17 जनवरी से सर्दी की सेकंड वेव आने वाली है। 31 जनवरी तक प्रचंड ठंड पड़ेगी। आने वाले दो से तीन दिनों में ऐसी ही कड़ाके की ठंड पड़ेगी। इसके बाद न्यूनतम और अधिकतम तापमान में दो से चार डिग्री की बढ़ोत्तरी हो सकती है।
थोड़ी राहत से लगेगा कि ठंड कम हुई है, लेकिन सेकेंड वेव आते ही एक बार फिर ठंडी हवाएं हडि्डयां कपकपाने वाली होंगी। जानिए सेकंड वेव में ठंड का क्या होगा प्रभाव और कब तक मिलेगी राहत…
मौसम विभाग के एक्सपर्ट बताते हैं कि बिहार में प्रदूषण के कारण ठंड का प्रभाव काफी देखा जा रहा है। मौसम वैज्ञानिक आशीष कुमार बताते हैं कि इस बार हवा के प्रभाव कम होने के कारण बारिश कम हुई है।
इस कारण से ठंड का प्रभाव और समय काफी लंबा हो गया है। दिसंबर और जनवरी में बारिश हुई ही नहीं है। बारिश नहीं होने से वातावरण में पीएम 2.4 के साथ अन्य पार्टिकल की मात्रा बढ़ जाती हैं।
प्रदूषण के कारण ही फॉग तेजी से बढ़ता है। इस बार ऐसा ही हो रहा है। बारिश नहीं होने के कारण फाग की स्थिति सामान्य नहीं हो रही है। अगर प्रदूषण नहीं होता तो ठंड की ऐसी स्थिति नहीं होती। दोपहर 12 बजे तक कोहरा का प्रभाव नहीं होगा।
एक्सपर्ट बताते हैं कि जब बारिश होती है तो डस्ट पार्टिकल सेटल हो जाते हैं, इससे बड़ी राहत होती है। प्रदूषण नहीं होता है तो फॉग बनता भी है तो जल्दी छट जाता है। इस बार जनवरी में बारिश होने का कोई अनुमान नहीं है, ऐसे में प्रदूषण के कारण समस्या बढ़ती जाएगी।
जानिए कैसे चलती है ठंड की साइकिल
मौसम वैज्ञानिक आनंद शंकर बताते हैं कि ठंड की साइकिल होती है। मौसम विभाग ठंड का सीजन जनवरी और फरवरी को मानता है। इन दो माह में ही सर्दी होती है। अगर दिसंबर में या फिर जनवरी में बारिश हो गई तो कोहरा छट जाता है, धूप से राहत होती है।
इस वर्ष ठंड में हालात पूरी तरह से अलग हैं, फॉग नहीं छट रहा है जिससे ठंड का प्रभाव अधिक दिखाई दे रहा है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि ठंड का वेब जनवरी में दो बार और फरवरी में दो बार आता है। अमूमन 15 दिनों की साइकिल होती है।
जनवरी में एक वेब पूरा हो गया है, अब दूसरा वेब 17 से आने वाला है। पूर्वानुमान है कि पहले वेब से दूसरी वेब ज्यादा ठंड वाली होगी।
पटना में 6 डिग्री से कम होगा तापमान
मौसम वैज्ञानिक आशीष कुमार के मुताबिक मोजूदा समय में न्यूनतम तापमान जो सामान्य में 9 डिग्री होना चाहिए वह 6.2 डिग्री तक पहुंच गया है। अधिकतम तापमान जो सामान्यत: 20 डिग्री होना चाहिए वह अब 14 डिग्री पहुंच गया है।
अधिकतम तापमान में -5.6 डिग्री की गिरावट हुई है, इसकी तरह न्यूनतम तापमान में 2.6 डिग्री की गिरावट देखी जा रही है।
जनवरी में ठंड की सेकेंड वेव में पटना का पारा 6 डिग्री से नीचे आ सकता है। ऐसे ही राज्य के अन्य जिलों में भी ठंड का प्रभाव सेकेंड वेव में काफी अधिक देखने को मिल सकता है।
बिहार में 2003 का टूट रहा रिकॉर्ड
बिहार में ठंड का कई रिकॉर्ड टूट रहा है। मौसम विभाग के एक्सपर्ट बताते हैं कि 2003 के बाद 2022 में ठंड का रिकॉर्ड टूट रहा है। गया में पारा 2 डिग्री तक पहुंच गया है।
राज्य के अन्य जिलों में भी तापमान में 2003 की तरह ठंड बढ़ती हुई दिख रही है। जनवरी में 2023 की ठंड कई साल का रिकॉर्ड तोड़ सकती है, क्योंकि इस बार बारिश की संभावना नहीं बन रही है।
एक्सपर्ट बताते हैं कि 2003 और 2013 में अधिक ठंड पड़ी है। अब 2023 में मौसम इसे दोहरा रहा है। सामान्य से कम तापमान होने का पूर्वानुमान है।
इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि गया में पारा 1.5 डिग्री से कम हो सकता है। पटना में 4 से 5 डिग्री तक ठंड पड़ सकती है।
जानिए कहां कैसा रहेगा मौसम
पूर्वानुमान के मुताबिक एक्सपर्ट बताते हैं राज्य में आने वाले ठंड का प्रभाव दो तरह से हो रहा है। एक तरफ कोल्ड डे तो दूसरी तरफ कोल्ड वेव पड़ रहा है।
जनवरी में ऐसे ही मौसम बना रहेगा। सुबह के समय कोहरा पूरी तरह से छाया रहेगा और हवा से कनकनी बढ़ेगी।
राज्य के दक्षिण बिहार में कोल्ड वेब की स्थिति बनी रहेगी। वहीं नार्थ बिहार में अपर लेयर में फाग लगातार बना रहेगा। कोल्ड वेव और कोल्ड डे की स्थिति से पूरे बिहार में ठंड अधिक महसूस होगी।
ठंड के दूसरे स्केल में फिर से पटना के साथ जिलों में ठंड बढ़ जाएगी, इस दौरान कोहरा परेशान करेगा। 17 जनवरी से तापमान पूरी तरह हडि्डयां कंपाने वाला ही होगा।
मार्च तक नहीं मिलेगा ठंड से छुटकारा
एक्सपर्ट की माने तो इस बार बरसात में कम हुई है, इस कारण से ठंड पर इसका बड़ा प्रभाव दिख रहा है। एक्सपर्ट बताते हैं कि ठंड लंबी खिंच सकती है। मार्च में भी 2003 की तरह ठंड हो सकती है।
वर्ष 2003 में एक मार्च को पटना का तापमान 2.3 डिग्री रहा। इस बार भी 2003 की तरह बारिश कम हुई है, इस कारण से पूर्वानुमान है कि ठंड फरवरी से आगे बढ़ जाएगी और मार्च के प्रथम सप्ताह में भी ठंड एहसास होगा।
हालांकि, मौसम वैज्ञानिक आनंद शंकर बताते हैं कि पूर्वानुमान हर माह का जारी होता है। इस कारण से वह जनवरी का ही हाल बता सकते हैं। हालांकि वह मानसून सीजन में बारिश कम होने से ठंड लंबे समय तक खिंचने की बात से भी इनकार नहीं कर रहे हैं।
आनंद शंकर का कहना है कि राज्य में कई स्थानों पर कोल्ड डे की स्थिति बनी हुई है। कई स्थानों पर अधिकतम तापमान भी 20 डिग्री और न्यूनतम तापमान भी 10 डिग्री से नीचे है।
इस कारण से लोगों को ठंड का एहसास अधिक हो रहा है। यह हालात आगे भी बना रहेगा। जब नेस्ट वेव में ठंड और बढ़ जाएगी तो पारा तेजी से नीचे आएगा।
प्रदूषण और फॉग मिलकर बना रहा स्मॉग
मौसम वैज्ञानिक आनंद शंकर बताते हैं कि कोल्ड डे का प्रमुख कारण प्रदूषण है। प्रदूषण और फॉग मिलकर स्मॉग का फार्मेशन कर रहे हैं। इस कारण से दृश्यता में परेशानी हो रही है। ऐसी स्थिति 2003 और 2013 के बाद बन रही है। इस बार भी कोहरा काफी देरी से क्लीयर नहीं हो रहा है। दिन में 12 बजे तक धुंध छाए रहने का बड़ा कारण प्रदूषण है।
2018, 2019, 2020 और 2021 में ऐसी स्थितियां बनी थी, लेकिन बारिश होने के बाद मौसम सही हो गया था। इस बार 2017 की तरह बारिश नहीं होने से समस्या आ रही है। 2017 की तरह संभावना बन रही है कि बारिश नहीं होने से ठंड का दायरा बढेगा और कोहरा भी परेशान करने वाला होगा। ठंड का पूरा पैटर्न ही 2017 की तरह हो रहा है।