Search
Close this search box.

17 जिलों के न्यूनतम तापमान में हुई बढ़ोतरी; भागलपुर का सबौर अभी भी सबसे ठंडा

Share:

राजधानी पटना सहित प्रदेश के कई जिलों में शनिवार को बूंदाबांदी हुई थी, जिसकी वजह से रविवार को ठंड में हल्की बढ़ोतरी देखी गई। वहीं, पटना सहित कई अन्य जिलों में पूरे दिन बादल छाए रहे। रविवार को 5 शहर जमुई, औरंगाबाद मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण को छोड़कर 17 शहरों के न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

रविवार को प्रदेश में भागलपुर का सबौर सबसे ज्यादा ठंडा रहा, जहां का न्यूनतम तापमान 7.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं राजधानी पटना का न्यूनतम तापमान 11.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बता दें कि पटना के न्यूनतम तापमान में करीब 1 डिग्री की बढ़ोतरी देखने को मिली है।

धीरे-धीरे कम हो रही ठंड।
धीरे-धीरे कम हो रही ठंड।

आज कैसा रहेगा मौसम

आज यानी सोमवार को ज्यादातर जिलों में मौसम साफ रहेगा। प्रदेश के कुल जिलों में धूप निकली रहेगी तो वहीं कुछ जिलों में बादल छाए रहने की संभावना जताई जा रही है। लोगो को हल्की ठंड सताएगी। मौसम विभाग के अनुसार अगले 3 दिनों के दौरान न्यूनतम तापमान मे 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक की वृद्धि होने की संभावना है। इसके बाद अगले 2 दिनों के दौरान प्रदेश के तापमान मे कोई विशेष परिवर्तन नहीं होगा।

धूप निकलने से लोगों को मिल रही राहत।
धूप निकलने से लोगों को मिल रही राहत।

राजधानी में 1 डिग्री गिरा अधिकतम तापमान

राज्य में सर्वाधिक अधिकतम तापमान नवादा में 26.7 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं राजधानी पटना में 1 डिग्री, गया में 0.5 डिग्री, भागलपुर में 1 डिग्री, पूर्णिया में 0.5 डिग्री, खगड़िया में 2.4 डिग्री, जबकि मुजफ्फरपुर में 0.4 डिग्री अधिकतम तापमान ऊपर चढ़ा है। अन्य जिलों में भी अधिकतम तापमान में आंशिक बढ़ोतरी हुई है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि अगले चार से पांच दिन सूबे में न्यूनतम तापमान बढ़ेगा।

भागलपुर का सबौर सबसे ठंडा

प्रदेश में रविवार को भागलपुर का सबौर सबसे ठंडा रहा, जहां का न्यूनतम तापमान 7.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। गया में 10.4 डिग्री, नवादा 11.4 डिग्री, किशनगंज में 8.1 डिग्री, सिवान में 10 डिग्री, राजधानी पटना में न्यूनतम तापमान 11.2 डिग्री दर्ज किया गया।

बूंदाबांदी से रबी फसलों को होगा फायदा

कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो रबी फसलों के लिए इस मौसम में आंशिक बारिश अमृत के समान माना जाता है। इसमें गेहूं की फसल को अपेक्षित पटवन मिल जाने से सिंचाई के साधनों के इस्तेमाल की जरूरत नहीं पड़ती है।

अगर इस समय बारिश होती है तो इससे रबी फसलों को सबसे ज्यादा फायदा होता है। बता दें कि बीते दिन शनिवार को इस सीजन की पहली बारिश हुई है। हालांकि अभी बारिश की मात्रा काफी कम रही है। लेकिन मौसम में आंशिक बारिश होने से गेहूं, सरसों और मटर की पैदावार बढ़ सकती है।

Leave a Comment

voting poll

What does "money" mean to you?
  • Add your answer

latest news