बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री ने गुरुवार को प्रयागराज के मेजा में मां शीतला धाम कृपा महोत्सव में दरबार लगाया। इस दौरान उन्होंने भीड़ में से एक व्यक्ति से कहा- आप किन्हीं 4 लोगों को बुला लाइये जो आपके परिचित न हों। इन चार की अर्जी लग गई है। मैंने पहले ही इनके नाम के पर्चे लिख रखे हैं।.
अर्जी नंबर-1
‘बेटा चल-फिर नहीं पाता था, दरबार में आने से सुधार’
प्रयागराज की रहने वाली शीला ने बताया, “10 साल के बेटे राहुल को न्यूरो की समस्या है। डॉक्टरों ने जवाब दे दिया। 8 लाख रुपए खर्च होने के बाद भी बच्चे को आराम नहीं मिला। मैं पिछले 3 सालों से बालाजी सरकार के दरबार में हाजिरी लगा रही हूं। अभी तक हमारी किसी भी दरबार में अर्जी स्वीकार नहीं हुई।
जब से मैं पंडित धीरेंद्र शास्त्री के दरबार में आने लगी, बच्चे में सुधार होने लगा। आज मेरा बच्चा चल-फिर सकता है। उसमें काफी सुधार है। आज बागेश्वर धाम सरकार बालाजी के दरबार में हमारी अर्जी लग गई है। मैं बहुत खुश हूं।”
अर्जी नंबर-2
‘मुझे बेटा चाहिए, लोग ताना मारकर जीना हराम कर दिए है’
बुलंदशहर की रहने वाली सुदेश ने बताया, “मुझे प्रेत बाधा की समस्या थी। मेरे पास सिर्फ एक बेटी है। मैं एक बेटा चाहती हूं। समाज ने ताने मार मारकर जीना हराम कर रखा है। धीरेंद्र शास्त्री जी ने कहा कि गर्भाशय में अंडे नहीं बन रहे हैं। देखो, मैं कोई चमत्कारी नहीं हूं। चमत्कारियों के चक्कर में पड़ना भी मत वरना ये तुम्हारा धर्म बदल देंगे।
तुम इलाज कराते रहो। अंडे इलाज से ही बनेंगे। मैं जो उपाय बता रहा हूं इसे करो। इससे तुम्हारे गर्भधारण में मदद मिलेगी और बच्चा हो जाएगा। जाओ आशीर्वाद है।”
अर्जी नंबर-3
‘प्रभु का चमत्कार ही था कि मैं यहां आया’
प्रयागराज के रहने वाले रितिक मिश्रा ने बताया, ‘मेरे पिता को लीवर संबंधी बीमारी है। पिछले काफी समय से उनका इलाज चल रहा है। इसकी वजह से पूरा घर परेशान रहता है। अपने भविष्य को लेकर भी मैं चिंतित रहता हूं। प्रभु का चमत्कार ही था कि मैं यहां आया।
बालाजी सरकार के पास असीम शक्तियां हैं। मुझे गुरु धीरेंद्र शास्त्री जी ने जो पर्ची दी। उसमें मेरे मन के सवाल पहले ही लिखकर रखे थे। मैं गुरुजी के कार्यक्रमों को यूट्यूब पर देखा करता था। मेरे मन में यह विश्वास था कि एक न एक दिन मुझे जरूर बुलाएंगे।”
- प्रयागराज में बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री का दरबार
बागेश्वर वाले बाबा बोले- मैं कोई चमत्कारी नहीं हूं
धीरेंद्र शास्त्री ने लोगों से कहा कि मानव देह से बड़ा कोई चमत्कार नहीं है। पर्चे की परंपरा आज की नहीं है। बल्कि सदियों से चली आ रही है। महर्षि वाल्मीकि ने भोजपत्र पर पहले ही राम वनवास के बारे में लिख दिया था। मैं कोई चमत्कारी नहीं हूं, मेरे पास कोई चमत्कार नहीं है। मुझसे वही पूछना जो सुन सको। बालाजी के दरबार में सबकी अर्जी लग गई है। जो लोग यहां पर अर्जी लेकर आए हैं। बालाजी उनकी मनोकामना पूरी करेंगे।ं
- तस्वीरों में देखें पंडित धीरेंद्र शास्त्री के दरबार में पहुंची भीड़