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नए जमाने की नई कहानियां, कुछ इस तरह पर्दे पर कामयाबी की इबारत लिख रहीं हैं महिला राइटर्स

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किसी भी फिल्म के बनने में उसकी स्क्रिप्ट और स्क्रीन प्ले का रोल सबसे अहम होता है। एक अच्छा स्क्रीन पर बेहतर फिल्म की गारंटी होता है। यह पार्ट फिल्म मेकिंग कला में सबसे अहम माना जाता है। राइटिंग में परंपरागत रूप से पुरुष ही ज्यादा सक्रिय रहते थे और कामयाब भी हुए। लेकिन अब वह दौर लद चुका है। महिलाएं भी लगातार सामने आ रही हैं और एक के बाद एक कामयाबी के सोपान चढ़ रही हैं। नए सिनेमा में महिलाओं लेखकों ने एक से बढ़कर एक फिल्म देकर अपना लोहा मनवाया है। आज हम बात करेंगे कुछ ऐसी ही महिला लेखकों के बारे में जिन्होंने अपने लेखन के दम पर समकालीन सिनेमा में अहम योगदान दिया है…
जूही चतुर्वेदी

जूही चतुर्वेदी 
जूही ने विजुअल आर्ट की पढ़ाई कर एड और फिर फिल्म इंडस्ट्रीज में प्रवेश किया। जूही 2015 में फिल्म ‘पीकू’ से सुर्खियों में आई थीं। ‘पीकू’ के अलावा उनकी विक्की डोनर और मद्रास कैफे भी चर्चित रही हैं। उनको ‘पीकू’ के लिए बेस्ट स्क्रीनप्ले का फिल्मफेयर अवॉर्ड और स्क्रीनप्ले और डायलॉग्स का नेशनल अवॉर्ड भी मिल चुका है। बता दें कि राइटर जूही चतुर्वेदी ने जब विक्की डोनर की जब स्क्रिप्ट पूरी की तो उन्हें थोड़ी भी उम्मीद नहीं थी कि कोई इस पर फिल्म बनाने को राजी होगा। इसे इत्तफाक ही कहा जाएगा कि जब वह डायरेक्टर शुजीत सरकार से एक पार्टी में मिलीं और उन्होंने अपनी इस स्क्रिप्ट का जिक्र किया तो शुजीत ने उसी वक्त उस पर फिल्म बनाने का फैसला कर लिया। सीमित बजट में नई स्टार कास्ट के साथ बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर जबर्दस्त मुनाफा कमाया।

अद्वैता काला

अद्वैता काला 
बचपन से ही लिखना अद्वैता का जुनून था। उन्होंने अमेरिका से ग्रेजुएशन किया और भारत लौट आईं। इससे बाद वे होटल इंडस्ट्री से जुड़ गईं। उनका ‘ऑलमोस्ट सिंगल’ नॉवेल काफी पसंद किया गया। जिस पर बनी फिल्म ‘अंजाना-अंजानी’। इसके बाद उन्होंने सुजॉय घोष के लिए कहानी फिल्म लिखी।

इला बेदी दत्ता

इला बेदी दत्ता
इला बेदी दत्ता ने अपनी राइटिंग स्किल्स के कारण अलग ही छाप छोड़ी है। इन्होंने बेहद कम समय में अपनी प्रतिभा से लोगों को हैरत में डाल दिया। इला बेदी दत्ता को फिल्म ऋतिक रोशन स्टारर ‘अग्निपथ’ के कारण जाना जाता है। बता दें कि फिल्म अग्निपथ की स्क्रिप्ट जाने-माने कहानीकार राजेंद्र सिंह बेदी की पोती इला ने की थी। इला ने करीब चार-पांच साल पहले टीवी सीरियलों में काम करना शुरू किया, लेकिन ऐक्टिंग रास नहीं आई। एक दिन करण जौहर ने जब इला को अमिताभ बच्चन स्टारर अग्निपथ का सीक्वल लिखने की जिम्मेदारी दी तो इला ने करण को निराश नहीं किया।

उर्मी जुवेकर

उर्मी जुवेकर 
उर्मी ने वृत्तचित्र लेखक और निर्देशक के रूप में अपना करियर शुरू किया। फिल्म ‘दरमियान: इन बिटवीन’ के साथ उन्होंने उर्मी ने फीचर फिल्म पटकथा लेखन की शुरुआत की। इनको ‘ओए लकी’ की पटकथा लिखने के लिए जाना जाता है। ‘आई एम’ और ‘शंघाई’ भी इनकी फेमस फिल्में हैं। उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से सामाजिक कार्य में स्नातक की डिग्री हासिल की है।

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