कांग्रेस स्टीयरिंग कमेटी के मेंबर एवं राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने केंद्र सरकार की ओर से जारी बजट को देश की आर्थिक बर्बादी का बजट बताया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का यह बजट मोदी सरकार की 9 साल की भारतीय अर्थव्यवस्था की बर्बादी और तबाही का कारण का गवाह है।
एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साल 2014 के वायदे और दूसरी तरफ उनके पूर्णकालिक अंतिम बजट की घोषणाओं को यदि देखा जाए तो इसमें युवाओं और किसानों के साथ छलावा किया गया है।
इस बजट में न तो 2 करोड़ प्रतिवर्ष नौकरियों का प्राविधान है, ना ही इसमें सीमांत, लघु और माध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने का कोई ठोस प्रस्ताव है। किसानों की न्यूनतम समर्थन मूल्य का भी कोई जिक्र नहीं किया गया है। उन्होंने इस बजट पर निराशा जाहिर की है।
विधायक मोना मिश्रा ने कहा, भुगत रही जनता
कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता व विधायक आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि महंगाई कम करने के लिए “म” शब्द का जिक्र तक नहीं किया गया है। मनरेगा, जिसने जहां एक तरफ रोजगार सृजन किया है और दूसरी तरफ उसके द्वारा किए गए निर्माण कार्य के भुगतान में भी कटौती हुई है।
उन्होंने कहा कि सात लाख तक की इनकम टैक्स माफी का जो झुनझुना पकड़ाया गया है, उसकी हकीकत यह है कि इंश्योरेंस कंपनियों मं जो पैसा लगता था और वार्षिक बजट में राहत मिलती थी वह सब समाप्त कर दिया गया है, अर्थात एक हाथ से दिया है और दूसरे हाथ से लिया है। आटा व चावल समेत कई आवश्यक वस्तुओं के दाम बढ़ा दिए हैं। एक गलत सरकार चुनने का खामियाजा देश की जनता भुगत रही हैं। मोना मिश्रा ने कहा, यदि कहा जो यह बजट पूरी तरह से निराशाजनक और देश की बर्बादी का बजट है।