राजस्थान में सीनियर टीचर भर्ती पेपरलीक मामले में फरार चल रहा भूपेंद्र सारण पहले भी पेपर लीक मामले में शामिल रहा चुका है। पुलिस सूत्रों की मानें तो सारण लगभग हर सरकारी एग्जाम के पेपर लीक करने का दावा करता था।
उदयपुर में पकड़े गए हेडमास्टर सुरेश विश्नोई से पुलिस पूछताछ में ये बातें सामने आई हैं। भूपेंद्र सारण सुरेश विश्नोई से कहता था- ‘तुम्हें जो पेपर चाहिए, मेरे से ले लेना। उसने RAS का पेपर तक दिलवाने का भी दावा किया।’ फिलहाल पुलिस हर पहलू पर जांच कर रही है। पुलिस को शक है कि कहीं भूपेंद्र सारण सुरेश विश्नोई को बरगला तो नहीं रहा था।
सीनियर टीचर भर्ती पेपर भी एग्जाम से पहले उसने ही सुरेश को उपलब्ध कराया था। इसको लेकर दोनों के बीच करोड़ों रुपए की डील होने की भी बात सामने आ रही है। पुलिस पूछताछ में सुरेश विश्नोई ने एग्जाम से पहले पेपर 5 से 10 लाख रुपए में अभ्यर्थियों को बेचने की बात कबूल की थी।
भूपेंद्र सारण साल 2011 में जीएनएम भर्ती पेपर आउट प्रकरण और वर्ष 2022 में पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती पेपर लीक मामले में भी शामिल था। जेल भी जा चुका हे। पुलिस सुरेश विश्नोई से सख्ती से पूछताछ कर रही है। एक दिन पहले पुलिस ने जयपुर से भूपेंद्र सारण की गर्लफ्रेंड और पत्नी को गिरफ्तार किया था।
अभ्यर्थियों के रिश्तेदार-अभिभावक भी सौदे में शामिल, एक का पिता गिरफ्तार
अभ्यर्थियों को एग्जाम से पहले पेपर दिलाने के सौदे में उनके रिश्तेदारों और अभिभावकों के भी नाम सामने आ रहे हैं। उदयपुर की हिरण मगरी पुलिस ने लीक पेपर सॉल्व करवाते पकड़ी सांचौर निवासी सरोज के पिता सुखाराम और ड्राइवर ओमप्रकाश को गिरफ्तार किया है। सुखराम भी ग्रेड सेकेंड टीचर हैं। पत्नी के नाम से प्राइवेट स्कूल भी चलाता है। उसने बेटी को पास कराने के लिए सुरेश विश्नोई से डील की थी।
पुलिस के अनुसार पूछताछ में तीन महिला अभ्यर्थियों ने बताया कि उनके लिए पति ने पेपर का सौदा किया। बाकी अन्य 4 महिला अभ्यर्थियों ने बताया कि उनके लिए उनके माता-पिता ने पेपर खरीदा था। अब पुलिस उन्हें भी आरोपी बनाएगी।
नहीं पकड़े जाते तो पेपर से करते करोड़ों रुपए की कमाई
पुलिस ने अभी तक कुल 55 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें 45 अभ्यर्थी वे हैं, जिन्हें एग्जाम से पहले पेपर मिला। 6 डमी अभ्यर्थी हैं। अगर ये सभी पकड़े नहीं जाते तो प्रत्येक से पेपर के नाम पर 5 से 10 लाख रुपए लिए जाते। यह रकम करीब 5 करोड़ रुपए से ज्यादा होती। ये आंकड़ा तो सिर्फ 24 दिसंबर को पकड़े गए अभ्यर्थियों का है। गोगुंदा टोल नाके पर सीसीटीवी फुटेज देखें तो यही बस 21 से 23 दिसंबर तक भी उदयपुर आई थी। ऐसे में उसमें भी इतने ही अभ्यर्थियों के पेपर लीक में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। आगे जांच में इसकी सही पुष्टि होती है तो पेपर लीक यह सौदा 15 से 20 करोड़ रुपए तक होने की आशंका है।
16 अभ्यर्थियों की कोर्ट में हुई पेशी, रिमांड अवधि बढ़ाई
पेपर लीक मामले में अभी तक गिरफ्तार 55 में से 10 आरोपियों सहित 6 महिला अभ्यर्थियों की रिमांड अवधि समाप्त होने पर बुधवार को कोर्ट में पेश किया गया। 6 महिलाओं की रिमांड को दो दिन के लिए बढ़ा दिया गया। वहीं, सुखेर थाना पुलिस द्वारा गिरफ्तार 10 आरोपियों के रिमांड की अवधि को 5 दिन के लिए बढ़ा दिया गया है। पूर्व में इन्हें 25 दिसम्बर को कोर्ट के सामने पेश किया गया था। तब चार दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया था। वहीं, महिला अभ्यर्थियों को पूर्व में कोर्ट के समक्ष पेश किया था, जहां से उनकी रिमांड अवधि को पहले भी दो दिन के लिए बढ़ा दिया गया था। अब इन्हें आज फिर से कोर्ट में पेश किया जाएगा।
पुलिस अधिकारी बोले- बिचौलिओं की भूमिका वालों पर भी होगा मुकदमा
उदयपुर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जो भी इस मामले में बिचौलिए की भूमिका में रहे हैं, उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करने की तैयारी है। चाहे वो अभ्यर्थियों का रिश्तेदार हो या फिर उनके अभिभावक। मामले में मुख्य सरगना भूपेंद्र सारण और सुरेश ढाका की तलाश में टीमें दिन-रात जुटी है। पकड़े गए हेडमास्टर से पूछताछ जारी है।
उदयपुर में चल रहे पेपर लीक का मामला अब जयपुर पहुंच चुका है। मंगलवार रात जयपुर कमिश्नरेट पुलिस ने 6 लोगों को देश की बड़ी यूनिवर्सिटी की फर्जी आंसर शीट और डिग्री के साथ गिरफ्तार किया। गिरफ्तार सभी छह लोग पेपर लीक के मास्टरमाइंड भूपेंद्र सारण के परिवार के सदस्य और एक उसकी गर्लफ्रेंड हैं