Search
Close this search box.

यूपीएससी में सफल आशीष के घर लौटने पर शहरवासियों ने किया भव्य स्वागत

Share:

अररिया फोटो:आशीष के फारबिसगंज वापसी पर अभिनन्दन समारोह में किया गया स्वागत

यूपीएससी की परीक्षा में सफल फारबिसगंज के दो छात्रों के चयन के बाद पहली बार आगमन पर वैश्य समाज के लोगों ने स्वागत किया। फारबिसगंज समाज के प्रतिनिधियों ने सैफगंज के रहने वाले आशीष कुमार के दिल्ली से वापस फारबिसगंज सीमांचल एक्सप्रेस ट्रेन से पहुंचने पर फूल मालाओं से लाद दिया और तिलक चंदन कर गर्मजोशी के साथ स्वागत किया।

मौके पर भारी संख्या में वैश्य समाज के प्रतिनिधि मौजूद थे।यूपीएससी सफल छात्र आशीष को खुले गाड़ी में चढ़ाकर बाजार भ्रमण कराया गया।फारबिसगंज से एक साथ दो छात्रों के सफल होने पर वैश्य समाज के लोगों ने गौरवान्वित होने की बात कही।आशीष के साथ उसके पिता और परिवार वालों को भी वैश्य समाज के प्रतिनिधियों ने फूल मालाओं से लाद दिया गया।

उल्लेखनीय है कि जमीन बेचकर बेटे को उच्च शिक्षा प्रदान करने की जिजीविषा ने एक पिता के अरमान को पंख लगा दिया था और बड़े बेटे के मेडिकल कम्पीट कर चिकित्सक बनने के बाद छोटे बेटे ने बीपीएससी के बाद यूपीएससी की परीक्षा कम्पीट कर आइएएस बन गया।फारबिसगंज के सैफगंज के वार्ड संख्या छह के रहने वाले अनिल भगत के पुत्र आशीष कुमार का।जिन्होंने 65वीं बीपीएससी की परीक्षा में डीएसपी पद पर चयन होने के बावजूद आइएएस बनने के देखे गये सपने को साकार करने के लिए यूपीएससी की परीक्षा में शामिल हुआ और अपने जिद और जुनून के बदौलत यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण करते हुए 85वां रैंक लेकर आइएएस के लिए क्वालीफाई किया।बीपीएससी में चयन होने के बाद आशीष जा रहा था डीएसपी बनने लेकिन यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद वह आइएएस बन गया।

आशीष कुमार के पिताजी अनिल भगत प्राइवेट फार्म में काम करते है और उनकी मां शांति देवी गृहिणी है।अपने दोनों बेटों की पढ़ाई के लिए पिता ने कोई कसर नहीं छोड़ी और बेटों की पढ़ाई को जारी रखने के लिए जब उनके पैसों का अभाव हो गया तो उन्होंने कुछ वर्ष पहले अपने जमीन के टुकड़े को 16 हजार रुपये में बेच दिया था और आज उस जमीन की कीमत 25 लाख से भी अधिक है।जमीन से ज्यादा शिक्षा को महत्व देने वाले अनिल भगत आज अपने दोनों पुत्रों के कामयाबी से खुश हैं।आशीष की प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा गांव से ही हुई और दिल्ली में रहकर लोक सेवा आयोग की तैयारी में लगा हुआ था। 65 वीं बीपीएससी की परीक्षा में डीएसपी रैंक हासिल करने के बाद वह दिल्ली से पटना डीएसपी पद पर जॉइन करने के लिए उड़ान भरने वाला ही था कि उनके भाई ने आईएएस कम्पीट की सूचना फोन पर दी थी।

फारबिसगंज पहुंचने के बाद नगर भ्रमण के बाद उसका वैश्य समाज समिति और कलवार जागृति मंच की ओर से थाना के बगल में आयोजित अभिनन्दन समारोह में आशीष का अभिनन्द किया गया।जहां वैश्य समाज के प्रतिनिधि सहित शहर के लोगों ने उसका स्वागत किया।

Leave a Comment

voting poll

What does "money" mean to you?
  • Add your answer

latest news