पतित पावनी गंगा के अवतरण दिवस गंगा दशहरा पर गुरुवार को हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई है।हवन यज्ञ एवं अन्य धार्मिक कर्मकांड भी संपन्न हुए हैं। जिले के सभी गंगा घाटों पर प्रदेश सहित गैर प्रदेशों के भी तीर्थयात्री बड़ी संख्या में पहुंचे हैं। प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए हैं। घाटों पर साफ सफाई भी कराई गई है। बाहरी वाहनों ठहरने का उचित प्रबंध किया गया है।
गंगा दशहरा पर जिले के लहरा, कछला, कादरगंज, सोरो स्थित हरिपदी गंगा पर प्रदेश सहित गैर प्रदेशों हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली के तमाम श्रद्धालुओं ने पहुंचकर गंगा में आस्था की डुबकी लगाई है। मनौतियां मांगी है। घाटों के आसपास स्थित देवालय में सुबह से ही घंटे और घड़ियाल के स्वर गुंजायमान होने लगे हर हर गंगे के साथ लोगों ने गंगा में डुबकी लगाई। इसके साथ ही विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कराएं। गंगा दशहरा पर्व को लेकर जिला प्रशासन पहले से ही पूरी तैयारी में था। जिले गंगा घाटों पर पर्व को लेकर खासे इंतजाम किए गए। अलीगढ़ परिक्षेत्र के डीआईजी दीपक कुमार ने तीर्थ पुरोहितों एवं धार्मिक गुरुओं के साथ बैठक की। डीएम हर्षिता माथुर, एसपी बोत्रे रोहन प्रमोद भी घाटों की तैयारियों को लेकर लगातार नजर बनाए रखें रहे।
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कराए मुंडन, पितरों का किया तर्पण
गंगा दशहरा पर्व को लेकर स्नान के लिए पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों ने विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान गंगा घाटों पर संपन्न कराएं। नवजात शिशुओं के मुंडन संस्कार हुए। पितरों को तर्पण किया गया। हवन यज्ञ भी संपन्न कराए गए। सुबह से लेकर देर शाम तक तीर्थ पुरोहित अपने अरमानों के कर्मकांड कराने में व्यस्त रहे।
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दशहरा पर गंगा स्नान से 10 तरह के पापों से मिलती है मुक्ति
शूकर क्षेत्र सोरों के ज्योतिषी डॉ. गौरव दिक्षित गंगा दशहरा की महत्वता के संबंध में बताते हैं कि दशहरा के दिन धरती पर मां गंगा अवतरित हुई थीं। इसलिए इस शुभ तिथि को गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाने से 10 तरह के पापों (3 कायिक, 4 वाचिक और 3 मानसिक) से मुक्ति मिलती है। इस दिन चार शुभ संयोग भी बन रहे हैं। गुरु-चंद्रमा और मंगल का दृष्टि संबंध रहेगा इससे गज केसरी और महालक्ष्मी योग का निर्माण होगा। वहीं वृष राशि में सूर्य-बुध की युति से बुधादित्य योग बनेगा। इसके अलावा सूर्य और चंद्रमा के नक्षत्रों से पूरे दिन रवि योग रहेगा। इस शुभ घड़ी में दान स्नान का महत्व और ज्यादा बढ़ जाएगा। गंगा दशहरा के दिन ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, हस्त नक्षत्र, व्यतिपात योग, गर करण और कन्यास्थ चंद्रमा होगा। माँ गंगा ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को हस्त नक्षत्र में ही पृथ्वी पर उतरी थीं। इसलिए हस्त नक्षत्र में पूजा-पाठ और मांगलिक कार्य पूर्णत: सफल माने जाते हैं।
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गोताखोरों की रही तैनाती
गंगा दशहरा पर्व को लेकर जिला प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए थे। घाटों पर कोई अनहोनी घटना ना हो इसके लिए पीएसी के गोताखोर तैनात रहे। गंगा की धार में स्ट्रीमर लगातार संचालित होते रहे। पुलिस का कड़ा पहरा रहा। नगर पंचायतों एवं जिला पंचायत राज विभाग की ओर से घाटों पर साफ-सफाई का भी प्रबंध किया गया। संबंधित विभागों के कर्मचारी तैनात रहे।