जंगल में तप करने वाली किशोरी के परिजन पहुंचे चित्रकूट:मप्र के पन्ना से पहुंचे माता-पिता को सौंपी गई लड़की, 19 दिसंबर को पुलिस ने लिया था
सिद्धी के माता पिता उसे लेकर घर चले गए।
सिद्धी के माता पिता उसे लेकर घर चले गए।
चित्रकूट में विंध्य पर्वत श्रृंखलाओं से गिरे घने जंगल के बीच सती अनुसूइया आश्रम के समीप रामनगर के जंगल में 15 साल की नाबालिग लड़की एक पखवारे से तप कर रही थी। पुलिस की पूछताछ में उसने अपना नाम सिद्धी और पता मप्र के पन्ना जिले में बताया। यूपी पुलिस ने पन्ना पुलिस से संपर्क कर लड़की के माता-पिता को बुलाया। पूछताछ के बाद लड़की को परिजनों को सौंप दिया गया।
पुलिस के मुताबिक 19 दिसंबर को लड़की के पिता सालिक नाथ निवासी कलर पुरा थाना गुन्नौर जिला पन्ना मप्र में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। चित्रकूट पुलिस ने सभी जनपदों को फोन से सूचना दी थी। लड़की की माता रतन व पिता गुन्नौर पुलिस के साथ चित्रकूट पहुंचे और चित्रकूट पुलिस में वन स्टॉप सेंटर में बैठी लड़की को उनके सुपुर्द कर दिया गया।
चरवाहों ने तप करते लड़की को देखा
बताते चलें कि 15 साल की नाबालिग लड़की बीते शनिवार को विंध्य पर्वत श्रृंखलाओं से घिरे जंगल के बीच ऊंची आवाज में ओम नमो भगवते वासुदेवाय नम: का जाप कर रही थी। वहीं पर बकरी चराने पहुंचे चरवाहों ने नाबालिग को देखा तो पुलिस को मामले की जानकारी दी थी। बहिलपुरवा थाने की पुलिस ने नाबालिग को हिरासत में लिया था। उसके बाद उससे पूछताछ की थी।
जंगल में तप करने की सूचना पर पहुंची थी पुलिस।
जंगल में तप करने की सूचना पर पहुंची थी पुलिस।
पुलिस को नाबालिग के पास से एक शॉल और पानी पीने का बर्तन मिला था। नाबालिग ने पहले अपने माता-पिता का नाम विष्णु और लक्ष्मी बताया था। उसका कहना था कि वो इन्हीं की भक्ति में लीन होने यहां आई है। हालांकि बाद में सख्ती से पूछताछ करने पर बच्ची ने अपना नाम सिद्धी शर्मा बताया था।
2021 में घर छोड़ दिया था
सिद्धी के मुताबिक, जून 2021 में मैं अपने घर से निकलकर प्रयागराज में अरैल घाट पर स्थिति अखाड़ा परी शंकराचार्य महिला आश्रम में चली आई थी। वहां से वो मई 2022 में आश्रम से निकलकर चित्रकूट आ गई। यहां पर रामघाट, हनुमानधारा, सती अनुसुइया में कर घूम-घूमकर पूजा पाठ करती रही। फिर यहां आकर तपस्या करने लगी।