ब्राजील में पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो के हजारों समर्थक रविवार को पुलिस बैरिकेड्स तोड़कर संसद, सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति भवन में घुस गए। उन्होंने तोड़फोड़ भी की। पुलिस ने हंगामा करने वाले 400 लोगों को गिरफ्तार किया है।
इस घटना को लेकर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने एक ट्विटर पोस्ट में लिखा- ब्रासीलिया में प्रदर्शनकारियों के सरकारी संस्थानों के खिलाफ दंगे और तोड़फोड़ की खबरों से बेहद चिंतित हूं। लोकतंत्र का सभी को सम्मान करना चाहिए। हम ब्राजील के अधिकारियों को अपना पूरा समर्थन देते हैं।
हमला अचानक हुआ, पुलिस ने उपद्रवियों को बाहर निकाला
पुलिस ने सरकारी इमारतों में घुसे उपद्रवियों को बाहर निकाल दिया है। सरकार ने कहा कि ये अचानक किए गए हमले की तरह है। पिछले हफ्ते राष्ट्रपति बने लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा ने इसे फासीवादी हमला बताया।
ब्राजील की प्रमुख सरकारी इमारतों में जिस तरह से हिंसा हुई है, वैसी ही हिंसा 2 साल पहले 6 जनवरी 2021 को अमेरिका में भी हुई थी। तब चुनाव हार चुके राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के समर्थक कैपिटल हिल यानी अमेरिकी संसद में दाखिल हुए थे। उन्होंने हिंसा की थी। इस घटना की जांच कर रही कमेटी ने हिंसा के लिए पूरी तरह से ट्रम्प को जिम्मेदार ठहराया था।
समर्थक बोले- अभी प्रदर्शन थमेगा नहीं, सरकार ने कहा- लोकतंत्र तबाह नहीं होने देंगे
ब्राजील के न्याय मंत्री फ्लैवियो डीनो ने कहा, “इंटरनेट पर अभी भी ऐसे लोग हैं, जो कह रहे हैं कि ऐसी आतंकवादी घटनाएं अभी थमेंगी नहीं। पर हम उन्हें ऐसा नहीं करने देंगे। वो ब्राजील के लोकतंत्र को तबाह नहीं कर पाएंगे। हम राजनीतिक संघर्ष को अपराध के रास्ते पर नहीं जाने देंगे। अपराधियों से अपराधियों जैसा व्यवहार किया जाएगा।”
बोल्सोनारो समर्थकों की हिंसा और पुलिस का एक्शन…10 फोटोज
नए राष्ट्रपति की शपथ के एक हफ्ते बाद हिंसा
ब्राजील में अक्टूबर में प्रेसिडेंट इलेक्शन हुए थे। इन चुनावों में बोल्सोनारो करीब 21 लाख 39 हजार वोटों से हार गए थे और लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा की जीत हुई थी। पिछले हफ्ते 1 जनवरी को सिल्वा ने शपथ ली। इसके बाद ही बोल्सोनारो समर्थकों ने सरकारी इमारतों पर हमला बोल दिया। बोल्सोनारो के समर्थकों ने सिल्वा को राष्ट्रपति मानने से इनकार कर दिया है। प्रदर्शनकारी तभी से राजधानी ब्रासीलिया में बड़ी संख्या में डेरा डाले हुए हैं। इसके चलते संसद में अब तक एक भी सत्र नहीं चल पाया है।
सिल्वा, बोल्सोनारो ने हिंसा की निंदा की
सिल्वा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ब्रासीलिया में हुई हिंसा को असभ्य बताया। उन्होंने कहा- सिक्योरिटी में चूक हुई, तभी बोल्सोनारो के समर्थक संसद के अंदर घुस पाए। ऐसे लोग राजनीति को भद्दा बनाते हैं। हिंसा में शामिल सभी लोगों को सजा जरूर मिलेगी।
बोल्सोनारो ने भी ट्विटर पर अपने समर्थकों की निंदा की। उन्होंने लिखा- लोकतंत्र में विरोध प्रदर्शन हमेशा शांति से और कानून के दायरे में रहकर होना चाहिए। सरकारी इमारतों पर आज जो हमले हुए हैं और 2013 और 2017 में जो हमले हुए थे, वो गैरकानूनी हैं।
एक महीने पहले भी हुई थी हिंसा
करीब एक महीने पहले भी ब्राजील में ऐसी ही हिंसा हुई थी। पुलिस और बोल्सोनारो के समर्थकों के बीच झड़प हुई थी। समर्थक पुलिस हेडक्वार्टर में घुस गए थे। यहां सिल्वा की जीत का विरोध कर रहे बोल्सोनारो के समर्थकों ने कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को कंट्रोल करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे थे।
ब्राजील की हिंसा ने अमेरिका की याद दिलाई
6 जनवरी 2021 को ट्रम्प के समर्थक अमेरिकी संसद में घुस गए थे। उन्होंने हिंसा भड़काई थी, जिसमें 5 लोगों की मौत हुई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इन समर्थकों को ट्रम्प ने एक ट्वीट में क्रांतिकारी भी बताया था। यह सब 2020 राष्ट्रपति चुनाव के रिजल्ट को बदलने के लिए हुआ था, जिसमें जो बाइडेन की जीत हुई थी।
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