जनपद में लगातार मानसिक स्वास्थ्य को लेकर विभिन स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम किये जाते हैं। अब नैनी जेल के बंदियों के बीच मनोचिकित्सक और मनोवैज्ञानिकों की टीम पहुंचेगी। प्रत्येक माह दो दिन नैनी जेल में मानसिक स्वास्थ्य और तनाव प्रबंधन को लेकर बंदियों को जागरूक किया जाएगा। ग्रुप थेरेपी के जरिए उन्हें मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के बारे में बताया जाएगा। रविवार को जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम नोडल अधिकारी डॉ. राजेश कुमार के नेतृत्व में केंद्रीय कारागार, नैनी में पहुंची थी, यहां बंदियों को मन से स्वस्थ रहने पर फोकस किया गया।
हर मानसिक बीमारी का है इलाज : डॉ. राकेश
काल्विन अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. राकेश कुमार पासवान द्वारा जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम द्वारा मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों में दवाइयों की अहम भूमिका पर चर्चा की गई। उन्होंन बताया गया कि दवाइयों से मानसिक परेशानी से ग्रसित व्यक्ति जब ठीक होता है, तो दवाइयां छोड़ देता है, जिसके कारण उसके अंदर लक्षण दुबारा से जन्म लेते हैं और फिर से वह मानसिक परेशानी का शिकार होने लगता है इसीलिए दवाइयां भी मानसिक परेशानी के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। नैदानिक मनोवैज्ञानिक ईशान्या राज ने भी टिप्स दिए।
डॉ वेद प्रकाश द्वारा बताया गया कि किस तरीके से शारीरिक परेशानियां और मानसिक परेशानियां आपस में संबंधित होती है और व्यक्ति के पूर्ण विकास में सही समय पर इलाज ना करने से बाधा उत्पन्न करती है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक शशिकांत सिंह ने सभी के प्रति आभार जताया।