स्वास्थ्य विभाग में घूसखोरी का मामला नहीं थम रहा है। मांडा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात एक महिला बाबू ने नवनियुक्त सीएचओ (कम्युनिटी हेल्थ आफिसर) से दो हजार रुपए घूस की मांग की। सीएचओ ने कुछ कम रुपए दिए तो महिला बाबू प्रेमलता ने आर्डर लेटर बनाने से मना कर दिया। इतना ही नहीं महिला बाबू ने कहा, “इन रुपयों का हिसाब हमें अपने अधिकारी को भी देना होता है। वह पूछते हैं कि कितने कागज बनें? कितने पैसे मिले?” किसी ने बाबू द्वारा मांगी जा रही घूस की बात की रिकार्डिंग भी कर ली। अब मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंच गया है। वहीं सीएचसी के अधीक्षक डॉ. अजीत सिंह ने दैनिक भास्कर को बताया कि मामला हमारे संज्ञान में आया है कि पता किया जा रहा है पूरी बात क्या है।
रुपए नहीं देने पर नहीं बनता आर्डर लेटर
नाम ना छापने की शर्त पर नवनियुक्त सीएचओ ने बताया कि महिला बाबू कई दिनों से दौड़ा रही हैं। इसकी रिकार्डिंग भी है। वायस रिकार्डिंग में महिला बाबू प्रेमलता बोल रही हैं कि 2 हजार रुपए से कम में आर्डर लेटर नहीं बन पाएगा, इसके लिए आप हमारे साहब से मिल लीजिए। वह कहती हैं … “हम तो बाबू हैं, हमें कम देंगे तो हम तो ले लेंगे लेकिन शाम को अधिकारी पूछते हैं कि कितनी ज्वाइनिंग हुई, कितने रुपए मिले? यह रुपए अधिकारियों के कहने पर ही हम मांग रहे हैं, हमें भी ऊपर जवाब देना होता है।”
पहले वार्ड ब्वाय ने मांगा था घूस
दरअसल, मांडा सीएचसी पर घूसखोरी का खेल अधीक्षक की जानकारी में होता है, तभी तो यहां बाबू से लेकर वार्डब्वाय तक बेखौफ होकर घूस मांगते हैं। सीएचओ ने बताया कि सबसे पहले ज्वाइनिंग के लिए गोलू नाम के वार्डब्वाय ने रुपए मांगे थे। सीएचओ महिला बाबू प्रेमलता से मिलने पहुंचा तो उन्होंने भी घूस मांगा। सीएचओ ने यह बात अधीक्षक डॉ. अजीत सिंह से कही तो उन्होंने गोल मटोल जवाब देते हुए किनारा कर लिया। अब सीएचओ ने इसकी शासन प्रशासन के उच्चाधिकारियों से करने की बात कही है।