उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के हिंदू पीजी कॉलेज में गुरुवार सुबह बुर्का पहनकर पहुंचीं छात्राओं को कॉलेज में एंट्री नहीं दी गई। उन्हें ड्रेस कोड का हवाला देकर कॉलेज के गेट पर रोक दिया गया। इसके बाद कॉलेज गेट पर हंगामा हो गया। छात्राएं भड़क गईं। कहा- बुर्का पहनना हमारा अधिकार है।
दरअसल, कॉलेज ने पहली बार 1 जनवरी से ड्रेस कोड लागू किया है। ठंड के कारण अब तक स्कूल-कॉलेज बंद थे। कॉलेज खुले तो विवाद हो गया।
छात्रों की चीफ प्रॉक्टर से नोक-झोंक
कॉलेज में एंट्री नहीं मिलने से नाराज छात्राएं वहीं खड़ी रहीं। कुछ देर में सपा छात्र सभा के पदाधिकारी कॉलेज पहुंच गए। उन्होंने कॉलेज गेट पर हंगामा किया। कॉलेज प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्यव्रत सिंह रावत और चीफ प्रॉक्टर डॉ. एपी सिंह बाहर आए। उनकी सपा छात्र सभा के पदाधिकारियों से नोक-झोंक हो गई। हंगामा बढ़ने पर पुलिस मौके पर पहुंची। फिलहाल, कॉलेज प्रशासन ड्रेस कोड के मामले में पूरी सख्ती से अड़ा है।
पहली जनवरी से ड्रेस कोड लागू
मुरादाबाद के हिंदू पीजी कॉलेज में एक जनवरी से ड्रेस कोड लागू हो चुका है। इसके बाद से बिना यूनिफॉर्म के पहुंचने वाले छात्र-छात्राओं को कॉलेज में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। कॉलेज प्रशासन का तर्क है कि कॉलेज में अनुशासन और पढ़ाई का माहौल बनाने के लिए ड्रेस कोड लागू किया गया है। इससे कॉलेज में बाहरी तत्वों का प्रवेश पूरी तरह से रोका जा सकेगा।
दरअसल, ड्रेस कोड लागू होने के बाद से कॉलेज के गेट पर हंगामे की कई घटनाएं सामने आ रही हैं। कई पूर्व छात्राओं ने आरोप लगाए कि वे अपनी मार्क्स शीट या दूसरे काम से कॉलेज पहुंचीं तो भी उन्हें एंट्री नहीं दी गई।
छात्राएं बोलीं- ये हमारा अधिकार
सपा छात्र सभा जिला अध्यक्ष मोहम्मद असलम चौधरी समेत अन्य पदाधिकारी इस बात पर अड़े थे कि छात्राओं को बुर्का पहनकर क्लास रूम में जाने दिया जाए। वे धरने पर भी बैठे, लेकिन कॉलेज प्रशासन ने ड्रेस कोड के मामले में ढील देने से इनकार कर दिया।
उधर, छात्राओं ने कहा कि वे हमेशा से बुर्का पहनकर कॉलेज जाती रही हैं। ये उनका अधिकार है और उन्हें आगे भी इसकी इजाजत मिलनी चाहिए। हंगामा बढ़ने पर पहुंची पुलिस ने कॉलेज प्रशासन और छात्राओं से बात की। इसके बाद छात्राएं वापस चली गईं। सपा छात्र सभा की ओर से प्रिंसिपल को ज्ञापन दिया गया है।
आईकार्ड भी नहीं दिखा पाईं छात्राएं: प्रिंसिपल
हिंदू पीजी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्यव्रत रावत का कहना है कि गुरुवार को विरोध करने वाली ज्यादातर छात्राओं से ID कार्ड मांगा तो वे नहीं दिखा सकीं। उन्होंने कहा कि यूनिफार्म कोड का मकसद कॉलेज में अनुशासन लाना है। कुछ लोग मामले को गलत दिशा में ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। इस मुद्दे पर कॉलेज प्रशासन कोई समझौता नहीं करेगा। अगर आज हम क्लास रूम तक बुर्का पहनकर जाने की अनुमति दे देंगे तो कल को दूसरे धर्म संप्रदाय के स्टूडेंट्स दूसरी मांग करेंगे।
हमने कॉलेज गेट पर ही छात्राओं के लिए चेंजिंग रूम बनवा दिया है। ड्रेस के साथ दुपट्टा या हिजाब पर हमें कोई आपत्ति नहीं है। ड्रेस कोड से स्टूडेंट्स और उनके पेरेंट्स खुश हैं। असल दिक्कत बाहरी तत्वों को हो रही है जो अक्सर कॉलेज में घूमते रहते थे।
डॉ. रावत का कहना है कि कॉलेज में ड्रेस कोड लागू करने का फैसला अक्टूबर-2022 में लिया गया था। उस वक्त विभिन्न छात्र संगठनों से भी बात की गई थी। सभी ने इस पर सहमति दी थी।
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हिंदू कॉलेज प्रबंधन ने गुरुवार को छात्राओं को समने के लिए शहर के एक अन्य पीजी कॉलेज गोकुल दास गर्ल्स की प्रिंसिपल चारू अग्रवाल को बुलाया। गोकुल दास कॉलेज में काफी पहले से ड्रेस कोड लागू है। प्रिंसिपल चारू अग्रवाल ने छात्राओं से बात की। उन्होंने छात्राओं से कहा कि कॉलेज का अनुशासन फॉलो करना चाहिए।
मुस्लिम लड़कियों की तौहीन करना गलत: सांसद
बुर्का पहनकर पहुंची छात्राओं को एंट्री नहीं देने को मुरादाबाद के सपा सांसद डॉ. एसटी हसन ने छात्राओं की तौहीन बताया है। उन्होंने कहा, “इस तरह से बुर्का पहने छात्राओं की कॉलेज में एंट्री रोकना पूरी तरह से गलत है। कॉलेज प्रशासन को मुस्लिम छात्राओं काे ये अनुमति देनी चाहिए कि वे हिजाब पहनकर क्लास रूम में बैठ सकें। यदि कॉलेज ने ड्रेस कोड लागू किया है तब भी छात्राओं को हिजाब पहनकर बैठने से नहीं रोका जा सकता है।
मुरादाबाद मंडल का सबसे बड़ा कॉलेज है हिंदू पीजी कॉलेज
हिंदू पीजी कॉलेज मुरादाबाद मंडल का सबसे बड़ा कॉलेज है। 1911 से ये जूनियर हाईस्कूल था, 1916 में हाईस्कूल हुआ। 1937 में इंटरमीडिएट और 1949 में ग्रेजुएट कॉलेज बना। अगले साल 1950 में पीजी कॉलेज बना।
यहां करीब 12000 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। रूहेलखंड यूनिवर्सिटी में बरेली कॉलेज के बाद मुरादाबाद का हिंदू पीजी कॉलेज दूसरे नंबर पर आता है।
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