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फर्जी बेरोजगारी भत्ता उठाने भत्तेवालों से वसूले 24 लाख

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झुंझुनू जिले में मुख्यमंत्री युवा संबल योजना में गलत दस्तावेज लगाकर बेरोजगारी भत्ता उठाने का मामला सामना आया है। बेरोजगार शिक्षित युवाओं को आर्थिक सहायता लिए राज्य सरकार इस योजना में बेरोजगारी भत्ता दे रही है। पात्र युवाओं को दो साल तक प्रतिमाह भत्ता दिया जाता है। जिले में इस योजना का गलत तरीके से फायदा उठाने का मामला सामने आया है। जिले के कुछ युवा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर इसका लाभ ले रहे हैं। इन दस्तावेज की जांच कर विभाग ने वसूली शुरू कर दी है। जिले में बेरोजगार भत्ता ले रहे युवाओं के दस्तावेज के सत्यापन में इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। रोजगार विभाग ने दस्तावेज के सत्यापन में फर्जीवाड़ा पकड़े जाने के बाद फरवरी 2019 से मई 2022 तक की भत्ता राशि वापस वसूल की है। दो साल में विभाग को 113 युवाओं के दस्तावेज में गड़बड़ी मिली। विभाग ने इनसे अब तक करीब 24 लाख रुपए वसूले हैं। जबकी करीब एक करोड़ रुपए की वसूली अभी बाकी है।

बेरोजगारी भत्ता लेने वालों के दस्तावेज की जांच की जा रही है। गलत तथ्य लगाकर भत्ता लेने वाले 113 अभ्यर्थियों से वसूली की गई। विभागीय जानकारी के अनुसार इनमें 90 फीसदी लोग वो है जिन्होंने अपने परिवार की सही इनकम छुपा कर भत्ता प्राप्त किया है। जबकि 10 फीसदी युवा ऐसे है जो नियमित रूप से बीएड व नियमित कोर्स करने के लिए भत्ता प्राप्त कर रहे हैं। योजना के माध्यम से शिक्षित युवा जिन्हें अभी तक नौकरी नहीं मिली है। उन्हें सरकार हर महीने बेरोजगारी भत्ता प्रदान करती है। यदि कोई शिक्षित युवक बेरोजगार है तो उसे सरकार हर महीने 4000 हजार रुपये व शिक्षित महिला, विकलांग या ट्रांसजेंडर अभ्यर्थी को 4500 रुपये का भत्ता देती है। योजना से मिलने वाली राशि लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाती है। इस योजना के तहत युवाओं को आर्थिक सहायता प्रदान होती हे। जिससे युवाओं को किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़े।

योजना में शिक्षित युवा को बेरोजगारी भत्ता प्रदान पात्रता की शर्तों के आधार पर देय होता है। भत्ता लेने वालों अभ्यर्थी के परिवार की आय (माता-पिता या पति, सास-ससुर की मिलाकर) दो लाख रुपये से ज्यादा ना हो। आवेदक भत्ता प्राप्त करते समय नियमित अध्ययन नहीं कर रहा हो। आवेदक स्वरोजगार का कार्य नहीं कर रहा हो। आवेदन करने के बाद कार्यालय स्तर पर दस्तावेज की जांच की जाती है।

झुंझुनू के जिला रोजगार अधिकारी दयानंद यादव ने बताया कि कुछ आवेदक अपात्र होते हुए भी भत्ता प्राप्त कर रहे है। जैसे जिनकी परिवार की आय दो लाख रुपए से अधिक है या निमित रूप से अध्ययन कर रहे है या स्वरोजगार में कार्यरत है। वे युवा रोजगार कार्यालय में आकर अपने बेरोजगारी भत्ते के आवेदन बंद कराए व प्राप्त की गई राशि को जमा करवाए। अन्यथा उनसे वसूली के साथ उनके खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी।

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