अंकिता भंडारी के हत्यारोपियों का नार्को टेस्ट कराने के लिए एसआईटी ने शुक्रवार को न्यायालय में अर्जी दे दी। न्यायालय इस पर सोमवार को सुनवाई करेगा। बताया जा रहा है कि हां या ना पर सोमवार को ही फैसला हो सकता है।
अंकिता हत्याकांड में शुरुआत से ही वीआईपी के नाम के खुलासे की मांग की जा रही है। पुलिस पर आरोप भी लगे हैं कि जानबूझकर वीआईपी का नाम उजागर नहीं किया जा रहा है। विभिन्न राजनीतिक दल भी इस बात को उठा चुके हैं।
ऐसे में परिजनों ने कुछ दिन पहले आरोपियों का नार्को टेस्ट कराने की मांग की थी। इस पर एसआईटी भी विचार करने लगी थी। पिछले दिनों एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी मुरुगेशन ने भी कहा था कि एसआईटी ने वीआईपी का नाम जानने के लिए नार्को टेस्ट का फैसला किया है।
एडीजी मुरुगेशन ने बताया कि नार्को टेस्ट के लिए शुक्रवार को न्यायालय में अर्जी दे दी गई है। न्यायालय इस अर्जी पर दोनों पक्षों को सोमवार को सुनेगा। इसके बाद ही नार्को टेस्ट कराने या न कराने पर फैसला किया जा सकता है। पुलिस ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। नार्को टेस्ट की मांग के लिए उनके पास पूरे आधार हैं। बहुत से ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब पुलिस को आरोपियों से चाहिए।
बता दें कि 18 सितंबर को पौड़ी निवासी अंकिता भंडारी रिजॉर्ट से गायब हुई थी। तीन दिन पटवारी पुलिस ने मामले में हीलाहवाली की तो 21 सितंबर की रात को जांच रेगुलर पुलिस को सौंप दी गई थी। पुलिस जांच में पता चला कि 18 सितंबर की रात में ही नहर में धक्का देकर अंकिता की हत्या कर दी गई थी।
इस मामले में मुख्यमंत्री के आदेश पर एसआईटी का गठन कर दिया गया था। डीआईजी पी रेणुका देवी के नेतृत्व वाली एसआईटी ने रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य और उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया था। तीनों से तीन दिनों तक पुलिस ने कस्टडी में भी पूछताछ की थी।
इन सवालों के मिल सकते हैं जवाब
- टेस्ट के दौरान आरोपी वीआईपी का नाम बता सकते हैं।
- नहर किनारे वास्तव में क्या हुआ था, यह भी उगल सकते हैं।
- अंकिता के साथ कुछ गलत किया या नहीं, इस बात की जानकारी मिल सकती है।
- इस मामले में उनका कोई और मददगार तो नहीं, यह बात भी वह बता सकते हैं।
- मोबाइल नहर में फेंके हैं या फिर कहीं और छुपाए हैं, यह जानकारी भी हो सकती है।