हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही सचिवालय में मंत्री का कमरा नंबर 202 चर्चा में आ गया है। ऐसा माना जाता है कि इस कमरे में जो भी मंत्री बैठे हैं, वह अगला चुनाव नहीं जीत पाए हैं। अभी मंत्रिमंडल का विस्तार होना है। जो विधायक मंत्री पद को लेकर आश्वस्त हैं, उनके समर्थक इस कमरे में न बैठने की सलाह दे रहे हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय की ऊपरी मंजिला में दाईं तरफ का यह पहला कमरा है।
पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की सरकार में यह कमरा पूर्व मंत्री सिंघीराम को दिया गया था। इसके बाद भाजपा सरकार सत्ता में आई और यह कमरा पूर्व बागवानी मंत्री नरेंद्र बरागटा को दिया गया। फिर कांग्रेस के सत्ता में आने पर यह कमरा धर्मशाला से कांग्रेस विधायक सुधीर शर्मा को अलॉट किया गया। वह भी अगला चुनाव हार गए थे।
इसके बाद भाजपा की सरकार आने पर यह कमरा पूर्व जनजातीय मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा को दिया गया। इस बार के विधानसभा चुनाव में उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा। सचिवालय में सोमवार को यह कमरा चर्चा का विषय बना रहा। हालांकि, यह कमरा दिन भर बंद रहा। कमरे के बाहर स्टाफ भी मौजूद नहीं था।
क्रिस्टन हॉल का भी यही हाल
क्रिस्टन हॉल नेता प्रतिपक्ष के लिए है। इसमें भी आज तक जो नेता प्रतिपक्ष और मंत्री रहे, वे भी दूसरी बार नहीं जीत पाए हैं। दिवंगत पंडित सुखराम, रामलाल ठाकुर, नेता प्रतिपक्ष रहे प्रेम कुमार धूमल और अब भाजपा सरकार में यह कमरा पूर्व पंचायतीराज मंत्री वीरेंद्र कंवर को अलॉट किया गया। वह भी चुनाव हार गए हैं।
मंत्रियों के कमरों से निकाले भाजपा नेताओं के फोटो
सचिवालय में मंत्रियों के कमरों को सजाया जा रहा है। कमरों में लगाए गए भाजपा के शीर्ष नेताओं के फोटो को निकालकर स्टोर के बाहर रख दिया गया है। इन कमरों में अब कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के फोटो लगाए जाने हैं।