कभी आतंकवाद के गढ़ के रूप में पहचान रखने वाले कुपवाड़ा जिले के पंजगाम इलाके से निकलकर नौ युवा अग्निवीर परीक्षा में सफल हुए। सफल युवाओं ने अपनी सफलता का श्रेय आर्मी कैंप पंजगाम और हाजीपीर ब्रिगेड कमांडर को दिया, जिन्होंने परीक्षा के लिए तैयारी करने में उनकी मदद की।
इन अभ्यर्थियों ने 13 नवंबर को लिखित परीक्षा दी थी। परीक्षा में पास होने वाला युवा तनवीर अहमद ख्वाजा विधवाओं के गांव के नाम से मशहूर दर्दपोरा का रहने वाला है। इस गांव के लोगों का एक बड़ा समूह आतंकवाद के शुरुआती दौर 90 के दशक की शुरुआत के दौरान प्रशिक्षण के लिए सीमापार चला गया था।
घाटी में लौटने के बाद या तो वे मारे गए या आत्मसमर्पण करना पड़ा। इसके कारण गांव में बड़ी संख्या में महिलाएं विधवा हो गईं। अब इस गांव को विधवाओं के गांव के नाम से जाना जाता है। ऐसे में तनवीर के समर्पण और अग्निवीर बनने की लगन ने उसके पूरे गांव और परिवार को गौरवान्वित किया।
अग्निवीर योजना जनवरी में युवाओं के लिए सशस्त्र बलों में चार वर्ष के लिए शामिल होने के लिए शुरू की गई थी। इसमें युवा स्नातक की डिग्री के साथ चार साल की छोटी अवधि के लिए सेवा कर सकते हैं। चार साल की समाप्ति पर, उनके पास दूसरी पारी शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता और अनुभव होगा।
युवाओं को अग्निवीर के लिए तैयार करने में हाजीपीर ब्रिगेड कमांडर त्रेहगाम की भूमिका महत्वपूर्ण रही, जिसमें सैन्य शिविर पंजगाम द्वारा भर्ती रैली के लिए कुल 92 उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया गया था। 53 ने पट्टन में 26-27 सितंबर 2022 को हुए शारीरिक और मेडिकल टेस्ट में सफलता हासिल की थी।
इसमें से 9 युवा अंतिम लिखित परीक्षा में सफल हुए हैं, अब ये प्रशिक्षण से गुजरेंगे। सेना किस प्रकार स्थानीय युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ रही है यह प्रक्रिया सेना और स्थानीय लोगों के बीच एक सकारात्मक बंधन को दर्शाती है।