दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम आगरा में खरीदे गए 10 एमवीए के पावर ट्रांसफार्मरों के परीक्षण एवं निरीक्षण में लापरवाही पर एक सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता व चार अधिशासी अभियंताओं पर कार्रवाई की गई है। पावर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष एम. देवराज ने मंगलवार को इन अभियंताओं के खिलाफ कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए। राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ के अध्यक्ष रहे सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता वेद प्रकाश सिंह की पेंशन में 15 प्रतिशत की कटौती तथा उनसे 3,44,030 रुपये वसूली के आदेश दिए गए हैं। अधिशासी अभियंता जयेंद्र कुमार गुप्ता व अनीश कुमार माथुर को परिनिंदा प्रविष्टि के साथ उनका मूल वेतन घटाते हुए 3,44,030 -3,44,030 रुपये की वसूली के आदेश दिए गए हैं। अधिशासी अभियंता राम लखन व मनोज कुमार को परिनिंदा प्रविष्टि देते हुए दो वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक लगाई गई है।
दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम में 2011 में 33/11 केवी 10 एमवीए क्षमता के चार पावर ट्रांसफॉर्मरों की खरीद की गई थी। ये ट्रांसफॉर्मर एक्यूरेट ट्रांसफॉरमर्स लि. गाजियाबाद से खरीदे गए थे। ये ट्रांसफॉर्मर कानपुर, एटा में लगवाए गए। 2018 में क्षतिग्रस्त होने पर ट्रांसफॉमरों को मरम्मत के लिए मेरठ की एक वर्कशॉप में भेजा गया तो पता चला कि यह छह एमवीए का ही। 2019 में क्षतिग्रस्त होने पर ट्रांसफॉर्मर को मरम्मत के लिए लखनऊ की एक वर्कशॉप में भेजा गया तो इसमें और तकनीकी कमियों का खुलासा हुआ। इसके बाद पावर कॉर्पोरेशन प्रबंधन ने ट्रांसफॉर्मरों की आपूर्ति से पहले उसका परीक्षण और निरीक्षण करने वाले तत्कालीन अभियंताओं की जिम्मेदारी तय करते हुए जांच शुरू करा दी।
जांच में तत्कालीन सहायक अभियंता (इक्वेटर) वेद प्रकाश सिंह, तत्कालीन अधिशासी अभियंता (परीक्षण) जयेंद्र कुमार गुप्ता, तत्कालीन सहायक अभियंता अनीश कुमार माथुर, तत्कालीन अधिशासी अभियंता विद्युत माध्यमिक कार्य खंड बांदा तथा तत्कालीन अधिशासी अभियंता विद्युत परीक्षण खंड उरई को दोषी ठहराते हुए इनके खिलाफ कार्रवाई तथा पावर कॉर्पोरेशन को हुई क्षति की वसूली की सिफारिश की गई थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर पावर कॉर्पोरेशन प्रबंधन ने इन अभियंताओं के खिलाफ कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं।
रिश्वतखोरी के आरोप में जेई निलंबित
उधर, गोरखपुर में विद्युत वितरण खंड चौरी चौरा के अंतर्गत विद्युत उपकेंद्र अमहिया के अवर अभियंता रघुवीर प्रसाद को रिश्वतखोरी के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। रघुवीर प्रसाद पर एक उपभोक्ता के यहां बिना मीटर लगाए कनेक्शन देने तथा कनेक्शन जारी करने में अपने निविदा कर्मियों के जरिये रिश्वत लेने का दोषी पाया गया है। विद्युत वितरण मंडल प्रथम गोरखपुर के अधीक्षण अभियंता विनोद कुमार ने रघुवीर प्रसाद के निलंबन के आदेश जारी किए हैं। जेई, लाइनमैन तथा संविदा कर्मियों के खिलाफ गोरखपुर में एफआईआर भी दर्ज कराई गई है।