भारतीय लोग छोटी बोट पर इंग्लिश चैनल को पार कर अवैध तरीके से ब्रिटेन में दाखिल होने वालों में तीसरे नंबर पर पहुंच गए हैं। ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी।
‘द टाइम्स’ की रिपोर्ट के मुताबिक, होम ऑफिस के अधिकारियों ने बताया कि भारतीय छात्र नियमों में एक लूपहोल का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे उन्हें ब्रिटेन में शरण लेने में आसानी हो रही है। इसके जरिए छात्रों को यहां रहकर पढ़ाई करने के लिए अंतरराष्ट्रीय फीस की जगह बहुत कम घरेलू फीस ही चुकानी पड़ रही है।
1 महीने में 250 भारतीयों ने पार किया चैनल
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि साल 2022 में 233 से ज्यादा भारतीय प्रवासियों ने गैर-कानूनी तरह से इंग्लिश चैनल को पार किया था। वहीं 2023 में 1 महीने में ही ये आंकड़ा 250 को पार कर चुका है। इसके साथ ही भारतीय समूह अफगान और सीरियाई लोगों के बाद ऐसा करने वाला सबसे बड़ा ग्रुप बन गया है।
सर्बिया में नए वीजा नियमों से बढ़ा आंकड़ा
दरअसल, पिछले साल के अंत तक जिन लोगों के पास भारतीय पासपोर्ट था वो 30 दिन तक बिना वीजा के सर्बिया जा सकते थे। ये व्यवस्था 1 जनवरी, 2023 को सर्बिया के EU वीजा पॉलिसी अपनाने की कोशिशों के चलते खत्म हो चुकी है। इसी वजह से सर्बिया पहुंचे कुछ भारतीय अब छोटी बोट में पहले EU और फिर ब्रिटेन में दाखिल हो रहे हैं।
लोगों को देश से निकाले जाने का डर
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि भारतीय छात्र ब्रिटेन जाने के लिए ये तरीका अपना रहे हैं क्योंकि उन्हें स्टूडेंट वीजा के लिए अप्लाई करना महंगा पड़ता है। आंकड़ों के मुताबिक, वीजा के लिए अप्लाई करने के बाद भी सिर्फ 4% भारतीय असायलम एप्लीकेशन ही मंजूर होती है, जबकि बाकियों को देश से निकाले जाने का खतरा होता है।
कौन होते हैं असायलम सीकर?
असायलम सीकर वे लोग होते हैं जो अपना देश छोड़ चुके होते हैं और दूसरे देश में गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों में सुरक्षा की मांग करते हैं। ऐसे लोगों की एप्लीकेशन के आधार पर इन्हें कानूनी तौर पर शरणार्थी घोषित करने को लेकर फैसला किया जाता है।
ऑफिशियल लिस्ट में भारतीयों का जिक्र नहीं
हालांकि, पिछले साल नवंबर में ब्रिटेन के होम ऑफिस ने गैर-कानूनी तौर पर इंग्लिश चैनल क्रॉस करके ब्रिटेन में दाखिल होने से जुड़ी एक लिस्ट जारी की थी। इसके मुताबिक, 2022 के शुरुआती 6 महीनों में छोटी बोट से ब्रिटेन पहुंचे लोगों में सबसे ज्यादा अल्बानिया(51%), अफगानिस्तान(18%) और ईरान(15%) के नागरिक शामिल थे। इस लिस्ट में भारत का जिक्र नहीं किया गया था।
ऋषि सुनक ने की थी सख्त कानून बनाने की घोषणा
पिछले साल दिसंबर में UK के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने प्रवासियों को देश में रहने से रोकने के लिए नया कानून लाने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि ब्रिटेन में गैर-कानूनी तरह से दाखिल होने वाले लोग यहां रुक नहीं पाएंगे। उनकी सरकार इससे निपटने के लिए 5-पॉइंट स्ट्रैटजी पर काम कर रही है।
पिछले 2 सालों में इस चैनल से इंग्लैड पहुंचने वालों की संख्या दोगुनी से ज्यादा हो चुकी है।