केंद्रीय कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने दो दिवसीय टेक्सटाइल कॉन्क्लेव में भाग लेने के लिए काशी पहुंचे उद्यमियों के साथ जलयान से गंगा विहार के दौरान कहा कि काशी तमिल संगमम परंपरा और संस्कृति के मिलन के साथ ही हस्तशिल्प सहित अन्य कलाओं के विनिमय का भी मौका है। देशभर से लोग काशी आ रहे हैं तो वे यहां की कला, उत्पाद और संस्कृति से भी जुड़ रहे हैं। संगमम में तमिलनाडु और काशी के बीच विभिन्न क्षेत्रों में कला के आदान प्रदान के बाद पूरी उम्मीद है कि बनारसी और कांजीवरम साड़ी नए कलेवर में दुनिया में छाएगी।
विवेकानंद रो पास पर गंगा विहार के दौरान केंद्रीय मंत्री ने उद्यमियों से कहा कि अगले 5-6 सालों के देश के कपड़ा निर्यात को बढ़ाकर 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य है। इस लक्ष्य के पूरा होने पर कपड़ा उद्योग का कुल मूल्य बढ़कर 250 अरब डॉलर हो जाएगा।
काशी और तमिलनाडु के हो रहे समागम की चर्चा
कपड़ा उद्योग का भविष्य बहुत ही विशाल और उज्ज्वल है। ऐसे में टेक्सटाइल कॉन्क्लेव में हम कपड़ा उद्योग के भविष्य को संवारने के लिए मंथन करेंगे। हम नए उत्पादों के साथ ही अलग अलग प्रदेशों के हस्तशिल्प के आदान प्रदान की भी योजना बनाएं। उन्होंने इस दौरान काशी तमिल संगमम के माध्यम से काशी और तमिलनाडु के हो रहे समागम की चर्चा की।
इस संगमम की चर्चा चारों और है और इस माध्यम से काशी और तमिलनाडु का जुड़ाव और मजबूत हुआ है। इससे पहले मंत्री गणों ने काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजा किया। इस दौरान रेल राज्य मंत्री दर्शना जरदोश भी मौजूद रहीं।
हस्तशिल्प के बढ़ावा दे रही है सरकार
क्यूआर कोड की व्यवस्था लागू
केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री दर्शना जरदोश ने हस्तशिल्प के नाम पर मशीनों से बनने वाले जीआई उत्पादों के लाभ के सवाल पर कहा कि यह संभव नहीं है। जीआई उत्पादों को क्यूआर कोड के जरिए पहचान दी जाती है। इसमें 75 वैरायटी को क्यूआर कोड से जोड़ा गया है।