पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब स्टेट ट्रांसपोर्ट अपीलेट ट्रिब्यूनल के आदेशों के विपरीत इंडो-कैनेडियन ट्रांसपोर्ट कंपनी के तीन परमिट को बहाल करने के आदेश दिए हैं। इंडो-कैनेडियन ट्रांसपोर्ट कंपनी बादल परिवार से संबंधित है और इनकी बसें अमृतसर से इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा नई दिल्ली तक जाती हैं।
जस्टिस राज मोहन सिंह बैंच ने मोटर वाहन अधिनियम 1988 और उसके तहत बनाए गए नियमों के तहत परमिट के साथ-साथ फर्म को दिए गए परमिट के आधार पर ट्रांसपोर्ट फर्म की याचिका को स्वीकार कर लिया।
एडवोकेट विभव जैन और उदय अग्निहोत्री के साथ सीनियर एडवोकेट पुनीत बाली के माध्यम से परिवहन कंपनी ने हाईकोर्ट के समक्ष दलील दी कि 18 दिसंबर 2021 को पंजाब के तत्कालीन परिवहन मंत्री ने आरटीए, पटियाला और प्रवर्तन कर्मचारियों के साथ तीन बसों को इस आधार पर रोका कि वाहन स्टेज कैरिज के रूप में चलाए जा रहे थे।
23 दिसंबर को नोटिस किया गया था जारी
याचिकाकर्ता को 23 दिसंबर 2021 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। जिसमें आरोप लगाया गया था कि इंडो-कैनेडियन बसों को अनुबंध कैरिज/पर्यटक बसों के रूप में पंजीकृत किया गया था, लेकिन उन्हें स्टेज कैरिज बसों के रूप में चलाया जा रहा था। कारण बताओ नोटिस में बिना किसी सहायक दस्तावेज के केवल आरोप शामिल थे।
पंजाब सरकार उपलब्ध नहीं करवा सकी दस्तावेज
जिसके बाद 31 दिसंबर, 2021 को पंजाब सरकार को एक ई-मेल लिखकर सभी दस्तावेज उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था, जिसके आधार पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। वहीं, याचिकाकर्ता को कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया गया। जिसके विफल होने पर ट्रांसपोर्ट फर्म कारण बताओ नोटिस का जवाब दाखिल नहीं कर सकी।
एक पक्षीय कार्रवाई के आरोप
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाए कि उनकी तरफ से जवाब दिए बिना, राज्य परिवहन प्राधिकरण ने एकपक्षीय कार्यवाही की। नियमों और शर्तों के उल्लंघन के कारण मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 86 के तहत परमिट रद करने के लिए 7 जनवरी, 2022 को विवादित आदेश पारित किया।
इस आदेश को राज्य परिवहन अपीलेट न्यायाधिकरण के समक्ष चुनौती दी थी। इसने कारण बताओ नोटिस को 2021 के नियमों का उल्लंघन बताते हुए चुनौती भी दी। अपील, हालांकि, 27 अप्रैल, 2022 को राज्य परिवहन अपीलेट न्यायाधिकरण द्वारा खारिज कर दी गई थी, जिसमें कहा गया था कि यात्रियों को रास्ते में अलग-अलग संपर्क/बोर्डिंग बिंदुओं से उठाया जा रहा था और याचिकाकर्ता अपने वाहनों का उपयोग स्टेज कैरिज के रूप में कर रहा था।
परमिट बहाल करने के आदेश
पीठ ने इस मामले की सुनवाई के बाद कहा कि याचिकाकर्ता अपनी बसों को स्टेज कैरिज के रूप में नहीं चला रहा है और यात्रा के चरणों में यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक नहीं ले जाता है। याचिकाकर्ता पूरी यात्रा के लिए पर्यटकों को केवल बोर्डिंग पास जारी करता है और उन सभी को निर्धारित गंतव्य पर छोड़ देता है।