जम्मू कश्मीर में इस वर्ष डेंगू के डंक का प्रकोप कुछ ज्यादा ही घातक साबित हुआ। इस मच्छर ने पहली बार स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम के माथे पर शिकन ला दी और कई प्रयासों के बावजूद काबू में नहीं आया। इसने 8160 लोगों को रोगी बनाया और 18 लोगों की जान ली।
अब ठंड बढ़ने के बाद खुद ही अपनी मौत मर रहा है। ठंडे पानी में नया लारवा नहीं पनप पा रहा, और पहले से पैदा हो चुके मच्छर भी धीरे-धीरे खत्म हो रहे हैं। प्रदेश में अब दैनिक आधार पर पांच से कम मामले मिल रहे हैं। जम्मू में सोमवार को चार नए मामले मिले।
अन्य सभी 19 जिलों में कोई नया मामला नहीं आया। इस साल जिला जम्मू डेंगू से सर्वाधिक प्रभावित रहा है। यहां, डेंगू के 5487 मामले सामने आए। इसके बाद उधमपुर दूसरे नंबर पर रहा, जहां अब तक डेंगू के 828 मामले मिल चुके हैं।
इस साल पहली बार प्रदेश में रिकॉर्ड 30621 डेंगू के परीक्षण करवाए जा चुके हैं। डेंगू के रोगियों का इस वर्ष का आंकड़ा भी प्रदेश में अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है। 30 नवंबर से प्रदेश में डेंगू के मामलों में उतार चढ़ाव जारी है, और इसमें कई दिन 10 से कम मामले मिले हैं।
एसएमजीएस अस्पताल में भी विशेष डेंगू वार्ड में नाममात्र के लिए डेंगू के मामले हैं। इसी तरह जीएमसी के भी डेंगू सहित अन्य सामान्य वार्डों में डेंगू के मामलों में गिरावट आई है। इस साल जम्मू संभाग के सभी 10 जिले डेंगू से प्रभावित रहे हैं। बच्चों में अब डेंगू के मामले नहीं मिल रहे हैं।