मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में स्थित ग्राम मांडवी में मंगलवार शाम को बोरवेल में गिरे छह वर्षीय तन्मय को 84 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बावजूद बचाया नहीं जा सका। शनिवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे उसका शव बाहर निकाला गया। पोस्टमॉर्टम के बाद बैतूल जिला अस्पताल से परिजन तन्मय के शव को लेकर गांव पहुंचे और घर से 15 मिनट बाद उसकी अंतिम यात्रा निकली, जिसमें पूरा गांव शामिल हुआ। तन्मय का ताप्ती घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। चाचा राजेश साहू ने मुखाग्नि दी। सैकड़ों लोगों ने उसे नम आंखों से अंतिम विदाई दी।
इधर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए परिजनों को चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री चौहान ने शनिवार को ट्वीट के माध्यम से कहा कि अत्यंत दुखद है कि बैतूल के मांडवी गांव में बोरवेल में गिरे नन्हे तन्मय को प्रशासन के अथक प्रयासों के बाद भी नहीं बचाया जा सका। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और परिजनों को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं। उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में तन्मय का परिवार स्वयं को अकेला न समझे, मैं और संपूर्ण मध्यप्रदेश परिवार के साथ है। राज्य सरकार की ओर से पीड़ित परिवार को चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जायेगी। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें। विनम्र श्रद्धांजलि।
क्षेत्रीय सांसद दुर्गादास उइके ने ट्वीट किया कि बैतूल जिले के ग्राम मांडवी में बोरवेल में गिरे मासूम बच्चे तन्मय को बचाने के लिए प्रशासन ने सारी कोशिशें कीं, परंतु शायद ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था। मासूम तन्मय आज हमारे बीच नहीं रहा। मासूम तन्मय के यू चले जाने की सूचना से मन स्तब्ध है, हृदय व्यथित है।
गौरतलब है कि ग्राम मांडवी निवासी सुनील साहू का छह वर्षीय बेटा तन्मय मंगलवार शाम को खेत में खेलते समय खुले बोरवेल में गिरा था। सूचना मिलने के बाद जिला प्रशासन का अमला एनडीईआरएफ और एसडीईआरएफ की टीम के साथ मौके पर पहुंचा और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया था।
बैतूल कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस ने बताया कि बोर 400 फीट गहरा था, जिसमें बच्चा करीब 39 फीट की गहराई में फंसा था। रेस्क्यू टीम ने बोरवेल के समानांतर 44 फीट गहरा गड्ढा खोदा। इसके बाद 10 फीट की सुरंग खोदी गई। रेस्क्यू टीम शनिवार तड़के 3.00 बजे बच्चे के करीब पहुंच गई थी। सुबह 5.00 बजे तक शव को बाहर निकाला जा सका। इसके बाद 7.00 बजे बैतूल के जिला अस्पताल में शव को लाया गया। बोरवेल में पानी की वजह से शव गल गया था। जिला अस्पताल में पांच डॉक्टरों की टीम ने शव का पोस्टमार्टम किया। इसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।
बैतूल एडीएम श्यामेंद जायसवाल ने बताया कि तन्मय के शरीर को जब निकाला गया, तो वह डीकम्पोज की स्थिति में था। पोस्टमार्टम की शॉर्ट रिपोर्ट में जो जानकारी मिली है, उसमें चेस्ट कंजेशन (सीने में जकड़न) और पसलियों में चोट सामने आई है।
इधर, मासूम की मौत के बाद चार दिन तक चले रेस्क्यू को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं। जिस स्थान पर बोरवेल था, वह पथरीला क्षेत्र है। कुछ फीट की गहराई के बाद मुरम और चट्टान है। घटना का पता चलने के बाद एसडीईआरएफ की टीम जब मौके पर पहुंची तो बोरवेल के पास सुरंग बनाने का काम शुरू किया गया। तकनीकी जानकारों का मानना है कि क्षेत्र की जमीन कैसी है, इसका आकलन किए बिना ही खुदाई करने का निर्णय ले लिया गया। छह फीट की खोदाई करने के बाद जब पोकलेन मशीन और बुलडोजर से पत्थरों को तोड़ने में मुश्किलें आने लगीं, तब दूसरी ओर से खुदाई करने का निर्णय लिया गया। पूरी रात खोदाई के बाद भी कुछ हासिल नहीं हो पाया। इसके बाद भी प्रशासन और बचाव दल ने किसी अन्य विकल्प और सेना की मदद लेने जैसा कदम नहीं उठाया।