यूपी विधानसभा में फाइनेंशियल ईयर 2023-24 का बजट पेश हो चुका है। सरकार ने इस बजट को 7 लाख करोड़ रुपए का बताया है जो अब तक का सबसे बड़ा बजट है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने लगातार 7वीं बार बजट पेश किया। बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने सबसे पहले किसानों की बात की।
उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश में 188.40 लाख हेक्टेयर भूमि कृषि योग्य है। इसी के चलते प्रदेश दूध, गन्ना एवं चीनी प्रोडक्शन और इथेनॉल की आपूर्ति में देश में पहले नंबर पर है। हमारा राज्य किसानों को DBT के जरिए डायरेक्ट उनके खाते में सबसे ज्यादा पैसे भेजने वाला वाला देश का पहला राज्य बन गया है।
- किसान
घोषणा 1: किसानों को खेती की नई तकनीक का जानकार और प्रशिक्षित बनाने के लिए प्रदेशभर में ‘‘द मिलियन फार्मर्स स्कूल’’ कार्यक्रम का आयोजन करने की घोषणा की है। साल 2023-24 में 17 हजार किसान पाठशालाओं का आयोजन प्रस्तावित है।
घोषणा 2: नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर योजना के लिए 631 करोड़ 93 लाख रूपए की व्यवस्था प्रस्तावित है।
घोषणा 3: नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग योजना से 49 जिलों में गौ-आधारित प्राकृतिक खेती का कार्य प्रारम्भ किया गया है जिसमें गंगा नदी से जुड़े 26 जनपद सम्मिलित हैं। योजना के लिए 113 करोड़ 52 लाख रूपए प्रस्तावित हैं।
घोषणा 4: किसानों के निजी नलकूपों को सस्ते दरों पर विद्युत आपूर्ति के लिए 1950 करोड़ रूपए प्रस्तावित हैं।
घोषणा 5: राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के लिए 984 करोड़ 54 लाख रूपए का बजट प्रस्तावित है।
घोषणा 6: नेशनल क्रॉप इन्श्याेरेंन्स याेजना के लिए 753 करोड़ 70 लाख रुपए का बजट प्रस्तावित है।
घोषणा 7: आत्मनिर्भर कृषक समन्वित योजना हेतु 100 करोड़ रूपए का बजट प्रस्तावित है।
- सिंचाई
घोषणा 1: राज्य में 75 हजार 90 किलोमीटर लंबी नहर प्रणालियों, 34 हजार 316 राजकीय नलकूपों, 29 पम्प नहरों, 252 लघु डाल नहरों और 69 जलाशयों से लगभग 99 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।
घोषणा 2: मध्य गंगा परियोजना, कचनौदा बांध परियोजना, शहजाद बांध स्प्रिंकलर परियोजना, लखेरी बांध परियोजना पूरी होते ही 1.62 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई क्षमता बढ़ेगी। इससे 4.26 लाख किसानों को फायदा होगा।
घोषणा 3: राज्य के 62 जिलों में 2 साल के अंदर 2100 नए नलकूप बनाए जाएंगे। इससे 1.05 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता बढ़ाने का टारगेट है। कुल 1 लाख 03 हजार किसानों को फायदा होगा। इसके लिए 502 करोड़ रूपए की व्यवस्था प्रस्तावित है।
घोषणा 4: राज्य के 30 जिलों के डार्क जोन में स्थित 569 असफल राजकीय नलकूपों का को अगले 2 सालों में ठीक कराया जाएगा। 90 हजार हेक्टेयर सिंचाई क्षमता बढ़ेगी। 39 हजार 800 किसानों को फायदा होगा। इसके लिए 100 करोड़ रूपए की व्यवस्था प्रस्तावित है।
घोषणा 5: वित्तीय वर्ष 2023-24 में बाढ़ नियंत्रण एवं जल निकास हेतु 2 हजार 803 करोड़ रुपए का बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
घोषणा 6: मुख्य सिंचाई परियोजना के लिए 5 हजार 332 करोड़ 50 लाख रूपए, मध्यम सिंचाई परियोजना के लिए 2 हजार 220 करोड़ 20 लाख रूपए तथा लघु सिंचाई परियोजनाओं के लिए 3400 करोड़ रूपए की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
घोषणा 7: सिंचाई सहित अन्य परियोजनाओं के लिए 2 हजार 516 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित है।
घोषणा 1: राज्य के 04 कृषि विश्वविद्यालयों में एग्रीटेक स्टार्टअप योजना के लिए 20 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित है।
घोषणा 2: महात्मा बुद्ध कृषि एवं प्राेद्याेगिक विश्वविद्यालय, कुशीनगर बनाने के लिए 50 करोड़ रूपए का बजट प्रस्तावित है।
घोषणा 3: कृषि विश्वविद्यालय कानपुर, अयोध्या, बांदा और मेरठ में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए लगभग 35 करोड़ रुपए का बजट है।
घोषणा 4: नन्द बाबा दुग्ध मिशन समेत दुग्ध से संबंधित कई परियोजनाओं के लिए 233 करोड़ 16 लाख का बजट प्रस्तावित है।
घोषणा 5: छुट्टा गोवंश के रख-रखाव के लिए 750 करोड़ रूपये का बजट प्रस्तावित है।
घोषणा 6: गौ संरक्षण केन्द्रों की स्थापना, पशु रोग नियंत्रण और भेड़ पालन योजना 239 करोड़ 96 लाख रुपए का बजट प्रस्तावित है।
घोषणा 7: प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा याेजना के तहत होल सेल फिश मार्केट के लिये 257 करोड़ 50 लाख रुपए का बजट प्रस्तावित है।
बजट पेश करते वक्त वित्त मंत्री ने किसानों और कृषि से संबंधित और भी कई बातें कहीं। आइए जानते हैं…
सुरेश खन्ना ने कहा, “2017 से लेकर अब तक 46 लाख 22 हजार गन्ना किसानों को 1 लाख 96 हजार करोड़ रिकॉर्ड गन्ना मूल्य भुगतान किया गया। 2012 से 2017 तक किये गए भुगतान से 95 हजार125 करोड़ रुपए से 86 हजार 728 करोड़ रुपए ज्यादा है। गन्ना प्रोडक्शन में 1 लाख 875 टन प्रति हेक्टेयर की वृद्धि से किसानों की आय में 349 रुपए प्रति क्विंटल की दर से 34 हजार 656 रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से वृद्धि हुई है।”
इसके अलावा उन्होंने कहा, “अंतः फसली खेती से किसानों को 25 प्रतिशत अतिरिक्त आमदनी हुई है। रवि विपणन वर्ष 2022-23 में 2015 रुपए प्रति क्विंटल गेहूं का समर्थन मूल्य निर्धारित था। विपणन वर्ष के दौरान 87 हजार 991 किसानों से 3.36 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया। PFMS पोर्टल के जरिए से 675 करोड़ का भुगतान किया गया है।”
“इसके साथ ही खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में कमर्शियल के लिए 2040 रुपए और ग्रेड A के लिए 2 हजार 60 रुपए प्रति क्विंटल रेट तय किया गया है। इस दौरान 62.66 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी गई। 10.30 लाख किसानों के खाते में 12 हजार करोड़ का भुगतान किया गया है।”
“पीएम सम्मान निधि से 2022-23 में 51 हजार 639.68 करोड़ से ज्यादा अमाउंट DBT के जरिए किसानों के खाते में ट्रांसफर की गई। किसान पेंशन योजना के लिए 7 हजार 248 करोड़ रूपए का बजट प्रस्तावित है।”
बजट पेश होने के बाद अर्थशास्त्री डॉ. मुलायम सिंह ने कहा, “दुग्ध, गन्ना और चीनी उत्पादन के मामले में तो यूपी हमेशा ही नंबर वन रहा है। हां, सरकार ने DBT के माध्यम किसानों के खाते में जो डायरेक्ट पैसा पहुंचाने का जो काम किया है वो सराहनीय है। हालांकि सरकार ने इस बजट में नई बड़ी घोषणाएं करने की बजाए अपनी उपलब्धियों को गिनवाया है।”
उन्होंने आगे कहा, “छुट्टा गोवंश यूपी की सबसे बड़ी समस्या रही है। उनके रखरखाव के लिए 750 करोड़ रुपए के बजट की घोषणा की है। ये यूपी और किसानों दोनों कू अच्छा कदम है।