राजस्थान के बाड़मेर में जिले में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। जहां एक तीन साल की मासूम बेटी को बचाने की कोशिश में गर्भवती महिला जिंदा जल गई। उसने बेटी की जान बचा ली, लेकिन आग की चपेट में आने से वह गंभीर रूप से झुलस गई। गंभीर हालत में महिला को गंभीर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
जानकारी के अनुसार यह दर्दनाक घटना सेड़वा थाना इलाके के शोभाला दर्शन गांव की है। सोमवार रात को महिला ने पति के चाय बनाई थी, जिसके बाद वह अपनी तीन साल की बच्ची के पास जाकर सो गई। कुछ देर बाद नहीं में उसे गर्मी जैसी महसूस हुई तो उसने देखा की झोपड़ी में आग लग गई है। आग घिरी महिला मासूम बच्ची को उठाकर बाहर की ओर भागी और बच्ची को सुरक्षित जगह पर पहुंचा। कुछ जरूरी सामान लेने के लिए महिला एक बार फिर झोपड़ी के अंदर चली गई। इस दौरान झोपड़ी की छत गिरने से वह आग की चपेट में आ गई।
आसपास के लोगों ने पानी और मिट्टी डालकर आग पर काबू और महिला को इलाज के लिए सेड़वा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे, जहां प्राथमिकी उपचार के बाद उसे सांचौर रेफर कर दिया गया। अस्पताल पहुंचने से पहले महिला की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि चाय पीने के बाद महिला का पति पास की दूसरी झोपड़ी में सोने के लिए चला गया था।
सूचना पर मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने बताया कि झोपड़ी में जल रही लालटेन के कारण आग लगी है। इससे झोपड़ी में रखा पूरा सामान जलकर खाक हो गया है। वहीं, आग की चपेट में आने से गर्भवती महिला 80 फीसदी झुलस गई थी। प्रशासन ने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।