिलहाल रिम्स की स्थिति ऐसी है कि कई विभागों में बेड भी नहीं मिलने पर मरीजों का इलाज जमीन पर किया जा रहा है।

दूसरी ओर, गंभीर रूप से बीमार मरीज को बेहतर उपचार के लिए बाहर ले जाने में लोगों को काफी पैसा खर्च करना पड़ता है। इसे देखते हुए किफायती दर पर एयर एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराने की घोषणा की है। जानकारी के अनुसार, गंभीर मरीज को इलाज के लिए जब दिल्ली-चेन्नई ले जाना होता है तो एयर एंबुलेंस के लिए पांच से आठ लाख रुपए चुकाने पड़ते हैं। सामान्य आय वाला परिवार अत्यधिक गंभीर मरीज को एयर एंबुलेंस से ले जाने में सक्षम नहीं होता। सरकार की इस घोषणा से ऐसी संभावना है कि 2 से 3 लाख रुपए में किसी जरूरतमंद मरीज को एयर एंबुलेंस की सुविधा मिल सकेगी।

बजट में राज्य सरकार की घोषणा के बाद 500 बेड की क्षमता वाले रांची सदर अस्पताल को नया मेडिकल कॉलेज बनाए जाने की संभावना बढ़ गई है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, नेशनल मेडिकल काउंसिल द्वारा निर्धारित मापदंड के अनुसार मेडिकल कॉलेज के लिए लैब, पारा मेडिकल स्टाफ, मैनपावर सहित अन्य संसाधनों की ज़रूरत होती है। सदर हॉस्पिटल बहुत हद तक इन मापदंडों को पूरा कर रहा है। थोड़ी-बहुत जरूरतें रह गई हैं, उन्हें पूरी करने में तेजी से कार्यवाही की जाएगी। वहीं सदर अस्पताल को विकल्प नहीं बनाने पर नई जगह पर मेडिकल कॉलेज खोलने में लंबा समय लगेगा।

मेधा डेयरी के पास अधिक दूध होने पर दूसरे राज्यों में भेजना पड़ता था

बजट में कृषि-पशुपालन सेक्टर को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया है। इसके लिए रांची के होटवार में नया मिल्क प्रोडक्ट प्लांट लगाया जाएगा। इस प्लांट में दही, पनीर, गुलाब जामुन, रसगुल्ला सहित अन्य उत्पाद तैयार किए जाएंगे। इसके अलावा अतिरिक्त दूध होने पर उसका पाउडर दूध तैयार कर सप्लाई किया जाएगा। फिलहाल सरकार मिल्क पाउडर तैयार नहीं करती है। मेधा डेयरी के पास अधिक दूध होने पर मिल्क पाउडर बनाने के लिए दूसरे राज्यों में भेजना पड़ता है।

दूसरा सेंटर होगा, पीपीपी मोड पर चलाया जाएगा

रांची में नशा विमुक्ति केंद्र (अल्कोहल डी-एडिक्शन सेंटर) की स्थापना की जाएगी। इसे पीपीपी मोड पर चलाया जाएगा। शराब, अफीम, सिगरेट-बीड़ी के लती के परिवार बर्बाद हो रहे हैं। इस पर रोक लगाने सुविधायुक्त नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना होगी। मालूम हो कि सीआईपी कांके में 1999 से नशा मुक्ति केंद्र संचालित है। यहां झारखंड ही नहीं, दूसरे राज्यों से भी एडिक्ट लाए जाते हैं। यहां मरीजों का अधिक दबाव होने से सरकार ने नया केंद्र खोलने की घोषणा की है।

एक बार फिर इनर रिंग रोड की घोषणा, इस बार लंबाई 7 किमी घटेगी

बजट में फिर इनर सर्कुलर रिंग रोड की घोषणा की गई है। इस बार इनर रिंग रोड के दो फेज की योजना स्वीकृत है। हालांकि लंबाई मास्टर प्लान में प्रस्तावित 52 से घटकर 45 किमी हो गई है। पथ निर्माण सचिव सुनील कुमार ने बताया कि रिंग रोड जैसा तो इनर रोड नहीं बनेगा, क्योंकि वहां काफी बड़ी आबादी बस गई है। उसे हटाकर रोड नहीं बन सकता। लेकिन कहीं-कहीं अलाइनमेंट बदलकर बहुत हद तक रिंग रोड के समानांतर ही यह सड़क बनेगी। इस पर 1500 करोड़ खर्च आएंगे।

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