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निर्जला एकादशी शनिवार को: छोटी काशी में मंदिरों में सजेगी ठाकुर जी विशेष झांकी

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निर्जला एकादशी का पर्व शनिवार को राजधानी में बड़ी धूमधाम और श्रृद्धाभाव के मनाया जाएगा और साथ ही शहर के कई मंदिरों में धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित होंगे। इस दिन मंदिरों में पूरे दिन दान-पुण्य का दौर चलेगा। निर्जला एकादशी पर सुबह से ही श्रद्धालु भगवान की पूजा अर्चना कर शक्कर युक्त जल से भरे मिट्टी के घड़े, खरबूजे,आम,पंखी ठाकुरजी का अर्पण कर घर-परिवार के लिए खुशहाली की कामना करेंगे।

शास्त्रों के अनुसार निर्जला एकादशी वर्षभर की 24 एकादशियों में सबसे महत्वपूर्ण मानी जाने से लोग इस दिन निर्जल रह कर उपवास करते है। पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करने की परंपरा होने के चलते कई लोग गलता में जाकर स्नान कर दान पुण्य करेंगे। इसके अलावा शहर के आराध्य देव गोविन्द देव जी मंदिर,बड़ी चौपड़ पर लाडली जी मंदिर,कनक वृंदावन मन्दिर, चौड़ा रास्ता के राधा दामोदरजी, पुरानी बस्ती स्थित गोपीनाथ जी,चांदनी चौक स्थित देवस्थान विभाग के मंदिर ब्रजनिधिजी,मंदिर श्रीआनंदकृष्ण बिहारीजी मंदिर में महंतों के सान्निध्य में भगवान का अभिषेक कर पौशाक धारण करवाकर जल विहार झांकी सजाई जाएगी।इस मौके पर ठाकुरजी को नवीन पोशाक धारण करवा कर ऋतुफलों एवं व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा। इसके बाद फूल बंगले की झांकी सजाई जाएगी। श्रद्धालुओं ने शक्कर युक्त जल के घड़े, पंखा, खरबूजा, आम, सत्तू मंदिरों में चढ़ा पुण्य दान करेंगे। वहीं इस दिन लोग जरूरतमंद को अन्न, कपड़े और जरूरत की वस्तुएं दान भी की जाएगी। हिन्दू धर्मग्रंथों में निर्जला एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन जल कुंभ, रसीले फलों के साथ ही ठंडी तासीर के पकवान ठाकुर जी को अर्पित करने का विधान है।

निर्जला एकादशी के मौके पर आराध्य देव गोविन्द देवजी मंदिर सहित अन्य ठाकुर जी मंदिरों में जल यात्रा उत्सव के तहत जलविहार की झांकी सजाई जाएगी। ठाकुर जी को शीतलता प्रदान करने के लिए गर्भगृह में फव्वारे लगाकर और जल यात्रा झांकी के दर्शन कराए जाएगे। महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सानिध्य में निर्जला एकादशी की प्रात: ठाकुर जी का अभिषेक कर नूतन पोशाक धारण कराई जाएगी।

पंडित गौरव गौड ने बताया कि सर्वार्थसिद्धि और सिद्धि योग के साथ शनिवार होने से निर्जला एकादशी पर पुण्य का महत्व कई गुना बढ़ गया है। साथ ही यह निर्जला एकादशी मशीनरी और गृहप्रवेश के लिए सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त भी रहेगा। जो भक्त सालभर की एकादशी नहीं कर पाते हैं, वह यदि इस एकमात्र एकादशी को कर लें तो उन्हें सभी एकादशियों का पुण्य व फल मिल जाता है। जल भरे कलश को सफेद कपड़े से ढककर चीनी और दक्षिणा के साथ दान करने का इस दिन बड़ा महत्व है।

निर्जला एकादशी पर गोनेर स्थित लक्ष्मीपति जगदीश मंदिर में महंत के सान्निध्य में भगवान का अभिषेक कर झांकी सजाई जाएगी। इस दिन गोनेर में एकादशी का मेला लगेगा और भगवान जगदीश के दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचेगे। पूरे दिन मेले का सा माहौल रहेगा।

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