चीन में एक हाई प्रोफाइल बैंकर के लापता होने से वहां की फिनटेक इंडस्ट्री में हड़कंप मच गया है। गुरुवार को चीन रेनेसां कंपनी ने जानकारी देते हुए बताया कि उनकी कंपनी के चेयरमैन और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर बाओ फैन से उनका संपर्क नहीं हो पा रहा है। कंपनी के पास उनकी किसी तरह कोई जानकारी नहीं है।
बाओ के लापता होने की सूचना जैसे ही सार्वजनिक हुई तो इससे कंपनी के शेयरों की कीमत 50% तक लुढ़क गई। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक बाओ से उनकी कंपनी के प्रेसिडेंट कोंग लिन के एक भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में महीनों से पूछताछ की जा रही थी। उनके परिवार वालों को भी यही जानकारी दी गई है।
दरअसल साल 2021 में शी जिनपिंग की सरकार ने चीन के फाइनेंशियल सेक्टर में भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच शुरू कर दी थी। अब तक इस जांच की चपेट में देश की बड़ी कंपनियां आ चुकी हैं।
बिना जानकारी कभी होटल, तो कभी एयरपोर्ट से उठवा लिए जाते हैं चीन के बिजनेसमैन
ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है जब चीन का कोई बड़ा बिजनेसमैन लापता हुआ हो। दरअसल चीन की सरकार किसी भी मामले में संदिग्धों को बिना कोई लीगल मदद के कई सालों तक हिरासत में रख सकती है।
साल 2017 में चीन का बिलेनियर बिजनेसमैन शियाओ जिआनहुआ हांगकांग से लापता हो गया था। शियाओ को उनके होटल से चीन के सिक्योरिटी एजेंट्स उठा कर ले गए थे। इसके 5 पांच साल बाद सूचना मिली की वो चीन में हैं। जहां सरकार ने उसे भ्रष्टाचार के आरोपों में 13 साल की सजा दी साथ ,ही उस पर 66 हजार करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया।
अलीबाबा के फाउंडर जैक मा भी एक साल के लिए हुए थे लापता
वहीं अलीबाबा के फाउंडर और दुनिया के काफी मशहूर बिजनेसमैन जैक मा एक साल के लिए पब्लिक लाइफ से गायब हो गए थे। इससे पहले उन्होंने चीनी सरकार की फाइनेंशियल रेग्युलेटर की आलोचना की थी। साल 2021 में वो फिर से दुनिया के सामने आए।
गुओताई हुनान इंटरनेशनल के चीफ यिम फुंग को साल 2015 में एक मामले की पूछताछ के लिए चीन की सरकार ने बिना कोई जानकारी दिए हिरासत में ले लिया था।
एयरपोर्ट से उठवा लिए गए थे चीन के ‘वारेन बफे’
चीन के ‘वारेन बफेट’ कहे जाने वाले गुओ गुआंगचांग को जिनपिंग की सरकार ने 2015 में एयरपोर्ट से उठवा लिया था। जैसे ही ये खबर लोगों के बीच पहुंची की उन्हें किसी मामले की छानबीन के लिए सरकार ने हिरासत में लिया है तभी कंपनी ने स्टॉक्स में ट्रेड करना बंद कर दिया। जिस समय गुओ को हिरासत में लिया गया उस समय उनकी कंपनी की कुल कीमत 9 लाख करोड़ रुपए थी, जो बाद में घटकर 62 हजार करोड़ रह गई।
आलोचकों का क्या कहना है?
चीन में जब भी कोई बिजनेसमैन लापता होता है तो उस पर दुनिया की नजर टिकी होती है। आलोचकों का मानना है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भ्रष्टाचार के खिलाफ नीतियों का इस्तेमाल अपने विरोधियों के खिलाफ करते हैं।