शहर के एमटीएच महिला अस्पताल में एक महीने से यूनिफॉर्म को लेकर जंग छिड़ गई है। नर्सें नाराज हैं। इसका कारण उनके लिए सलवार-सूट पहनने का फरमान है। वे स्क्रब पहनना चाहती हैं, पर डॉक्टर्स नहीं चाहते कि नर्सें उनके जैसी ड्रेस पहने। इसलिए नेम प्लेट और सफेद रंग का सलवार-सूट अनिवार्य कर दिया। नहीं पहनने पर 500 रुपए जुर्माने का फरमान भी जारी कर दिया।
एमजीएम मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अन्य किसी अस्पताल में ऐसा कोई नियम नहीं है। जब अस्पताल में सुनवाई नहीं हुई तो नर्सें डीन डॉ. संजय दीक्षित से मिलीं। डीन ने विभागाध्यक्ष डाॅ. नीलेश दलाल से बात की। लंबी बहस के बाद जब नर्सें एक रंग पर सहमत हो गईं, तो अस्पताल प्रशासन ने कुर्ता पहनना अनिवार्य कर दिया। अब 2 जनवरी को फिर बैठक बुलाई गई है।
सफेद रंग क्यों…
- नर्सों को पारंपरिक रूप से यही रंग पहनना होता है। शुरू से यही नियम है।
- सफेद रंग स्वच्छता, शांति का प्रतीक है। अस्पतालों की दीवारों के साथ-साथ डॉक्टर के कोट सहित कई चीजें सफेद होती हैं ताकि मरीज शांति महसूस कर सके।
- सफेद रंग पर दाग और गंदगी आसानी से दिखाई दे जाती है। इससे सर्तकर्ता से किसी तरह के इंफेक्शन का खतरा कम हो जाता है।
इसलिए नहीं सफेद
- सफेद बहुत जल्दी गंदा हो जाता है तो खराब लगता है।
- सर्जरी, डिलीवरी या ड्रेसिंग के दौरान खून के दाग लग जाते हैं।
- स्क्रब पहनना आसान है और यह आरामदायक भी है।
- इंडियन नर्सिंग कॉउंसिल की अनिवार्यता नहीं है। अस्पताल रंग को लेकर पाॅलिसी बनाते हैं।
- ओटी में हरा, नीला या गहरा रंग इसीलिए पहनते है ताकि खून देखकर तनाव न हो।
यह है आदेश
- सलवार-सूट पहनना जरूरी
- रंग सफेद ही होना अनिवार्य
- 500 रुपए जुर्माने की धमकी
- डॉक्टर्स जैसी ड्रेस न पहने
- ब्लू और मरून कलर न हो
ये नर्सों के तर्क
- स्क्रब पहनना चाहती हैं।
- नीला रंग पहन रही हैं अब तक
- निजी अस्पतालों में मल्टीकलर।
- नर्सिंग काउंसिल ने ऐसे कोई नियम नहीं बनाए हैं।
कोई नियम नहीं
रंग या पैटर्न को लेकर पहले नियम थे, अब अस्पताल तय करते हैं। नर्सेस पेंट-शर्ट भी पहनने लगी हैं। आईएनसी का कोई नियम नहीं है।
अंगूरी सिंह, प्राचार्य, नर्सिंग कॉलेज
एक रंग तय हो
यूनिफॉर्म का एक रंग होना चाहिए। सफेद हो तो ज्यादा अच्छा है। डॉक्टरों व नर्सों की ड्रेस एक जैसी नहीं हो सकती।
डॉ. नीलेश दलाल, विभागाध्यक्ष, स्त्री रोग, एमटीएच
जल्द हल करेंगे
नर्सेस की ड्रेस को लेकर मामला मेरे संज्ञान में आया था। विभागाध्यक्ष से भी बात हो चुकी है। जल्द समस्या का हल निकाल लेंगे।
डॉ. संजय दीक्षित, डीन, मेडिकल कॉलेज
यूं चली बहस, जो अब भी बेनतीजा
डीन- ब्लू कलर पहनने दो, क्या परेशानी है?
विभागाध्यक्ष- वह तो हमारे डॉक्टर पहनते हैं।
नर्स- मरून रंग के लिए सहमति दी।
विभागाध्यक्ष- यह भी हमारे डॉक्टर पहनते हैं।
डीन- अन्य रंग बता दो जो आपके डॉक्टर नहीं पहनते।
नर्स- गुलाबी रंग पर सहमत हो गईं।
अस्पताल प्रशासन- कुर्ता पहनना अनिवार्य है।
नर्स- हम स्क्रब पहनेंगे।