जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने भारत के दो दिवसीय दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान PM नरेंद्र मोदी ने कहा- जर्मनी पूरे यूरोप में हमारा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है। साथ है इंवेस्टमेंट का सोर्स है। दोनों देशों के बीच गहरी समझ है। भारत और जर्मनी के बीच मजबूत संबंध एक दूसरे के हितों के साझा लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित हैं।
उन्होंने कहा- आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और जर्मनी के बीच सक्रिय सहयोग है। दोनों देश इस बात पर भी सहमत हैं, कि क्रॉस बॉर्डर टेररिजम को खत्म करने के लिए ठोस कार्रवाई की जरूरत है।
रूस-यूक्रेन जंग पर भी चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- रूस-यूक्रेन जंग की शुरुआत से ही हम शांति की बात कह रहे हैं। हमने कहा है कि बातचीत करके मुद्दा सुलझाया जाए। भारत किसी भी शांति प्रक्रिया में योगदान के लिए तैयार है। इसी तरह सुरक्षा और डिफेंस को-ऑपरेशन भारत-जर्मनी स्ट्रैटिजिक पार्नटरशिप का एक महत्वपूर्ण पिलर बन सकता है। इस क्षेत्र में हमारे पोटेंशियल को पूरी तरह इस्तेमाल करने के लिए हम साथ मिलकर कोशिश करते रहेंगे।
वहीं, जर्मन चांसलर शोल्ज ने कहा- पुरी दुनिया रूस-यूक्रेन जंग का खामियाजा दुनिया भुगत रही है। ये बड़ी तबाही है क्योंकि हम जानते हैं कि ये जंग उन इकोनॉमिक प्रिंसिपल्स का उल्लंघन करती है जिन पर हम सभी सहमत थे।
दोनों देशों के बीच गहरी समझ है
PM मोदी ने कहा- भारत और जर्मनी ट्रैंगुलर डेवलपमेंट को-ऑपरेशन के तहत थर्ड वर्ल्ड के डेवलपमेंट के लिए आपसी सहयोग बढ़ा रहे हैं। पिछले कुछ सालों में हमारे बीच पीपुल-टू-पीपुल संबंध भी गहरे हुए हैं। पिछले साल मेरी जर्मनी यात्रा के दौरान हमने ग्रीन एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट पार्टनरशिप की घोषणा की थी। इसके माध्यम से, हम क्लाइमेट एक्शन और सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा रहे हैं।
शोल्ज बोले- जर्मनी में भी भारतीयों को नौकरी मिले
शोल्ज ने कहा- लगभग 1,800 जर्मन कंपनियां भारत में सक्रिय हैं। इनमें हजारों भारतीय नौकरियां करते हैं। हमें प्रतिभा चाहिए, हमें स्किल्ड वर्कर्स की जरूरत है। भारत में IT और सॉफ्टवेयर का विकास तेजी से हो रहा है। भारत में इतनी प्रतिभा है और हम दोनों देशों के संबंधों का लाभ उठाना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि जर्मनी में भी भारतीयों को नौकरी मिले। भारत और जर्मनी के बीच पहले से ही अच्छे संबंध हैं। हम इन्हें मजबूत करते रहेंगे।
G-4 देशों का हिस्सा हैं भारत-जर्मनी
PM मोदी ने कहा- हमने इस बात पर भी सहमति दोहराई कि वैश्विक वास्तविकताओं को बेहतर तरीके से दर्शाने के लिए मल्टी-लेटरल इंस्टिट्यूशन में सुधार जरूरी है। UN सिक्योरिटी काउंसिल में सुधार लाने के लिए G4 के तहत हमारी सक्रिय भागीदारी से ये साफ है।
विदेश मंत्रालय ने कहा- G4 के हिस्से के तौर पर भारत और जर्मनी साथ मिलकर बहुपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर काम करते हैं। G4 देशों का एक ग्रुप है जो UN की सिक्योरिटी काउंसिल में स्थायी सीट के लिए एक-दूसरे का समर्थन करते हैं। इनमें ब्राजील, जर्मनी, भारत और जापान शामिल हैं।
भारत और जर्मनी के बीच एक मजबूत इकोनॉमिक पार्टनरशिप है। यूरोपियन यूनियन में जर्मनी भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। साथ ही जर्मनी भारत के टॉप 10 ग्लोबल ट्रेड पार्टनर में से एक है।
तस्वीरों में देखें शोल्ज का भारत दौरा…
दोनों नेता 6 कन्वेंशनल सबमरीन बनाने वाली डील पर साइन करेंगे
2011 में भारत-जर्मनी के बीच इंटर-गवर्नमेंटल कंसल्टेशन (IGC) की शुरुआत हुई थी। शोल्ज इस यात्रा के दौरान IGC के नतीजों पर चर्चा करेंगे। शोल्ज की इस यात्रा में दोनों देशों के बीच साथ मिलकर 6 कन्वेंशनल सबमरीन बनाने के लिए 5.2 अरब डॉलर की एक डील होगी।
वहीं, चांसलर शोल्ज आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे। इसके बाद 26 फरवरी को वो बेंगलुरु जाएंगे।
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