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सीक्रेट डॉक्यूमेंट्स की वजह से ही फंसे ट्रम्प, 2024 चुनाव से पहले US प्रेसिडेंट पर इमेज सुधारने का प्रेशर

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हाल ही में अमेरिका के फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन यानी FBI ने प्रेसिडेंट बाइडेन के डेलावेयर के घर की तलाशी ली। ये छानबीन क्लासिफाइड या सीक्रेट डॉक्यूमेंट्स गायब होने के सिलसिले में की गई। इससे पहले भी FBI ने बाइडेन के इसी घर की तलाशी ली थी। उस वक्त उनके गैरेज और लाइब्रेरी में कुछ सीक्रेट डॉक्यूमेंट्स मिले थे।

यही नहीं, कुछ दिन पहले इसी टीम ने वॉशिंगटन में बाइडेन के एक पुराने ऑफिस की भी तलाशी ली थी। दरअसल, डेलावेयर में बाइडेन के दो घर हैं। एक विलमिंगटन और दूसरा रेहोबोथ में। 11 जनवरी को भी रेहोबोथ और विलमिंगटन में बाइडेन के घर पर छानबीन हुई थी। इस दौरान विलमिंगटन के घर से कुछ डॉक्यूमेंट्स मिले थे। हालांकि, रेहोबोथ में कुछ नहीं मिला था। इसके बाद 20 जनवरी को फिर तलाशी ली गई।

सर्च ऑपरेशन के बारे में बाइडेन के वकील ने कहा- हमने पहले भी उन्हें जांच करने को कहा था और ये भी एक प्लान्ड सर्च है। ऐसे में सवाल ये है कि बाइडेन क्यों खुद FBI टीम को बुलाकर अपने घर और ऑफिस की जांच करवा रहे हैं? क्या बाइडेन इस मामले में फंस चुके हैं, या माजरा कुछ और ही है? हम यहां ऐसे ही कुछ सवालों को जवाब दे रहे हैं…

नवंबर में पहली बार मिले थे दस्तावेज
व्हाइट हाउस के मुताबिक, बाइडेन के वकीलों को पहली बार मिडटर्म चुनाव से ठीक एक हफ्ते पहले, 2 नवंबर को उनके पेन-बाइडेन सेंटर में मौजूद ऑफिस में क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट्स होने के बारे में पता चला था। उसी दिन इसकी जानकारी नेशनल आर्काइव्स को दी गई। नेशनल आर्काइव्स ने 3 नवंबर को दस्तावेज जब्त किए और केस जस्टिस डिपार्टमेंट के हवाले कर दिया।

बॉब बाउर, राष्ट्रपति के निजी वकील हैं। ये उन चंद लोगों में शामिल हैं जिन्हें 2 नवंबर को मिली सीक्रेट फाइल्स के बारे में पता था।
बॉब बाउर, राष्ट्रपति के निजी वकील हैं। ये उन चंद लोगों में शामिल हैं जिन्हें 2 नवंबर को मिली सीक्रेट फाइल्स के बारे में पता था।

उस वक्त इससे जुड़ी कोई जानकारी पब्लिक नहीं की गई। जनवरी 2023 की शुरुआत में CBS न्यूज ने पहली बार दुनिया को इस मामले की जानकारी दी। यहीं से बाइडेन के बुरे दिन शुरू हो गए। बाइडेन एडिमिनिस्ट्रेशन पर आरोप लगे कि उन्होंने जानबूझकर ये जानकारी छुपाई और ये अमेरिका की सिक्योरिटी और डिफेंस के लिहाज से खतरनाक है। मांग तो ये भी उठी कि बाइडेन खुद सामने आकर जुर्म कबूल करें और कुर्सी छोड़ें।

चुनाव के चलते बाइडेन ने जानकारी छुपाई
दस्तावेज मिलने के बाद से विपक्षी पार्टी रिपब्लिकन हमलावार हो गई। रिपब्लिकन नेता और हाउस स्पीकर केविन मैक्कार्थी ने कहा- बाइडेन ने चुनाव के चलते ये जानकारी छुपाकर रखी। अब अमेरिकी इस सरकार पर भरोसा नहीं कर सकते।

ट्रम्प से हो रही तुलना
जनवरी 2021 में व्हाइट हाउस छोड़ने पर ट्रम्प पर अपने फ्लोरिडा स्थित आलीशान घर मार-ए-लेगो में कई क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट्स ले जाने के आरोप लगे थे। ट्रम्प ने इन डॉक्यूमेंट्स को नेशनल आर्काइव्स को सौंपने से भी इनकार कर दिया था। FBI इस मामले की भी जांच कर रही है। बाइडेन के घर-ऑफिस से दस्तावेज बरामद होने पर अमेरिकी मीडिया में उनकी तुलना ट्रम्प से होने लगी। वहीं रिपब्लिकन पार्टी ने इसे ट्रम्प के मामले से लोगों का ध्यान हटाने के तौर पर इस्तेमाल किया।

बाइडेन का अपनी ही पार्टी में विरोध
बाइडेन की खुद की पार्टी के नेता भी इसे 2024 के चुनावों के लिए खतरा मान रहे हैं। डेमोक्रेटिक सांसद रिचर्ड डरबिन और जो मैन्किन जैसे लोगों ने इसे बेइज्जती बताया। अब बाइडेन पर चुनाव (2024 के प्रेसिडेंशियल इलेक्शन) से पहले पार्टी और देश के सामने इमेज सुधारने का जबरदस्त प्रेशर है। वैसे भी बाइडेन की पॉपुलैरिटी का ग्राफ तेजी से गिरकर 32% पर पहुंच चुका है।

अमेरिकी कानून के मुताबिक- बाइडेन ने अपराध किया
जांच टीम को घर बुलाकर प्रेसिडेंट बाइडेन यह दिखाना चाहते हैं कि ट्रम्प के उलट उन्होंने कभी भी दस्तावेजों को ‘जानबूझकर’ अपने पास नहीं रखा। बाइडेन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी इस बात पर निर्भर है कि इसके पीछे उनके क्या इरादे थे। फेडरेल लॉ किसी को भी ‘जानबूझकर’ क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट्स प्राईवेट प्लेस या घर पर रखने की मंजूरी नहीं देता। इसे क्राइम माना जाता है। हालांकि, बाइडेन एक आधार पर बच सकते हैं। उन्हें यह साबित करना होगा कि ये सीक्रेट डॉक्यूमेंट्स उन्होंने ‘जानबूझकर’ अपने प्राईवेट होम यानी निजी घर पर नहीं रखे।

दस्तावेजों में क्या है?
CNN के मुताबिक, पहली 10 फाइलों में यूक्रेन, ईरान और ब्रिटेन से जुड़ी खुफिया जानकारियां हैं। इसमें एक मेमो भी मौजूद है, जो बाइडेन ने वाइस-प्रेसिडेंट रहते हुए तब के प्रेसिडेंट बराक ओबामा को भेजा था। इसके अलावा कुछ अन्य मेमो में बाइडेन के ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के साथ ही उस वक्त यूरोपियन काउंसिल के प्रेसिडेंट डोनाल्ड टस्क के साथ फोन पर बातचीत की ब्रीफिंग है।

अगर बाइडेन 2024 में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार नहीं होते हैं तो डेमोक्रैटिक पार्टी हैरिस या बटिगिग में से किसी एक पर दांव खेल सकती है।
अगर बाइडेन 2024 में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार नहीं होते हैं तो डेमोक्रैटिक पार्टी हैरिस या बटिगिग में से किसी एक पर दांव खेल सकती है।

बाइडेन की जगह कौन हो सकता है चुनावी चेहरा
BBC के मुताबिक, बाइडेन के बाद वाइस-प्रेसिडेंट कमला हैरिस डेमोक्रेट पार्टी की तरफ से प्रेसिडेंट के लिए पहली पसंद हैं। कमला अमेरिका की पहली अश्वेत, पहली एशियन-अमेरिकन और पहली महिला उपराष्ट्रपति हैं। वो पिछले साल बाइडेन की कोलोनोस्कोपी के दौरान 85 मिनट के लिए राष्ट्रपति भी रहीं थीं। उनके बाद इस पद के लिए पीट बटिगिग को उम्मीदवार के तौर पर देखा जा रहा है। वो एक साफ छवि के नेता और बाइडेन सरकार में ट्रांसपोर्टेशन मिनिस्टर हैं।

वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, पीट बटिगिग बाइडेन के बाद राष्ट्रपति पद के सबसे प्रबल दावेदार हैं। उनकी सबसे बड़ी ताकत है कि वो जनता तक अपनी बात पहुंचाने में माहिर हैं। ये बात इलेक्शन लड़ने की स्थिति में उनके लिए एक बड़ा हथियार साबित हो सकती है।

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