पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान अब नए आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर से भी नाराज हो गए हैं। इमरान ने रविवार को फौज और उसके चीफ पर तंज कसा। कहा- ये पाकिस्तान की बदकिस्मती है कि हमारी फौज और उसके चीफ इतिहास से कोई सबक नहीं सीख सके। वो अब भी सियासत में दखलंदाजी कर रहे हैं।
खान ने एक बार फिर मुल्क में जल्द से जल्द इलेक्शन कराने की मांग रखी। कहा- पाकिस्तान की मुश्किलों का सिर्फ एक हल है। इलेक्शन जल्द से जल्द कराए जाने चाहिए और इसमें किसी तरह की धांधली नहीं होनी चाहिए।
हमें सिर्फ इलेक्शन चाहिए
इमरान पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के चीफ हैं। अपनी पार्टी की वुमन विंग को उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। कहा- ये पाकिस्तान की बदकिस्मती है कि हमारी फौज ने अब भी इतिहास में की गई पुरानी गलतियों से सबक नहीं सीखा। वो अब भी सियासत में दखलंदाजी कर रही है। वो एक पार्टी को दूसरे लड़ाती है तो कभी उनमें समझौता कराती है। फौज अलग ही तरह का गेम खेल रही है। खैबर पख्तूनख्वा में मेरी पार्टी की सरकार है और वहां भी सियासी खेल चल रहा है। मुझे समझ नहीं आता कि वो करना क्या चाहते हैं।
मुल्क को मुश्किल से कौन निकालेगा
इमरान ने कहा- पाकिस्तान में अब भी पॉलिटिकल इंजीनियरिंग की जा रही है। आज बेहद कमजोर सरकार है। इन हालात में मुल्क को मुश्किलों से कौन निकालेगा। अब जो भी सरकार आए उसे पूरे पांच साल मिलने चाहिए और इस सरकार को सख्त फैसले लेने से नहीं रोका जाना चाहिए। हम वोट के जरिए और अमन से क्रांति चाहते हैं।
खान ने आगे कहा- देश की इकोनॉमी के हाल सबको पता हैं। इन्हें छिपाए जाने का कोई मतलब भी नहीं है। अगर हम आज भी नहीं जागे तो हमारी हालत श्रीलंका से भी खराब हो जाएगी। देश का गरीब मजदूर सस्ते अनाज के लिए लाइन में लगता है और इंतजार में वहीं उसकी मौत हो जाती है। देश में महंगाई कहां पहुंच चुकी है, ये किसी छिपा नहीं है।
नए आर्मी चीफ से भी नाराजगी
जनरल कमर जावेद बाजवा के बाद जनरल आसिम मुनीर पाकिस्तान के नए आर्मी चीफ बने हैं। बाजवा और इमरान के बीच तल्ख रिश्ते रहे और इमरान अब भी उन पर खुलेआम तंज कसते हैं। जब मुनीर आर्मी चीफ बने तो खान ने शुरुआत में उनकी काफी तारीफ की, लेकिन अब वो मुनीर से भी अचानक खफा नजर आ रहे हैं।
खान ने कहा- बाजवा बहुत पावरफुल थे। उन्होंने जो खेल खेला उसकी वजह से मुल्क आज इन हालात में पहुंच गया। आर्मी अब भी अपनी गलतियों से सबक सीखने को तैयार नहीं है। वो (फौज) कहते हैं कि हम न्यूट्रल हो गए हैं। कौन उनकी बात मानेगा। मेरी पीठ में तो बार-बार छुरा मारा गया।