सपा विधायक इरफान सोलंकी को बुधवार सुबह 10 बजे कानपुर जेल से महाराजगंज जेल के लिए रवाना कर दिया गया। वो जेल से बाहर आए, तो हाथ में कुरान लिए हुए थे। परिवार को देखते ही उनकी आंखों में आंसू आ गए। मगर पुलिस ने किसी से मिलने नहीं दिया।
मीडिया की तरफ बढ़ते ही पुलिस ने उन्हें गाड़ी की तरफ चलने के लिए कहा। इस पर इरफान नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि धक्का क्यों देते हो? इस पर पुलिस और इरफान के बीच नोकझोंक हो गई। 10 मिनट के अंदर ही पुलिस गाड़ी में इरफान को बैठाकर महाराजगंज के लिए रवाना हो गई।
कमिश्नर आवास में सरेंडर के बाद से जेल में बंद
इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान के खिलाफ 7 नवंबर को जाजमऊ डिफेंस कॉलोनी निवासी उनकी पड़ोसी महिला बेबी नाज का घर फूंकने के मामले में FIR दर्ज की गई थी। इसके बाद इरफान फरार हो गए थे। पुलिस ने कुर्की की कार्रवाई के लिए प्रक्रिया शुरू की, तो इरफान ने 2 दिसंबर को कानपुर पुलिस कमिश्नर के आवास पर सरेंडर कर दिया था। इसके बाद से वह जेल में बंद हैं।
5 FIR दर्ज हो चुकी, सुरक्षा के लिए शिफ्ट हुए
इरफान के खिलाफ एक के बाद एक 5 FIR गंभीर धाराओं में दर्ज की गई थी। इसके बाद से वह लगातार जेल में हैं। अब उन्हें बुधवार को कानपुर से महाराजगंज जेल शिफ्ट किया जा रहा है। जेल अधीक्षक की माने तो सुरक्षा के लिहाज से यह कदम उठाया गया है। उन्होंने इस संबंध में एक रिपोर्ट बनाकर शासन को दी थी। इसके बाद इरफान को महाराजगंज जेल शिफ्ट करने में शासन ने फैसला लिया है।
400 किमी की दूरी 6 घंटे में पूरी होनी है
महाराजगंज से कानपुर की दूरी करीब 400 किमी है। ऐसे में ये सफर करीब 6 घंटे का माना जा रहा है। इस दौरान प्रोटोकॉल के हिसाब से ये काफिला कहीं रुकना नहीं है। इस काफिले में 5 गाड़ियां शामिल की गई हैं। बीच वाली गाड़ी में इरफान सोलंकी मौजूद हैं।
पत्नी बोलीं- उन्हें बहुत दूर भेज दिया
इरफान की पत्नी जेल के बाहर मौजूद थीं। उन्होंने इरफान को देखते ही हाथ हिलाया। इरफान का काफिला रवाना होने के बाद उन्होंने मीडिया से कहा कि उन्हें बहुत दूर भेज दिया। पता नहीं वहां तक बच्चे मिलने जा पाएंगे या नहीं? मुझे सरकार से सिर्फ इतना कहना कि उन्हें जहां भी रखे, बस सुरक्षा का ध्यान रखे।
जेल में 1 घंटे में इरफान से 1350 बार हस्ताक्षर कराए
बांग्लादेशी नागरिक डॉ. रिजवान मोहम्मद और उनके परिवार को अपने लेटरहेड पर भारतीय होने का प्रमाणपत्र देने के मामले में फंसे सपा विधायक इरफान से मंगलवार को पुलिस की एक टीम ने जेल में मुलाकात की। वहां पर 50 पन्नो में 1350 बार हस्ताक्षर कराए।
जिनका मिलान लेटरहेड के हस्ताक्षर से कराया जाएगा। जेल सोर्स के मुताबिक, इस दौरान विधायक खिसिया गए, अभद्र शब्दों का इस्तेमाल भी किया। टीम को करीब 1 घंटे का समय इन हस्ताक्षर के नमूनों को इकट्ठा करने में लगा। इन्हें झांसी की फोरेंसिक लैब में भेजा गया है।
विधायक बार-बार हस्ताक्षर बदल रहे, इसलिए इतनी बार कराए
सपा विधायक के हस्ताक्षर मिलान पहले भी पुलिस एक प्राइवेट एक्सपर्ट से करा चुकी है। फिर कोर्ट से पुलिस रिमांड मिलने के बाद उन्होंने हस्ताक्षर करने की बात कबूल कर ली। इसके बाद सोमवार को इरफान का नाम डॉ. रिजवान केस से जोड़ा गया। पुलिस का तर्क है कि इतनी बार हस्ताक्षर इसलिए कराए गए हैं, क्योंकि विधायक बार-बार हस्ताक्षर बदल रहे थे।