रामचरित मानस को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान की चौतरफा निंदा हो रही है। औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने ट्वीट कर लिखा है कि अखिलेश यादव की चुप्पी ये साबित करती है कि वो सिर्फ नाम के हिन्दू हैं। वो श्रीराम और हिन्दू धर्म के विरोधी हैं।
उन्होंने सिलसिलेवार ट्वीट करके लिखा कि स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरित मानस के अपमान पर अखिलेश यादव की चुप्पी मौन समर्थन है। अब स्वामी प्रसाद मौर्य को सपा के राष्ट्रीय महासचिव पद की सौंपी गई जिम्मेदारी यह साबित करती है कि अखिलेश यादव जी सिर्फ नाम के हिंदू हैं, असल में वे मर्यादा पुरूषोत्तम प्रभु श्री राम और हिंदू धर्म के विरोधी हैं। उन्हें तत्काल गिरफ्तार करना चाहिए। स्वामी प्रसाद ने सनातन धर्म का अपमान किया है।
‘भाजपा नेता बोले, पागल हो गए हैं स्वामी प्रसाद’
भाजपा के वरिष्ठ नेता व राष्ट्रीय प्रशिक्षण अभियान के प्रदेश सह-संयोजक डॉ. शैलेश कुमार पांडेय ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य पागल हो गए हैं। सनातन धर्म और हिंदू संस्कृति के विरूद्ध अपने तरीके से उस चौपाई की व्याख्या करना, यह सिर्फ उनके मानसिक रूप से दिवालियापन के अलावा कुछ भी नहीं है।
रामचरित मानस पर उनके द्वारा जिस तरह की टिप्पणी की गई है उससे पूरा हिंदू समाज आहत है। स्वामी प्रसाद मौर्य अखिलेश यादव के इशारे पर आए दिन चर्चा में बने रहने के लिए इस तरह का बयान देते रहते हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव उन्हें सिर्फ मोहरे के रूप में इस्तेमाल करते हैं। अखिलेश यादव ने हमेशा तुष्टीकरण की नीति अपनाई है। वह हमेशा सिर्फ एक जाति व धर्म की राजनीति करते आए हैं। हिंदू समाज उन्हें माफ नहीं करेगा।