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Prayagraj Sangam : तीन छात्रों के डूबने से मचा कोहराम, बेटे के शव से लिपटकर खूब रोए पिता

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संगम में तीन छात्रों के डूबने के बाद घाट पर मौजूद गमगीन परिजन।

 

संगम में डूबे तीन छात्रों की खोजबीन के क्रम में शाम चार बजे के करीब जैसे ही अमन कुशवाहा का शव मिला, घाट पर कोहराम मच गया। गोताखोर शव जैसे ही नदी से निकालकर बाहर आने लगे, परिजन फूट-फूटकर रोने लगे। पिता राजीव बेटे के शव से लिपटकर बिलखने लगे। उनकी हालत देख वहां मौजूद अन्य लोगों की भी आंखें भर आईं। रिश्तेदारों ने किसी तरह उन्हें संभाला और तब शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा सका। उधर प्रवण दुबे व हिमांश सचान के परिजन भी गमगीन रहे।

मनीष के सूचना देेने पर अमन व प्रणव के परिजन रात में ही संगम नोज पर पहुंच गए थे। वह पुलिस से मिन्नतें करते रहे लेकिन रात का वक्त होने की वजह से गोताखोरों को नदी में नहीं उतारा जा सका। बुधवार सुबह आठ बजे के करीब जल पुलिस की टीम तीनों दोस्तों की तलाश में जुटी। कुछ देर बाद एसडीआरएफ की टीम को भी बुला लिया गया। गोताखोर तलाश में जुटे रहे लेकिन तीनों दोस्तों का कुछ पता नहीं चला

प्रत्यक्षदर्शी दोस्त नहीं बता पा रहा था सही स्थान
संगम से लेकर झूंसी छतनाग व अरैल तक खोजबीन की जाती रही लेकिन नाकामी ही हाथ लगी। दरअसल, घटना का एकमात्र प्रत्यक्षदर्शी मनीष ही था लेकिन वह भी सही से उस स्थान के बारे में नहीं बता पा रहा था, जहां उसके दोस्त डूबे। उसका कहना था कि जिस वक्त घटना हुई, हल्का अंधेरा भी होने लगा था। इसके अलावा अपनी आंखों के सामने दोस्तों को डूबता देखने की वजह से वह बेहद घबराया भी हुआ था।

घंटों की मशक्कत के बाद एक शव बरामद

ऐसे में सही स्थान का पता न चलने के कारण ही गोताखोरों को दिक्कतें हुईं। हालांकि तलाशी अभियान चलता रहा और आखिरकार अमन को ढूंढ़ लिया गया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। गोताखोर शव लेकर बाहर निकले तो घाट पर चीखपुकार मच गई। अमन के परिजन फूट-फूटकर रोने लगे। पिता तो बेटे का शव देखकर बदहवास से हो गए। उनकी हालत देखकर अन्य परिजनों की भी आंखें नम हो गईं। किसी तरह रिश्तेदारों ने उन्हें संभाला और तब जाकर पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज सकी

इंजीनियर बनना था सपना
अमन के पिता राजीव कुशवाहा किसानी करते हैं। उनके तीन बच्चों में अमन सबसे बड़ा था। वह 12वीं की पढ़ाई कर रह था। उसका सपना इंजीनियर बनना था, ऐसे में 12वीं की पढ़ाई के साथ-साथ उसने आईआईटी प्रवेश परीक्षा के लिए कोचिंग भी शुरू कर दी थी। घर में उससे छोटा एक भाई व एक बहन है। उधर नदी में डूबे अन्य दोनों छात्रों के परिजन भी गमगीन रहे। प्रणव के पिता योगश भी खेती करते हैं और वह घर का इकलौता बेटा है। उसकी एक बहन है जो उससे छोटी है। उधर हिमांश सचान के पिता दवा का व्यवसाय करते हैं। वह दो भाइयों में बड़ा है।
संगम तट पर लगातार हो रहे हादसों का जिम्मेदार कौन

संगम तट पर लगातार हो रहे हादसों से स्नानार्थियों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। पिछले कुछ सालों से लगातार ऐसे हादसे हो रहे हैं, जिनमें निर्दोषों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है। पुलिस-प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था कि लाख दावे करे लेकिन सबसे ज्यादा सवालों के घेरे में उसकी ही कार्यप्रणाली है।

स्नानार्थियों की सुरक्षा की दृष्टि से संगम तट पर जल पुलिस क ी एक स्थायी चौकी स्थापित की गई है। इसमें एक इंस्पेक्टर के नेतृत्व में एक दर्जन से ज्यादा पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। संगम में किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने पर बचाव कार्य तुरंत शुरू कराया जा सके, इसी मंशा से यह कवायद की गई। इसके अलावा घाट पर मौजूद रहकर स्नानार्थियों को गहरे पानी में जाने से रोकने व उन्हें चेताने की जिम्मेदारी भी इसी टीम पर है।

इसके बावजूद संगम में स्नानार्थियों के डूबने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। ज्यादातर घटनाओं के बाद पुलिस की ओर से बताया जाता है कि स्नानार्थी खुद ही गहराई में चले गए और इस कारण से वह हादसे का शिकार हुए। सवाल यह है कि जब वहां जल पुलिस की तैनाती की गई है तो स्नानार्थियों को गहराई में जाने से क्यों नहीं रोका जाता। जल पुलिस के जवान पहले से ही एहतियाती कदम क्यों नहीं उठाते

                      

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