22 सितंबर 2020 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली हाट की तर्ज पर बिहार में पहली बार बनने वाले मिथिला अर्बन हाट का शिलान्यास किया था। आज मधुबनी में मुख्यमंत्री इसका उद्घाटन करेंगे। दोपहर 12 बजे सीएम नीतीश कुमार समाधान यात्रा के तहत मधुबनी पहुंचेगें। आज सीएम मधुबनी और इसी समाधान यात्रा के दौरान वह बिहार के पहले अर्बन हाट का उद्घाटन करने जा रहे हैं।
साल 2017 के जुलाई महीने के समय भारत सरकार के टैक्सटाइल मिनिस्ट्री के अंतर्गत आने वाले डेवलपमेंट कमिश्नर (डीक्राफ्ट) के प्रोजेक्ट अर्बन हाट के तहत मिथिला हाट के बनाने की बात शुरू हुई। क्योंकि दिल्ली हाट की तरह बिहार में ऐसे कोई भी अर्बन हाट नहीं हैं जहां लोग अपनी कला और अपने प्रदेश के व्यंजन को लोगों तक पहुंचा सके। इसी को ध्यान में रखते हुए बिहार में अर्बन हाट बनाने का काम शुरू हुआ।
2017 से शुरू हुए इस बात को जमीनी स्तर पर आते हुए 2 साल लग गए। जिसमें अर्बन हाट को बनाने के लिए जगह का निरीक्षण हुआ, जगह तय की गई। फिर उस जगह को सरकार ने अपने अंडर करने का प्रोसेस तैयार किया और साथ ही अर्बन हाट के बनाने को लेकर सभी प्रक्रिया इस 2 साल के अंदर पूरी की गई।
इसके बाद साल 2020 के 22 सितंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा मधुबनी के झंझारपुर, अररिया संग्राम स्थित मिथिला हाट का शिलान्यास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किया गया। लेकिन इसके बाद भी इस परियोजना को समय पर पूरा नहीं किया गया। आधिकारियों के मुताबिक, इस परियोजना की देरी का कारण कोरोना है।
कितने की लागत से तैयार हुआ यह हाट
इस पूरे प्रोजेक्ट की कुल लगता 3 करोड़ 82 लाख 45 हजार रुपए था। जिसे विकास आयुक्त (हस्तशिल्प), टैक्स्टाइल मिनिस्ट्री, भारत सरकार, द्वारा परियोजना लागत को 3 करोड़ तक सीमित किया गया है। जिसका 80 प्रतिशत राशि यानी 2 करोड़ 40 लाख रुपए भारत सरकार के टैक्स्टाइल मिनिस्ट्री द्वारा दिया गया। वही प्रोजेक्ट में लगने वाला 20% राशि यानी 60 लाख रुपए राज्य सरकार द्वारा दिया गया है। इसके साथ ही मिथिला अर्बन हाट से सटे बड़की पोखर झील का सौंदर्यीकरण भी किया गया। जिसमें जल संसाधन विभाग में 14 करोड़ रुपए खर्च कर उसे पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया।
कहां और कितने एकड़ में फैला है हाट
जिस जगह पर इस हाट को बनाया गया है। वहां से NH–28 गुजरती है। जो पहले NH–57 के नाम से जानी जाती थी। सरकार द्वारा इस स्थान को चुनने का एक कारण यह भी था कि यहां पर्यटन का जमावड़ा हो सकता है। इसके साथ ही जिस स्थान पर हाट का यह प्रोजेक्ट बना है वहां पर एक झील पहले से उपलब्ध थी। जिसका सौंदरीकरण कर मिथिला अर्बन हाट में जोड़ा गया। जो लोगों को इस अर्बन हाट की ओर आकर्षित करने में बड़ी भूमिका निभाएगी। यह हाट 1.97 एकड़ में फैला हुआ है।
हाट में पर्यटकों के लिए क्या है खास
“मिथिला हाट” मात्र एक योजना नही बल्कि मिथिला कला व संस्कृति का एक व्यापक मंच होगा। जहां मिथिलांचल के स्थानीय शिल्पकारों और कलाकारों को एक बेहतर और बड़ा मंच देगा। साथ ही इसके माध्यम से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। जहां मिथिलांचल की कला व संस्कृति के साथ–साथ मिथिला के स्थानीय व्यंजन से भी पर्यटक परिचित हो सकेंगे।
ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर (NH57) पर स्थित राज्य के प्रथम
मिथिला हाट में 50 स्टॉल, कार्यालय भवन, भंडार गृह, कला प्रदर्शनी भवन, सभागार, ओपन एरिया थियेटर, सोभेनियर शॉप, फूड स्टॉल, कलाकरों के अस्थायी आवासन के लिए डोरमेटरी, पार्किंग आदि की भी व्यवस्था रहेगी। मिथिला हाट के उद्घाटन के बाद यहां आने वाले पर्यटकों के मनोरंजन के लिए काफी कुछ रहेगा। जिसमें लुक्स हटके सेंटर पर मिथिला की पेंटिंग सिक्की आर्ट गीत संगीत आनंद उठा सकेंगे। लोगों को मिथिलांचल के खास प्रसिद्ध व्यंजनों का स्वाद भी यहां मिलेगा। इसके साथ ही बड़की पोखर तालाब का भी लोग लुफ्त उठा सकेंगे इस तालाब के चारों ओर वाकिंग ट्रेक बनाया गया है और सिलुवा घाट भी बनाए गए हैं। जहां लोगों घाट किनारे बैठने का आनंद उठा सकते हैं।
मधुबनी की खासियत
मिथिलांचल रामायण के कारण दुनिया भर में नहीं जाना जाता। यहां की कला दुनियाभर में प्रचलित है। मिथिलांचल का मधुबनी जिला चित्र कला और संस्कृति के लिए विश्व प्रसिद्ध है। इसी के बदौलत जिले में 6 पद्मश्री, 20 राष्ट्रीय पुरस्कार, 5 राष्ट्रीय प्रतिभा सम्मान, 90 राज्य पुरस्कार प्राप्त कलाकार है। इसके साथ ही यहां 30,851 रजिस्टर्ड कलाकार मौजूद हैं। ऐसे में मधुबनी जिले में बना मिथिला हाट इन कलाकारों के लिए उनकी कला को लोगों तक पहुंचाने का एक बेहतर अवसर देगा।