विजिलेंस ब्यूरो ने सोमवार को वन घोटाले में फंसे पंजाब के पूर्व मंत्री साधु सिंह धर्मसोत को अब आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार किया है। जांच में उनकी आय ज्ञात स्रोतों से करीब 269 फीसदी अधिक पाई गई है। बीते साल जून में विजिलेंस ने धर्मसोत और उनके दो सहयोगियों को खैर के पेड़ों को काटने के लिए परमिट जारी करने और रिश्वत लेकर सरकारी अधिकारियों के स्थानांतरण के आरोप में गिरफ्तार किया था। करीब तीन महीने जेल में रहने के बाद हाईकोर्ट ने पांच सितंबर को उन्हें जमानत दे दी थी। पूर्व मंत्री को मंगलवार को मोहाली कोर्ट में पेश किया जाएगा।
पूर्व वन मंत्री धर्मसोत के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में विजिलेंस ब्यूरो ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(बी), 13(2) के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। विजिलेंस जांच के दौरान सामने आया कि एक मार्च 2016 से 31 मार्च 2022 तक की जांच अवधि में धर्मसोत और उनके परिवार की आय 2,37,12,596 रुपये थी, जबकि खर्च 8,76,30,888 रुपये था।
पूर्व मंत्री का खर्च उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से 6,39,18,292 रुपये ज्यादा थी, जो करीब 269 फीसदी बनता है। सूत्रों ने जानकारी दी है कि धर्मसोत की और संपत्ति का पता लगाने के लिए विजिलेंस की टीम जुटी हुई है। धर्मसोत पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी थे, जिन्हें चरणजीत सिंह चन्नी कैबिनेट से हटा दिया गया था।
छात्रवृत्ति घोटाले की भी लटकी तलवार
धर्मसोत के खिलाफ विजिलेंस ब्यूरो छात्रवृत्ति घोटाले की भी जांच कर रही है। यह घोटाला करीब 60 करोड़ से अधिक का है। दो दिन पहले सीएम भगवंत मान ने भी एलान किया था कि स्कॉलरशिप घोटाले के दोषी सलाखों के पीछे होंगे और उनसे पाई-पाई वसूली जाएगी।
तीन मंत्री सलाखों के पीछे, एक जमानत पर
पंजाब में आप की सरकार आने के बाद पूर्व कांग्रेस सरकार के तीन मंत्री साधु सिंह धर्मसोत, भारत भूषण आशू और सुंदर शाम अरोड़ा सलाखों के पीछे हैं, जबकि संगत सिंह गिलजियां को अग्रिम जमानत मिली हुई है। कुछ और पूर्व मंत्रियों के खिलाफ भी जांच जारी है। इसमें अकाली सरकार के पूर्व मंत्री भी शामिल हैं।