मां की गोली मारकर हत्या करने वाला नाबालिग आरोपी बंदिशों में नहीं आजाद रहना चाहता था। मां की रोक-टोक उसे पसंद नहीं थी। करीब एक साल पहले वह घर से नाराज होकर चला गया था। परिवारीजनों की तलाश करने पर देर शाम को मिला। वारदात के खुलासे के तीसरे दिन भी मोहल्ले में मां-बेटे के बारे में ही चर्चा होती रही। हर कोई यही कह रहा था कि बच्चों को कैसे समझाया जाए। अब बच्चों को लेकर और ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। कॉलोनी के लोगों की मानें तो इस वारदात के बाद दूसरे बच्चे काफी डरे सहमे हैं। कुछ लोग अभी इस वारदात की असली वजह जानना चाहते हैं। तो कुछ पुलिस के खुलासे पर भरोसा कर चर्चा करते रहे। कॉलोनी की ही एक महिला ने कहा कि बच्चे की संगत ठीक नहीं थी। वह अक्सर बाहर घूमा करता था।
बिगड़ रहा पारिवारिक तानाबाना
रिटायर्ड इंस्पेक्टर केएल सागर ने कहा कि वारदात ने पूरी कॉलोनी के लोगों को झकझोर दिया। आरोपी नाबालिग के इस कृत्य से पारिवारिक व सामाजिक तानाबाना बिगड़ने का संदेश है। यह किसी ने भी नहीं सोचा था कि नाबालिग बेटे जो बिना मां के नहीं रह सकते हैं। उसी ने हत्या कर दी।
ज्यादा आजादी भी ठीक नहीं
वहीं, कॉलोनी निवासी संजय वर्मा ने कहा कि बच्चों को ज्यादा आजादी देना भी ठीक नहीं है। आज जरूरत है संस्कार की और बच्चों को सलीका सिखाने की ताकि उनको इस बात का अहसास हो सके कि कौन क्या है, किसके साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए। मोबाइल व इलेक्ट्रानिक सामानों का प्रयोग भी कम करने पर जोर दें।
किराना दुकानदार दुखी
कॉलोनी में किराने की दुकान चलाने वाले शशिकांत के मुताबिक साधना सिंह अक्सर वहीं से सामान लेकर जाती थीं। उनका व्यवहार काफी सौम्य व मिलनसार था। मंगलवार रात को उनकी मौत की सूचना मिली। जब पुलिस ने बताया कि बेटे ने ही हत्या की है तो पूरा परिवार दुखी हो गया। शशिकांत कहते हैं कि साधना अपने बच्चों के लिए अतिरिक्त सामान जरूर लेती थी।
विश्वास नहीं हो रहा ऐसा हुआ
वहीं, दूसरे किराना दुकानदार कैलाश के मुताबिक यह तो मानने को तैयार हैं कि साधना की हत्या हो गई है। लेकिन इसका भरोसा नहीं हो रहा है कि उनके बेटे ने ही हत्या की है। पूरी कॉलोनी इस वारदात से सदमे में हैं। उसने कहा कि ऐसा हो कैसे सकता है विश्वास ही नहीं होता है ।
साधना के बागीचे की भी चर्चा रही
मोहल्ले की नीतू ने बताया की साधना अक्सर पांच बजते ही पानी का पाइप लेकर घर के सामने बने बाग में आ जाती थी। जहां उसने सब्जियां बो रखी थी और घंटों उनमें पानी दिया करती थी, पर आज छह दिनों से यहां पानी नहीं पड़ा, जिससे सब्जी के पेड़ सूख गए हैं।