यह वही विवेकमणि त्रिपाठी हैं। जिन्हें 29 फरवरी 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सम्मानित किया था और स्मार्टफोन अपने हाथों से दिया था। उस समय तो विवेकमणि देश भर में सूर्खियों में आ गए थे। जब मोदी ने विवेक से कहा था… एक सेल्फी तो बनती ही है। नेत्रहीन दिव्यांग को प्रयागराज के सिविल लाइंस बस स्टैंड पर कंडक्टर ने धक्का देकर बस नीचे धकेल दिया।
आहत विवेक ने इसकी शिकायत रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक से की तो मामले की जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है। विवेक ने कहा, इसकी शिकायत वह प्रधानमंत्री से भी करेंगे। सिविल लाइंस बस स्टैंड के एआरएम इस मामले की जांच खुद कर रहे हैं।
दिव्यांग सीट मांगने पर भड़क गया कंडक्टर
विवेक मणि ने लिखित शिकायत की उच्चाधिकारियों से की है। उसने बताया है कि वह बुधवार को सिविल लाइंस बस स्टैंड पर पहुंचा था। वह प्रयाग डिपो की बस (UP 70 ET 9561) में सवार हो गया। विवेक ने कंडक्टर से दिव्यांग सीट उपलब्ध कराने की बात कही।
विवेक का आरोप है कि सीट मांगने पर कंडक्टर शिवशंकर यादव भड़क गया। अभद्रता करते हुए उसने बस से धक्का देकर नीचे धकेल दिया, जिससे वह चुटहिल हो गया। वहां मौजूद अन्य यात्रियों ने उसे सहारा देकर उठाया। तत्काल विवेक ने इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से भी की। यूपी रोडवेज प्रयागराज मंडल के क्षेत्रीय प्रबंधक एमके त्रिवेदी ने बताया कि यह अमानवीय कृत्य है। इसकी जांच कराई जा रही है। दोषी कंडक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
दृष्टिबाधित विवेक मोबाइल का एक्सपर्ट
बता दें कि विवेक मणि त्रिपाठी बचपन से ही दृष्टिबाधित हैं लेकिन मोबाइल और इंटरनेट की दुनिया में वह एक्सपर्ट हैं। इनके पिता इंद्रमणि त्रिपाठी शिक्षक हैं। विवेक बचपन से ही बहुत तेज रहे। वह डीएड की पढ़ाई भी पूरी कर लिए हैं। वह धड़ल्ले से मोबाइल चलाते हैं। अपने मोबाइल में उन्होंने टॉकबैक एप डाउनलोड कर रखा है जिससे वह मोबाइल पर अपना काम आसानी से कर लेते हैं। इतना ही नहीं पढ़ाई भी वह मोबाइल के जरिए कर लेते हैं।