कवर्धा जिले में झंडा हटाने को लेकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का प्रदर्शन हिंसक हो गया। GGP और धर्म गुरु के बीच विवाद सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर पार्टी के लोगों ने लाठी-डंडे से हमला कर दिया। जिसमें एसपी डॉ. लाल उमेंद सिंह, एएसपी समेत 16 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। फिलहाल मौके पर 200 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
पार्टी के(GGP) लोगों का कहना है कि शिकायत के बाद भी धर्म गुरु के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। इसलिए गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के लोग शुक्रवार को रैली निकाल रहे थे। उसी दौरान यह विवाद हुआ है। हमले के बाद पुलिस ने इन्हें रोकने के लिए आंसू गैस छोड़े। बल प्रयोग किया गया। घायल पुलिसकर्मियों को प्राथमिक उपचार दिया गया है।
अब जानिए विवाद कैसे हुआ…
भोरमदेव थाना क्षेत्र के हरमो गांव में कुछ समय पहले गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के लोगों ने गांव के पूजा स्थल में पार्टी का झंडा लगा दिया था। जिसके बाद ग्रामीणों ने तय किया कि, पूजा-पाठ करने वाली जगहों पर किसी पार्टी का झंडा नहीं होना चाहिए। इसके बाद 14 फरवरी को धर्म गुरुओं ने पार्टी का झंडा हटा दिया था।
14 फरवरी को जब झंडे को हटाया गया, तब भी पार्टी के लोगों ने विरोध किया था। इसके बाद समाज के धर्म गुरु दुर्गे भगत के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग भी की गई थी। पार्टी के लोगों ने कहा था कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो उग्र आंदोलन करेंगे।
करीब 20 दिन बाद शुरू हुआ प्रदर्शन
पिछले 15-20 दिन में धर्म गुरूओं पर जब कार्रवाई नहीं हुई तो शुक्रवार को पार्टी के करीब 800 से ज्यादा लोग राजाानवा गांव पहुंचे। यहां से वे हाथ में लाठी लिए रैली निकालते हुए हरमो की ओर जा रहे थे। इस दौरान पुलिस ने इन्हें रास्ते में रोकने का प्रयास किया। तो भड़क गए। और पुलिस पर ही पथराव कर दिया। इसके साथ में ग्रामीणों पर भी पथराव किया।
इस मामले में एसपी ने कहा, हमने दोनों पार्टी को बुलाकर बात करके हल निकालना चाहा। मगर ये लोग नहीं आए। इस वजह से तकरार बढ़ी। फिलहाल मौके पर पहले हालात को स्थिर कराया जा रहा है, फिर इसके बाद कार्रवाई की जाएगी।
कवर्धा में पिछले साल भी बने थे ऐसे हालात…
सड़कों पर तनाव, धारा 144 लागू
पहले साल यानि 2022 में भी कवर्धा में झंडा हटाने को लेकर दो पक्षों में विवाद हुआ था। दोनों पक्षों ने जमकर हंगामा कर दिया था। सड़कों पर लाठी-डंडे लेकर युवक उतर आए थे। एक दूसरे को पीटा। पत्थरबाजी हुई थी। पुलिस की आंखों के सामने एक युवक को भीड़ पीटती रही। हालात इस कदर बिगड़े कि जिले में धारा 144 लागू कर दी गई थी।
छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के आरोप में चर्च पर हमला
2 महीने पहले नारायणपुर जिले में धर्म परिवर्तन को लेकर आदिवासी संगठनों का प्रदर्शन हिंसक हो गया था। भीड़ ने यहां एक चर्च में तोड़फोड़ की। बीच-बचाव करने जब पुलिस पहुंची तो प्रदर्शनकारियों ने उस पर भी हमला बोल दिया। इस घटना में जिले के SP का सिर फट गया। उनका इलाज स्थानीय अस्पताल में किया गया था।
गरियाबंद जिले में पिछले साल पुलिस टीम पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया था। इस भीड़ ने पहले तो पुलिस टीम पर पथराव किया। फिर ईंट लेकर पुलिस के पीछे ही दौड़ गए। हमले में 3 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। बताया गया है कि ये सभी लोग धान खरीदी केंद्र की मांग को लेकर जुटे थे। मगर पुलिस से उनकी बहस हो गई। जिसके बाद यह घटना घटी है