मध्यप्रदेश के मौसम में साइक्लोन मैंडूस का असर दिखाई देने लगा है। इस मौसम में पहली बार दिन में लोगों को ठंड का एहसास हुआ। मंगलवार को तो दिन भर सूरज भी नहीं निकला। ऐसे में दिन का पारा रात के बराबर हो गया। दिन में अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया, जबकि रात में 15 से 20 डिग्री न्यूनतम तापमान चल रहा है। हालांकि ग्वालियर-चंबल क्षेत्र पर इस सिस्टम का असर नहीं पड़ा है।
बंगाल की खाड़ी में बने साइक्लोन मैंडूस के असर से मध्यप्रदेश में सीजन में दूसरी बार मावठा गिरा। भोपाल में बूंदाबांदी और हल्की बारिश हुई। रायसेन, सीहोर, नर्मदापुरम, जबलपुर में भी मावठा गिरा। भोपाल में चौबीस घंटों के दौरान आधा इंच बारिश हो गई। इससे मंगलवार को दिन का पारा 9 डिग्री गिरकर 18.8 डिग्री सेल्सियस आ गया। रात का पारा 16.2 डिग्री रहा। रात के बराबर दिन का पारा आ गया। इंदौर में भी दिन का पारा 3.2 डिग्री सेल्सियस गिरकर 25 डिग्री सेल्सियस आ गया। उज्जैन में तो दिन का पारा सबसे ज्यादा 10 डिग्री सेल्सियस गिरकर 22 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। धार, ग्वालियर, पचमढ़ी, रतलाम, सागर, सतना, में 2 से लेकर 6 डिग्री तक पारा गिर गया।
राजधानी भोपाल तो मंगलवार को बीते तीन साल में सबसे सर्द रही। दिन का अधिकतम तापमान मंगलवार को 18.2 डिग्री तक ही पहुंच सका। इससे पहले वर्ष 2019 में 6 दिसम्बर को दिन का तापमान 17.9 डिग्री सेल्सियस रहा था। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह के अनुसार अरब सागर के पूर्वी मध्य हिस्से में चक्रवात मैंडूस सक्रिय है। दक्षिण पूर्वी और दक्षिण पश्चिमी के साथ बंगाल की खाड़ी से नमी आ रही थी। अब अरब सागर से भी नमी मिल रही है। इसके कारण इंदौर, खंडवा, नर्मदापुरम, शहडोल और सागर, भोपाल के नवीबाग, दमोह, बैतूल और छिंदवाड़ा में बारिश ज्यादा हुई। इन इलाकों में 5 से 6 डिग्री तक तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। मंगलवार दोपहर बाद इंदौर में भी तेज बारिश हुई। इससे ठंडक भी बढ़ गई। इंदौर के पश्चिम इलाके में तेज बारिश हुई। राउ बायपास के साथ कैंट रोड सेमत आसपास के इलाकों में करीब आधे घंटे तक पानी गिरा।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार बादलों के कारण दिन की अपेक्षा रात का तापमान बढ़ गया है। भोपाल और उसके आसपास रात में 15 से 16 डिग्री सेल्सियस, जबकि ग्वालियर, चंबल, बुंदेलखंड और बघेलखंड में तापमान 12 से 14 डिग्री सेल्सियस चल रहा है। यह स्थिति अभी दो दिन रहेगी। कल से बारिश कम हो जाएगी। बादल छंटने से मौसम बदलने लगेगा।