अपर मुख्य सचिव कार्मिक व नियुक्ति डॉ देवेश चतुर्वेदी से चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ की एक टीम ने मुलाकात कर अपनी 10 मांगों को रखा। अपर मुख्य सचिव के साथ बैठक के दौरान महासंघ के सदस्यों ने आउटसोर्सिंग में ठेकेदार आधारित व्यवस्था का जमकर विरोध किया।
चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महामंत्री व राष्ट्रीय उप सचिव सुरेश यादव ने कहा कि चतुर्थ श्रेणी पर आउटसोर्सिंग के माध्यम से हजारों नौजवानों को रोजगार तो मिला है लेकिन उन्हें उनके मेहनत का पूरा पैसा खाते में नहीं मिल रहा है। मेहनत की कमाई को ठेकेदार कटौती के साथ आउटसोर्सिंग कर्मचारी को देता है। अपर मुख्य सचिव कार्मिक व नियुक्ति से विशेष आग्रह है कि ठेकेदार आधारित इस व्यवस्था को समाप्त कर सीधे तौर पर आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के खाते में उनके मेहनत का पैसा भेजने की व्यवस्था कराई जाए।
कर्मचारी नेता सुरेश यादव ने उत्तर प्रदेश में चार लाख पचास हजार चतुर्थ श्रेणी पदों को भरे जाने की मांग उठाते हुए भी कहा कि इस बिंदु पर अपर मुख्य सचिव विशेष रूप से ध्यान दें, जिससे निचले स्तर पर चलने वाली व्यवस्था को और सुदृढ़ किया जा सके।
अपर मुख्य सचिव कार्मिक व नियुक्ति डॉ देवेश ने महासंघ के सदस्यों की वार्ता के दौरान रुके हुए 1900 ग्रेड पे को सामूहिक रूप से देने का निर्देश दिया। अपर मुख्य सचिव ने ठेकेदार आधारित व्यवस्था पर विचार करने, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के हित में विभिन्न 10 बिंदुओं में तत्काल संभव विषयों पर शीघ्र निर्णय लेने की बात कही।