ठंड का असर बुजुर्गों पर ज्यादा पड़ रहा है। शहर से लेकर गांव तक के बुजुर्ग इसकी चपेट में आ रहे हैं। ठंड की वजह से बुजुर्गों की मौतों की संख्या में अचानक वृद्धि हो गई है। इस बात की तस्दीक श्मशान घाट कर रहा है। विष्णुपद स्थित श्मशान घाट पर आम दिनों में 10 से 15 लाशें जलती थीं। वहीं अब किसी दिन 30 तो किसी दिन चालीस तो किसी दिन 50 तक की संख्या पहुंच रही है। यह संख्या उनकी है जो बुजुर्ग हैं। विष्णुपद श्मशान घाट के डोम राजा का कहना है कि ठंड जिले के बुजुर्गों पर भारी पड़ी रही है। बूढ़े-बुढ़िया लोग अधिक मर रहे हैं।
दरअसल जिले में ठंड बेहिसाब पड़ रही है। गया ठंड के मामले में टॉप पर चल रहा है। रविवार को यहां का टेंपरेचर 2.8 हो गया था। बीते 15 दिनों से 10 के नीचे ही न्यूनतम तापमान रह रहा है। ठंड के साथ पड़ने वाला कोहरा और शीतलहरी और भी घातक साबित हो रही है। यही वजह है कि थोड़ी सी अनदेखी लोगों की जान को मुश्किल में डाल दे रही है। खासकर बुजुर्ग इस ठंड से खासे बेहाल हैं।
डोम राजा ने की तस्दीक
डोम राजा अजय कुमार का कहना है कि इन दिनों बुजुर्ग के शव अधिक आ रहे हैं। जो भी शव का अंतिम संस्कार करने आ रहे हैं, वे यही बताते रहे हैं कि उनके घर के बुजुर्ग को दस्त हुआ और चल बसे। कुछेक का यह भी कहना है कि उनके घर के बुजुर्ग को सांस को दिक्कत में हुई और उनकी मौत हो गई। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि उनके घर के बुजुर्ग को सीने व पेट में दर्द हुआ और वे कुछ ही देर में चल बसे। इससे साफ होता है कि ठंड का असर बुजुर्गों पर खासा पड़ रहा है। यह सिलसिला बीते 15 दिनों से बना चला आ रहा है।
गया में कोल्ड डे जैसी स्थिति से राहत मिली है तो रात में भयंकर ठंड पड़ रही है। पांच दिन पहले गया में लगातार दो दिनों तक लगातार कोल्ड डे जैसा हाल बना था। तीन जनवरी को अधिकतम तापमान सामान्य से 6 डिग्री कम था। छह जनवरी से अधिकतम पारा चढ़ने लगा तो न्यूनतम का कम होना शुरू हो गया। बीते पांच दिनों में न्यूनतम तापमान लगभग आठ डिग्री लुढ़का है।