निकाय चुनाव के आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई पर जहां पालिका अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने वालों की नजरें लगी हुई हैं। वहीं वार्ड में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे दावेदारों के होश उड़े हुए हैं। 20 दिसंबर को निकाय चुनाव के आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई है। जिसमें प्रदेश सरकार को अपना पक्ष रखना है।
परंतु हाईकोर्ट के आदेश पर सभी दावेदारों की सांसें अटकी हुई हैं। क्योंकि 20 दिसंबर को अगर फैसला नहीं आता तो चर्चा है कि चुनाव लंबा खिंच सकता है। जिसके चलते पालिका अध्यक्ष पद के दावेदारों की हाईकोर्ट की सुनवाई पर टकटकी लगी हुई है।
अब वर्ग को लेकर दावेदार चिंतित
5 साल से हापुड़ की चारों सीट सामान्य वर्ग की मानकर दिग्गज नेता तैयारी में जुटे हुए थे। जिन्होंने दिल्ली से लखनऊ के चक्कर काट रखे हैं। चुनाव लड़ने के लिए पांच साल से मेहनत कर रहे हैं। परंतु आरक्षण सूची में तीन सीट एससी महिला और एक ओबीसी महिला की होने पर सभी दावेदार बदल गए। इस समय हर सड़क बैनर और फ्लैक्सी से अटी हुई है। हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई को लेकर संशय बरकरार है।
वार्डों का आरक्षण जारी होने के बाद लगभग सभी वार्ड में 5 से 10 दावेदार उतर चुके हैं। जिसमें कई तो सियासी दलों से हैं, जबकि कई निर्दलीय हैं। जिनको लड़ना ही लड़ना है। परंतु हाईकोर्ट के आदेश पर उनकी निगाहें जमी हैं, क्योंकि अगर चुनाव देरी से होते हैं तो उनको उतने ही दिन चुनाव लड़ना पड़ेगा।