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सालों से विभाग नहीं कर पाई रिकवरी, महानिदेशक के आदेश के बाद दोबारा से शुरू हुई कार्रवाई

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फर्रुखाबाद में स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से आयोजित कार्यशाला में नियमित टीकाकरण की दर को बढ़ाने और मिजिल्स-रूबेला (एमआर) टीकाकरण पर मंथन हुआ। इसमें शत-प्रतिशत बच्चों को हर जरूरी टीके लगाए जाने की रणनीति पर चर्चा हुई।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अवनीन्द्र कुमार ने कहा कि बच्चों को 12 जानलेवा बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए टीकाकरण के महत्व को समझना हर किसी के लिए जरूरी है। घर के आसपास लगने वाले टीकाकरण बूथ पर पहुंचकर बच्चों को जरूरी टीके समय से अवश्य लगवाएं।

समयानुसार नहीं लगवाए थे टीके
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी (डीआईओ) डॉ. प्रभात वर्मा ने कहा कि जिले के शहरी क्षेत्र में 8, राजेपुर में 5, बरौन में 9, शमसाबाद में 2, कमालगंज में 4, कायमगंज में 2, मोहम्दाबाद में एक बच्चे में मिजिल्स- रुबेला के लक्षण मिले हैं। इसके साथ ही कमालगंज में एक बच्चे में काली खांसी और कायमगंज में एक बच्चे में डिफ्थीरिया के लक्षण मिले हैं। इन सभी बच्चों के माता- पिता भय और भ्रान्ति के चलते समयानुसार टीके नहीं लगवाए थे।

जानलेवा बीमारियों से होता है बचाव
जनपदवासियों से अपील है कि बच्चों को टीके जरूर लगवाएं क्योंकि यह बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाते हैं। जिले में चलेगा विशेष अभियान डीआईओ ने बताया कि केंद्र सरकार के निर्देश पर वर्ष 2023 के अंत तक मिजिल्स-रूबेला के केस में कमी लाना है। इसलिए जिले में मिशन मोड़ में एक विशेष अभियान 9 जनवरी से 20 जनवरी, 13 फरवरी से 24 फरवरी और 13 मार्च से 24 मार्च तक चलाया जाएगा। इसमें किसी भी कारणवश टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों को टीके लगाए जाएंगे।

स्वास्थ्य केंद्र पर बच्चों को दिखाएं
उन्होंने कहा कि जिस बच्चे को बुखार आ रहा है और उसके शरीर पर लाल रंग के चकत्ते हैं तो अपने पास के स्वास्थ्य केन्द्र पर बच्चे को अवश्य दिखाएं। शरीर पर लाल चक्कते पड़ना, खुजली होना, सर्दी-जुखाम,छींकना, भूख नहीं लगना, तेज बुखार होना, सिरदर्द होना, पैरो में दर्द होना, चेहरे पर घावों के निशान हो जाते हैं और तीन दिन में पूरे शरीर, हाथ-पैरो में फैलने लगते हैं।

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